Thursday, April 12, 2018

Opinion on Syria attack

सीरिया पर मिसाइल हमला की अमेरिकी धमकी

 

सीरिया में गोता क्षेत्र के पास रासायनिक हथियारों के हमले को बुनियाद बनाकर राष्टï्रपति ट्रम्प ने बुधवार को रूसी नेताओं को यह धमकी दी थी कि दुनिया के सबसे अधिक विकसित मिसाइल अमेरिका की तरफ से दागे जाने वाले हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस को धमकी दिया था कि मिसाइल आ रहे हैं। यह बड़ी खतरनाक धमकी थी, क्योकि सीरिया सरकार और रूसी फौज का कहना है कि यह रासायनिक हमला उनकी तरफ से नहीं हुआ है। उन्होंने इसकी निष्पक्ष जांच की भी मांग की और यह कहा कि संयुक्त राष्टï्र संघ की संस्था को सीरिया आकर जांच करने की इजाजत है। रूस ने यह भी कहा था कि इस संस्था के सदस्यों को रूस पूरी सुरक्षा की गारण्टी देता है। इसके बावजूद डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को तुरन्त मिसाइल दागने की बात कही और संयुक्त राष्टï्र संघ की सुरक्षा परिषद में रूसी प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
 रासायनिक हथियारों से हमला नि:संदेह एक अत्यंत निंदनीय कार्य है, परन्तु यह जानना आवश्यक है कि यह किसने किया। सीरिया की सरकार और रूसी नेतृत्व शुरू से कह रहे है कि उनकी तरफ से ऐसा कोई हमला नहीं हुआ। उनको ऐसे किसी हमले की आवश्यकता भी नहीं है, क्योंकि सीरिया के ९० प्रतिशत भाग से विद्रोहियों को खदेड़ा जा चुका है और विद्रोहियों के पांव महीनों पहले उखड़ गये थे। आवश्यकता इस बात की थी कि यह मालुम किया जाये कि यह हमला किसने किया है। सीरिया में २००० अमेरिकी सैनिक हैं, जो आक्रमणकारी हैं, क्योंकि उन्हें सीरिया सरकार ने नहीं बुलाया है। विद्रोहियों का मुख्य समर्थक सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात है, जिन्हें अमेरिका की सहायता प्राप्त है। यह सब लोग सीरिया की अन्तर्राष्टï्रीय स्तर पर मान्य सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं। रूस सीरिया की सरकार की दरख्वास्त पर सीरिया में आया है। अत: उसके सीरिया में होने को अन्तर्राष्टï्रीय कानून का संरक्षण प्राप्त है। सीरिया में विद्रोहियों के पांव उखडऩे से अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब और गल्फ की राजशाहियों की बड़ी भद्द हुई है। इसलिए यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता कि यह रासायनिक हथियार किसने इस्तेमाल किये। अमेरिका इस संबंध में किसी निष्पक्ष जांच के लिए भी तैयार नही है, चाहे वह जांच संयुक्त राष्टï्र की संस्था द्वारा ही करायी जाये। बुधवार को ऐसा लगा कि अमेरिका रूस के साथ युद्घ की तरफ बढ़ रहा है और ऐसे युद्घ से दूरी इंचों में रह गई है।
   समय रहते अमेरिका के कुछ नेताओं ने शायद स्थिति की गंभीरता को समझा। सीरिया में अमेरिका का कोई राष्टï्रहित भी खतरे में नहीं है, अत: तथाकथित इस्लामिक राज्य समर्थित विद्रोहियों को बचाने के लिए सीरिया पर मिसाइल हमला किसी भी तरह जायज नहीं कहा जा सकता। अब अमेरिकी सरकार ने कहा है कि मिसाइल हमले के बारे में अभी फैसला नहीं हुआ है। अपने प्रथम बयान के २४ घंटे बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कहा है कि हो सकता है कि यह हमला बाद में हो। लगता है कि परमाणु युद्घ का खतरा टल सा गया है और रूस की यह धमकी कारगर हुई है कि रूस अमेरिकी मिसाइलों और उनके छोड़े जाने के स्थानों को नष्टï कर देगा।
 डोनाल्ड ट्रम्प के बारे में यह भावना बढ़ती जा रही है कि वह घोषणा पहले करते हैं और सोचते बाद में है। यही हाल उत्तर कोरिया को दी गई धमकी का था और ईरान पर लगातार धमकियों का। ऐसा लगता है कि इस युद्घोन्माद से विश्व शांति कम से कम तीन वर्षों तक खतरे में रहेगी।

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