Saturday, April 7, 2018

The Cable Television Networks (Regulation) Act, 1995


केबल टेलीविजन नेटवर्क का परिचालन अधिनियम 1995

     भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय नई दिल्ली के निर्देशों के अन्तर्गत केबल टेलीबिजन नेटवर्क का परिचालन अधिनिमय के अनुसार करने की सुविधा प्रदान की गई है।
    केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियम) अधिनियम 1995 की धारा 11 के अन्तर्गत स्थानीय केबल चैनल/केबल टेलीविजन नेटवर्क का नवीन परिचालन प्रारंभ करने के लिए डाकघर में पंजीकरण आवश्यक है। अगर कोई भी केबल टेलीविजन नेटवर्क का संचालक बिना डाकघर में पंजीकरण करता है, तब उसे बंद कराने की कार्यवाही प्राधिकृत अधिकारी, अनुविभागीय दण्डाधिकारी द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही केबल टेलीविजन नेटवर्क के परिचालन के लिए प्रयुक्त उपकरण को कब्जे में लेने का अधिकार भी एसडीएम को होगा।
    अधिनियम की धारा 19 के अन्तर्गत प्राधिकृत अधिकारी को यह भी अधिकार प्राप्त है कि वह जनहित में कुछ ऐसे कार्यक्रमों का प्रसारण निषिद्व कर दे। जो कार्यक्रम या चैनल धारा 5 में संदर्भित कार्यक्रम कोड तथा अधिनियम की धारा 6 में संदर्भित विज्ञापन कोड के अनुरूप चलाया नहीं जाता है अथवा जो कार्यक्रम किसी धर्म, प्रजाति, भाषा, जाति या समुदाय या किसी अन्य आधार पर भिन्न-भिन्न धार्मिक प्रजातीय, भाषागत या क्षेत्रीय दलों या जातियों या समुदाय के बीच असमरसता या सत्रुता, घृणा की भावना या दुर्भावना फैलाता हो अथवा जो भी सार्वजनिक शांति को भंग करने पर धारा 16 के अन्तर्गत दण्ड का पात्र होगा।
    स्थानीय डाकघर में पंजीकरण करवाए बिना केबल टेलीविजन नेटवर्क का परिचालन करना (धारा 3), अनिवार्य कैस (सीएएस) के लिए अधिसूचित क्षेत्रों जैसे कि चैनई, दिल्ली, मुंबई और कोलकाता के कुछ भागों में सैटटाप वाक्सों (संबोधनीय प्रणाली) के बिना केबल टेलीविजन पर सशुल्क चैनलों का प्रसारण करना (धारा 4 ए), फ्री-टू-एअर चैनलों तथा मैडेटरी चैनलों का प्रसारण नहीं किया जाना (धारा 4 ए (2) धारा 8), कैसे क्षेत्रों में ट्राई द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लेने पर (धारा 4 ए (4) तथा कार्यक्रम और विज्ञापन कोडों का उल्लंघन करने पर (धारा 5 और 6) के अन्तर्गत कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है।
    इस अधिनियम के अन्तर्गत अवैध रूप से प्रचालित अथवा अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत कार्यक्रमों का प्रसारण करने वाले केबल टेलीविजन नेटवर्क की जानकारी प्रशासन को देने के लिए अपने क्षेत्र में मुनादी कराने की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। साथ ही ऐसे केबल टेलीविजन नेटवर्क के आपरेटरों की जानकारी प्राप्त की जाए, जो अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत परिचालन कर रहे है। जिससे संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जा सके। अगर कोई संचालक अधिनियम का उल्लंघन करता है। उसके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही एवं सचेत करने की हिदायत दी जा सकती है।
    केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियम) अधिनियम 1995 की धारा 11 के अन्तर्गत अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले केबल आपरेटरों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है।  इसीप्रकार ऐसे केबल आपरेटर बिना पंजीकरण कराए केबल सेवा का परिचालन करते है। साथ ही अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत स्थानीय स्तर पर भी कार्यक्रमों का प्रसारण कर रहे है। उनका प्रसारण प्राधिकृत अधिकारी एसडीएम के द्वारा रोकने की व्यवस्था दी गई है।
    जिला स्तरीय मॉनीटरिंग समिति के मतानुसार प्रथम दृष्टया अधिनियम के नियम 7 (10) का उल्लंघन केबल नेटवर्क संचालको द्वारा किया जाता है, तब संबंधित को एसडीएम के माध्यम से नेटवर्क को बंद कराने से पूर्व नोटिस देने की सुविधा भी अधिनियम में दी गई है।
जिला स्तरीय निगरानी समिति का कार्यक्षेत्र
    जिला स्तरीय निगरानी समिति केबल टीवी पर दिखाई जाने वाली सामग्री के संबंध में जनता अपनी शिकायत दर्ज कर सकती है और उसमें दी गई निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उन शिकायतों पर कार्यवाही करने का अधिकार समिति को होगा। केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 के प्रवर्तन के लिए प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा दी गई कार्रवाई की समीक्षा की जावेगी। यदि किसी कार्यक्रम से सार्वजनिक व्यवस्था पर कोई कुप्रभाव पडता हो अथवा किसी समुदाय में व्यापक आक्रोश फैलता हो तो राज्य और केन्द्र सरकार के तत्काल ध्यान में लाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जावेगी।
    स्थानीय स्तर पर केबल टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित सामग्री पर नजर रखना तथा प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा यह सुनिश्चित करना कि कोई गैर प्राधिकृत अथवा पाइरेटिड चैनल चलाई न जा रही हो और यदि केबल टेलविजन ऑपरेटरों द्वारा स्थानीय समाचार प्रसारित किए जा रहे हो, तो यह केबल स्थानीय घटनाओं के बारे में सूचना देने तक ही सीमित हो तथा इस तरीके से प्रस्तुत किए जाए, जो संतुलित हो, निष्पक्ष हो तथा किसी भी समुदाय को नाराज करने अथवा भडकाए जाने वाले नहीं होना चाहिए। इसीप्रकार समिति केबल नेटवर्क पर फ्री-टू-एअर चैनलों तथा अनिवार्य प्रसारण के लिए अधिसूचित चैनलों की उपलब्धता पर निगरानी रख सकती है।
केबल टेलीविजन नेटवर्क का परिचालन अधिनियम 1995
     भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय नई दिल्ली के निर्देशों के अन्तर्गत केबल टेलीबिजन नेटवर्क का परिचालन अधिनिमय के अनुसार करने की सुविधा प्रदान की गई है।
    केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियम) अधिनियम 1995 की धारा 11 के अन्तर्गत स्थानीय केबल चैनल/केबल टेलीविजन नेटवर्क का नवीन परिचालन प्रारंभ करने के लिए डाकघर में पंजीकरण आवश्यक है। अगर कोई भी केबल टेलीविजन नेटवर्क का संचालक बिना डाकघर में पंजीकरण करता है, तब उसे बंद कराने की कार्यवाही प्राधिकृत अधिकारी, अनुविभागीय दण्डाधिकारी द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही केबल टेलीविजन नेटवर्क के परिचालन के लिए प्रयुक्त उपकरण को कब्जे में लेने का अधिकार भी एसडीएम को होगा।
    अधिनियम की धारा 19 के अन्तर्गत प्राधिकृत अधिकारी को यह भी अधिकार प्राप्त है कि वह जनहित में कुछ ऐसे कार्यक्रमों का प्रसारण निषिद्व कर दे। जो कार्यक्रम या चैनल धारा 5 में संदर्भित कार्यक्रम कोड तथा अधिनियम की धारा 6 में संदर्भित विज्ञापन कोड के अनुरूप चलाया नहीं जाता है अथवा जो कार्यक्रम किसी धर्म, प्रजाति, भाषा, जाति या समुदाय या किसी अन्य आधार पर भिन्न-भिन्न धार्मिक प्रजातीय, भाषागत या क्षेत्रीय दलों या जातियों या समुदाय के बीच असमरसता या सत्रुता, घृणा की भावना या दुर्भावना फैलाता हो अथवा जो भी सार्वजनिक शांति को भंग करने पर धारा 16 के अन्तर्गत दण्ड का पात्र होगा।
    स्थानीय डाकघर में पंजीकरण करवाए बिना केबल टेलीविजन नेटवर्क का परिचालन करना (धारा 3), अनिवार्य कैस (सीएएस) के लिए अधिसूचित क्षेत्रों जैसे कि चैनई, दिल्ली, मुंबई और कोलकाता के कुछ भागों में सैटटाप वाक्सों (संबोधनीय प्रणाली) के बिना केबल टेलीविजन पर सशुल्क चैनलों का प्रसारण करना (धारा 4 ए), फ्री-टू-एअर चैनलों तथा मैडेटरी चैनलों का प्रसारण नहीं किया जाना (धारा 4 ए (2) धारा 8), कैसे क्षेत्रों में ट्राई द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लेने पर (धारा 4 ए (4) तथा कार्यक्रम और विज्ञापन कोडों का उल्लंघन करने पर (धारा 5 और 6) के अन्तर्गत कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है।
    इस अधिनियम के अन्तर्गत अवैध रूप से प्रचालित अथवा अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत कार्यक्रमों का प्रसारण करने वाले केबल टेलीविजन नेटवर्क की जानकारी प्रशासन को देने के लिए अपने क्षेत्र में मुनादी कराने की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। साथ ही ऐसे केबल टेलीविजन नेटवर्क के आपरेटरों की जानकारी प्राप्त की जाए, जो अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत परिचालन कर रहे है। जिससे संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जा सके। अगर कोई संचालक अधिनियम का उल्लंघन करता है। उसके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही एवं सचेत करने की हिदायत दी जा सकती है।
    केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियम) अधिनियम 1995 की धारा 11 के अन्तर्गत अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले केबल आपरेटरों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है।  इसीप्रकार ऐसे केबल आपरेटर बिना पंजीकरण कराए केबल सेवा का परिचालन करते है। साथ ही अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत स्थानीय स्तर पर भी कार्यक्रमों का प्रसारण कर रहे है। उनका प्रसारण प्राधिकृत अधिकारी एसडीएम के द्वारा रोकने की व्यवस्था दी गई है।
    जिला स्तरीय मॉनीटरिंग समिति के मतानुसार प्रथम दृष्टया अधिनियम के नियम 7 (10) का उल्लंघन केबल नेटवर्क संचालको द्वारा किया जाता है, तब संबंधित को एसडीएम के माध्यम से नेटवर्क को बंद कराने से पूर्व नोटिस देने की सुविधा भी अधिनियम में दी गई है।
जिला स्तरीय निगरानी समिति का कार्यक्षेत्र
    जिला स्तरीय निगरानी समिति केबल टीवी पर दिखाई जाने वाली सामग्री के संबंध में जनता अपनी शिकायत दर्ज कर सकती है और उसमें दी गई निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उन शिकायतों पर कार्यवाही करने का अधिकार समिति को होगा। केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 के प्रवर्तन के लिए प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा दी गई कार्रवाई की समीक्षा की जावेगी। यदि किसी कार्यक्रम से सार्वजनिक व्यवस्था पर कोई कुप्रभाव पडता हो अथवा किसी समुदाय में व्यापक आक्रोश फैलता हो तो राज्य और केन्द्र सरकार के तत्काल ध्यान में लाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जावेगी।
    स्थानीय स्तर पर केबल टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित सामग्री पर नजर रखना तथा प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा यह सुनिश्चित करना कि कोई गैर प्राधिकृत अथवा पाइरेटिड चैनल चलाई न जा रही हो और यदि केबल टेलविजन ऑपरेटरों द्वारा स्थानीय समाचार प्रसारित किए जा रहे हो, तो यह केबल स्थानीय घटनाओं के बारे में सूचना देने तक ही सीमित हो तथा इस तरीके से प्रस्तुत किए जाए, जो संतुलित हो, निष्पक्ष हो तथा किसी भी समुदाय को नाराज करने अथवा भडकाए जाने वाले नहीं होना चाहिए। इसीप्रकार समिति केबल नेटवर्क पर फ्री-टू-एअर चैनलों तथा अनिवार्य प्रसारण के लिए अधिसूचित चैनलों की उपलब्धता पर निगरानी रख सकती है।
केबल टेलीविजन नेटवर्क का परिचालन अधिनियम 1995
     भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय नई दिल्ली के निर्देशों के अन्तर्गत केबल टेलीबिजन नेटवर्क का परिचालन अधिनिमय के अनुसार करने की सुविधा प्रदान की गई है।
    केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियम) अधिनियम 1995 की धारा 11 के अन्तर्गत स्थानीय केबल चैनल/केबल टेलीविजन नेटवर्क का नवीन परिचालन प्रारंभ करने के लिए डाकघर में पंजीकरण आवश्यक है। अगर कोई भी केबल टेलीविजन नेटवर्क का संचालक बिना डाकघर में पंजीकरण करता है, तब उसे बंद कराने की कार्यवाही प्राधिकृत अधिकारी, अनुविभागीय दण्डाधिकारी द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही केबल टेलीविजन नेटवर्क के परिचालन के लिए प्रयुक्त उपकरण को कब्जे में लेने का अधिकार भी एसडीएम को होगा।
    अधिनियम की धारा 19 के अन्तर्गत प्राधिकृत अधिकारी को यह भी अधिकार प्राप्त है कि वह जनहित में कुछ ऐसे कार्यक्रमों का प्रसारण निषिद्व कर दे। जो कार्यक्रम या चैनल धारा 5 में संदर्भित कार्यक्रम कोड तथा अधिनियम की धारा 6 में संदर्भित विज्ञापन कोड के अनुरूप चलाया नहीं जाता है अथवा जो कार्यक्रम किसी धर्म, प्रजाति, भाषा, जाति या समुदाय या किसी अन्य आधार पर भिन्न-भिन्न धार्मिक प्रजातीय, भाषागत या क्षेत्रीय दलों या जातियों या समुदाय के बीच असमरसता या सत्रुता, घृणा की भावना या दुर्भावना फैलाता हो अथवा जो भी सार्वजनिक शांति को भंग करने पर धारा 16 के अन्तर्गत दण्ड का पात्र होगा।
    स्थानीय डाकघर में पंजीकरण करवाए बिना केबल टेलीविजन नेटवर्क का परिचालन करना (धारा 3), अनिवार्य कैस (सीएएस) के लिए अधिसूचित क्षेत्रों जैसे कि चैनई, दिल्ली, मुंबई और कोलकाता के कुछ भागों में सैटटाप वाक्सों (संबोधनीय प्रणाली) के बिना केबल टेलीविजन पर सशुल्क चैनलों का प्रसारण करना (धारा 4 ए), फ्री-टू-एअर चैनलों तथा मैडेटरी चैनलों का प्रसारण नहीं किया जाना (धारा 4 ए (2) धारा 8), कैसे क्षेत्रों में ट्राई द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लेने पर (धारा 4 ए (4) तथा कार्यक्रम और विज्ञापन कोडों का उल्लंघन करने पर (धारा 5 और 6) के अन्तर्गत कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है।
    इस अधिनियम के अन्तर्गत अवैध रूप से प्रचालित अथवा अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत कार्यक्रमों का प्रसारण करने वाले केबल टेलीविजन नेटवर्क की जानकारी प्रशासन को देने के लिए अपने क्षेत्र में मुनादी कराने की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। साथ ही ऐसे केबल टेलीविजन नेटवर्क के आपरेटरों की जानकारी प्राप्त की जाए, जो अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत परिचालन कर रहे है। जिससे संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जा सके। अगर कोई संचालक अधिनियम का उल्लंघन करता है। उसके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही एवं सचेत करने की हिदायत दी जा सकती है।
    केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियम) अधिनियम 1995 की धारा 11 के अन्तर्गत अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले केबल आपरेटरों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है।  इसीप्रकार ऐसे केबल आपरेटर बिना पंजीकरण कराए केबल सेवा का परिचालन करते है। साथ ही अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत स्थानीय स्तर पर भी कार्यक्रमों का प्रसारण कर रहे है। उनका प्रसारण प्राधिकृत अधिकारी एसडीएम के द्वारा रोकने की व्यवस्था दी गई है।
    जिला स्तरीय मॉनीटरिंग समिति के मतानुसार प्रथम दृष्टया अधिनियम के नियम 7 (10) का उल्लंघन केबल नेटवर्क संचालको द्वारा किया जाता है, तब संबंधित को एसडीएम के माध्यम से नेटवर्क को बंद कराने से पूर्व नोटिस देने की सुविधा भी अधिनियम में दी गई है।
जिला स्तरीय निगरानी समिति का कार्यक्षेत्र
    जिला स्तरीय निगरानी समिति केबल टीवी पर दिखाई जाने वाली सामग्री के संबंध में जनता अपनी शिकायत दर्ज कर सकती है और उसमें दी गई निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उन शिकायतों पर कार्यवाही करने का अधिकार समिति को होगा। केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 के प्रवर्तन के लिए प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा दी गई कार्रवाई की समीक्षा की जावेगी। यदि किसी कार्यक्रम से सार्वजनिक व्यवस्था पर कोई कुप्रभाव पडता हो अथवा किसी समुदाय में व्यापक आक्रोश फैलता हो तो राज्य और केन्द्र सरकार के तत्काल ध्यान में लाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जावेगी।
    स्थानीय स्तर पर केबल टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित सामग्री पर नजर रखना तथा प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा यह सुनिश्चित करना कि कोई गैर प्राधिकृत अथवा पाइरेटिड चैनल चलाई न जा रही हो और यदि केबल टेलविजन ऑपरेटरों द्वारा स्थानीय समाचार प्रसारित किए जा रहे हो, तो यह केबल स्थानीय घटनाओं के बारे में सूचना देने तक ही सीमित हो तथा इस तरीके से प्रस्तुत किए जाए, जो संतुलित हो, निष्पक्ष हो तथा किसी भी समुदाय को नाराज करने अथवा भडकाए जाने वाले नहीं होना चाहिए। इसीप्रकार समिति केबल नेटवर्क पर फ्री-टू-एअर चैनलों तथा अनिवार्य प्रसारण के लिए अधिसूचित चैनलों की उपलब्धता पर निगरानी रख सकती है।
The Cable Television Networks (Regulation) Act, 1995
Definitions.—In this Act, unless the context otherwise requires,—
(a) “authorised officer” means, within his local limits of jurisdiction,—
(i) a District Magistrate, or
(ii) a Sub-divisional Magistrate, or
(iii) a Commissioner of Police, and includes any other officer notified in the Official Gazette, by the Central Government or the State Government, to be an authorised officer for such local limits of jurisdiction as may by determined by that Government;] 2[(aa)] “cable operator” means any person who provides cable service through a cable television network or otherwise controls or is responsible for the management and operation of a cable television network;
(b) “cable service” means the transmission by cables of programmes including re-transmission by cables of any broadcast television signals;
(c) “cable television network’’ means any system consisting of a set of closed transmission paths and associated signal generation, control and distribution equipment, designed to provide cable service for reception by multiple subscribers;
(d) “company” means a company as defined in section 3 of the Companies Act, 1956 (1 of 1956);
(e) “person” means—
(i) an individual who is a citizen of India;
(ii) an association of individuals or body of individuals, whether incorporated or not, whose members are citizens of India;
(iii) a company in which not less than fifty-one per cent. of the paid-up share capital is held by the citizens of India;
(f) “prescribed’’ means prescribed by rules made under this Act;
(g) “programme” means any television broadcast and includes—
(i) exhibition of films, features, dramas, advertisements and serials through video cassette recorders or video cassette players;
(ii) any audio or visual or audio-visual live performance or presentation, and the expression “programming service” shall be construed accordingly;
(h) “registering authority” means such authority as the Central Government may, by notification in the Official Gazette, specify to perform the functions of the registering authority under this Act;
(i) “subscriber” means a person who receives the signals of cable television network at a place indicated by him to the cable operator, without further transmitting it to any other person.
·         Cable television network not to be operated except after registration.—No person shall operate a cable television network unless he is registered as a cable operator under this Act: Provided that a person operating a cable television network, immediately before the commencement of this Act, may continue to do so for a period of ninety days from such commencement; and if he has made an application for registration as a cable operator under section 4 within the said period, till he is registered under that section or the registering authority refuses to grant registration to him under that section.
·         Registration as cable operator.—
(1) Any person who is operating or is desirous of operating a cable television network may apply for registration as a cable operator to the registering authority.
(2) An application under sub-section (1) shall be made in such form and be accompanied by such fee as may be prescribed.
(3) On receipt of the application, the registering authority shall satisfy itself that the applicant has furnished all the required information and on being so satisfied, register the applicant as a cable operator and grant to him a certificate of such registration: Provided that the registering authority may, for reasons to be recorded in writing and communicated to the applicant, refuse to grant registration to him if it is satisfied that he does not fulfil the conditions specified in clause (e) of section 2.
THE CABLE TELEVISION NETWORKS (REGULATION) ACT, 1995
. Compulsory transmission of Doordarshan channels.
(1) Every cable operator shall re-transmit,—
(i) channels operated by or on behalf of Parliament in the manner and name as may be specified by the Central Government by notification in the Official Gazette;
(ii) at least two Doordarshan terrestrial channels and one regional language channel of a State in the prime band, in satellite mode on frequencies other than those carrying terrestrial frequencies.
(2) The channels referred to in sub-section (1) shall be re-transmitted without any deletion or alteration of any programme transmitted on such channels.]
(3) The Prasar Bharti (Broadcasting Corporation of India) established under sub-section (1) of section 3 of the Prasar Bharati (Broadcasting Corporation of India) Act, 1990 (25 of 1990) may, by notification in the Official Gazette, specify the number and name of every Doordarshan channel to be re-transmitted by cable operators in their cable service and the manner of reception and re-transmission of such channels.]
9. Use of standard equipment in cable television network.—No cable operator shall, on and from the date of the expiry of a period of three years from the date of the establishment and publication of the Indian Standard by the Bureau of Indian Standards in accordance with the provisions of the Bureau of Indian Standards Act, 1986 (63 of 1986), use any equipment in his cable television network unless such equipment conforms to the said Indian Standard: 1[Provided that the equipment required for the purposes of section 4A shall be installed by cable operator in his cable television network within six months from the date, specified in the notification issued under sub-section.

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