मुइज़ सागरी
सण्डीला। काला मोतियाबिंद/सम्बलबाई नेत्रों का एक ऐसा रोग है जो अधिकांश रोगियों में बिना दर्द/लक्षण के आंख के पर्दे (रेटना) में अपूर्णीय क्षति पंहुचाता रहता है। जब तक रोगी को लक्षणों का पता चलता है,आंखों के पर्दों को अपूर्णीय क्षति हो चुकी होती है।
हरदोई में पेश आया चिकित्सा जगत को हैरान कर देने वाला वाकिया
ये बात चरक हॉस्पिटल के डॉ0अश्वनी सिंह ने कही उन्होंने बताया कि"विश्व ग्लोकोमा सप्ताह" पर चरक हाॅस्पिटल में 16 मार्च तक वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा गुलूकोमा हेतु परामर्श एवम् जांचें नि:शुल्क उपलब्ध करवा रहा है। इसके अतिरिक्त जांच में 50 प्रतिशत छूट पर उपलब्ध है।चरक के चिकित्सकों ने बताया 40 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को ये जांचे अवश्य करवानी चाहियें जिससे समय रहते रोग का निदान एवम् उपचार हो सके।
सण्डीला। काला मोतियाबिंद/सम्बलबाई नेत्रों का एक ऐसा रोग है जो अधिकांश रोगियों में बिना दर्द/लक्षण के आंख के पर्दे (रेटना) में अपूर्णीय क्षति पंहुचाता रहता है। जब तक रोगी को लक्षणों का पता चलता है,आंखों के पर्दों को अपूर्णीय क्षति हो चुकी होती है।
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ये बात चरक हॉस्पिटल के डॉ0अश्वनी सिंह ने कही उन्होंने बताया कि"विश्व ग्लोकोमा सप्ताह" पर चरक हाॅस्पिटल में 16 मार्च तक वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा गुलूकोमा हेतु परामर्श एवम् जांचें नि:शुल्क उपलब्ध करवा रहा है। इसके अतिरिक्त जांच में 50 प्रतिशत छूट पर उपलब्ध है।चरक के चिकित्सकों ने बताया 40 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को ये जांचे अवश्य करवानी चाहियें जिससे समय रहते रोग का निदान एवम् उपचार हो सके।
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