Definition
of Public Relation (जनसंपर्क की परिभाषा)
जनसंपर्क का कार्य
किसी भी संस्था की विशेषताओं और उसके उद्देश्यों को प्रस्तुत करने का एक वैज्ञानिक
तरीका है। विभिन्न विद्वानों ने जनसम्पर्क को जनता से सम्बंध स्थापित करने की एक
कला माना है। इस कला द्वारा सम्पर्ककर्ता अपने संस्थगत गुणों को उजागर करके एक
योजनाबद्व विधि से जनसम्बन्धों को आधार बनाकर जनमत का निर्माण करता है।
समय के बदलाव के साथ
जनसंपर्क की अवधारणा और उसकी प्रकृति में भी बदलाव आया है। पहले जनसंपर्क में
लोकसेवा, देशसेवा, जनसेवा के भाव को प्राथमिकता मिलती थी। आज इसमें
व्यावसायिक रंग अधिक समा रहा है। जनसंपर्क एक व्यावहारिक प्रक्रिया है, इसलिए उसे निश्चित परिभाषा में नहीं बाँधा जा
सकता, लेकिन जनसंपर्क के
स्वरूप-निर्धारण के लिए कुछ भारतीय पाश्चात्य विद्वानों तथा विभिन्न जनसंपर्क
संस्थाओं द्वारा पुष्ट की गई जनसंपर्क संबंधी परिभाषाओं और अवधारणाओं का मूल्यांकन
करना उचित होगा।
जनसम्पर्क-विशेषज्ञों
ने विभिन्न दृष्टिकोणों से इसकी अनेक परिभाषाएँ दी हैं, जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं-
वेब्स्टर की न्यू
इंटरनेशनल डिक्शनरी के अनुसार – “व्याख्यात्मक सामाग्री
द्वारा किसी व्यक्ति, फार्म अथवा संस्था
का घनिष्ठ संबंध दूसरे व्यक्तियों जनता विशेष या समुदाय के साथ स्थापित करना,
पड़ोसी की भांति उनमें आपसी विचारों के
आदान-प्रदान के विकास और उसकी प्रतिक्रिया का जायजा लेना है।” इस परिभाषा में व्यक्ति ,फर्म या संस्था का जन-समुदाय से अनुकूल सामंजस्य
स्थापित करने की दिशा में जनसंपर्क का
महत्व स्वीकारा गया है।
डैनी ग्रीसल्ड के
अनुसार- “जनसंपर्क एक प्रबंधकीय कार्य है जो किसी संगठन के
जनकल्याण के लिए जन-दृष्टिकोण का मूल्यांकन करता है एवं इसकी नीतियों एवं
कार्यक्रमों को कार्य रूप में लागू कर जनता की स्वीकृति, समझ एवं विश्वास को हासिल करता है।” इस परिभाषा में किसी संगठन के प्रबंधन के कंधों
पर जनसंपर्क के कार्यों की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी है। ‘प्रबंधन’ शब्ध का उपयोग यहाँ विस्तृत अर्थ में किया गया है। इसके अंतर्गत गैर
लाभकृत संगठन और संस्थाओं को भी शामिल किया गया है। साथ ही इनका कार्य एवं इसकी
प्रक्रिया भी परस्पर जुड़ी हुई हैं।
बर्टजोलो के अनुसार - ‘‘जनसम्पर्क वह चेतन प्रयास है जिससे बिक्री में वृद्वि तथा संस्था एवं
उसके उत्पादन के प्रति जनता की चाह बनी रहे।’’ बर्टजोलो का यह भी कहना है कि, संगठन का संदेश ठीक विधि से, उचित समय पर, सही श्रोताओं तक, बिना किसी विज्ञापन के पहुंचे। वर्तमान समय के
अनुसार जनसम्पर्क का मूल्यांकन किया जाय तो हम यह पाते हैं कि, ‘‘माननीय सम्पर्क-कला द्वारा जनसम्पर्क किसी संगठन
या संस्था के लिए सार्वजनकि अनुकूलता या विशिष्ट जन-अनुकूलता प्राप्त करने का एक
अधुनातन विज्ञान है जिसमें सम्प्रेषण के अनेक माध्यमों का प्रयोग किया जाता है।’’
ए॰ आर॰ रालमैन के
अनुसार – “जनसंपर्क वह
द्विपक्षीय सम्प्रेषण है, जिसमें सह-अभिव्यक्ति का का
आधार संपूर्ण सत्य, ज्ञान व पूर्ण
सूचनाएँ होती हैं। जिनसे आपसी तनाव कम होकर आपसी सौहार्द भावना बढ़ती है।”
दि इंस्टीच्यूट ऑफ
पब्लिक रिलेशन्स के अनुसार- “संदेशों को परिभाषित
करने वाली ऐसी पद्धति जो वांछित परिणाम को प्रमाणित करने के लिए लक्षित समूह को
संचारित की जाती हो उसे ही जनसंपर्क कहते हैं।”
इन्टरनेशनल
पब्लिक रिलेशन्स एसोसियेशन के अनुसार- ‘‘जनसम्पर्क वह व्यवस्थापकीय प्रक्रिया है जो सतत
एंव योजनाबद्व प्रयासों द्वारा जनता और निजी संगठन व संस्थान के विषय में
सम्बन्धित लोगों अथवा भविष्य में सम्पर्क में आने वाली जनता की सहानुभूति, सम्मति एवं समर्थन प्राप्त कर सके। इस सम्मति के
साथ इस प्रक्रिया द्वारा अपनी नीतियों, कार्यतिधियों और सूचनाओं द्वारा अधिकाधिक क्षमता से उपयोगी उत्पादन कर
सहअभिरूचि की पूर्णता प्राप्त करना है।’’
ब्रिटिश इंस्टीट्यूट
ऑफ पब्लिक रिलेशन्स के अनुसार- ‘‘जनसम्पर्क जनता और संगठन के बीच सोच-समझकर योजनबद्व तरीके से किया
जाने वाला प्रयास है, जिसमें निरन्तरता
होनी आवश्यक है।’’
सैम ब्लैक के अनुसार
– “जनसम्पर्क समाज
विज्ञानों का सम्मिश्रण है जो व्यक्ति और समूह की प्रतिक्रियाओं का ज्ञान करवाता
है साथ ही यह सम्प्रेषण विज्ञान भी है जो परस्पर सहमति का निर्माण करके तनाव की
स्थिति का निराकरण करता है।”
एडवर्ड एल.बर्जेल के
अनुसार – “जनसम्पर्क का
उद्देश्य व्यक्ति, समुदाय और समाज में
परस्पर एकीकरण है। प्रतिस्पर्धापूर्ण जीवन-प्रणाली में अपना अस्तित्व बनाए रखने के
लिए हमें एक-दूसरे की भावनाओं को समझने और आदर करने की आवश्यकता होती है।
जनसम्पर्क व्यक्ति और समाज में समायोजन करने और जन भावनाओं को मुखरित करने का एक
साधन है।”
बैब्रनर्र के अनुसार – “आधुनिक शासन में जनसम्पर्क प्रचार-प्रसार का वह साधन है जिसके द्वारा
जनता की इच्छाओं और भावनाओं का ज्ञान होने के साथ-साथ उनका अपनी कार्य-प्रणाली में
समन्वय करके पुनः जनता तक पहुंचाया जाता है।”
बट्रेण्ड आर.
केनफील्ड एवं एच. फ्रेनियरमून के अनुसार – “अपनी नीतियों व कार्य प्रणालियों की साख बनाए
रखने के लिए जनता क सहमति हासिल करना ही जनसम्पर्क है। यह द्विपक्षीय सम्प्रेषण
प्रक्रिया एवं समाज-दर्शन है।”
डब्ल्यू पाल के
अनुसार – “जनसम्पर्क मूलतः
प्रबंधन प्रणली की वह मानसिक तैयारी है जिमें प्रबंधकर्ता अपनी संस्था के प्रत्येक
फैसले में जनता की प्राथमिकताओं को भी स्थान देता है।”
अंतर्राष्ट्रीय
जनसम्पर्क परिषद के अनुसार – “यह एक सतत प्रयास है
जिसमें संस्था अथवा व्यक्तिगत संस्थान अपने निर्णय जनता के सहयोग से उनकी रूचियों
को ध्यान में रखते हुए करते है।”
डॅा. बलदेवराज गुप्त
के अनुसार – “जनसम्पर्क जनता से सम्बंध स्थापित करने की एक कला है जिसके द्वारा
सम्पर्ककर्ता अपने संस्थागत गुणों को उजागर करके योजनाबद्व विधि से जन-सम्बन्धों
को आधार बनाकर जनमत का निर्माण करता है।”
बैरी के अनुसार –
“जनसम्पर्क मात्र प्रचार से अधिक व्यक्तिगत
और समूहगत जनभावना को प्रभावित करने की एक कला है।”
वेवस्टर्सन्यू के
अनुसार – “जनसम्पर्क एक कला है
जिसके मूर्त उपकरण व साधन है - समाचार, पत्र, रेडियो, टीवी, प्रचार साहित्य आदि।”
ग्रीफ वोल्फ के
अनुसार – “जनसम्पर्क एक
प्रबंधकीय कार्यशैली है जो जन अभरूचि को अपने अनुकूल करता है तथा अपने को समूह से
परिचित कराता है। वह व्यक्तिपरक, संस्थापरक एवं संगठनपरक हो सकता है। अपने कालात्मक रूप में यह
एकपक्षीय संगठनात्मक स्वरूप या प्रक्रिया नही है,, बरन जनसमूह के समथ्रन, दृष्ट्रिकोणों से पूर्णता, समग्रता, सार्थकता एवं स्वीकारोक्ति प्राप्त करने की क्रिया है।”
कैम्पबल के अनुसार –
“जनसम्पर्क एक कला है जिसमें मानव व्यवहार
व प्रवृत्ति का ज्ञान तथा उन्हें अपने अनुकूल मोड़ सकने की क्षमता शामिल है।”
उपरोक्त समस्त
परिभाषाओं के आाधर पर अंत में हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि जनसम्पर्क के लिए
जनसंचार और जनसंचार के लिए जनसम्पर्क का निर्देशन अत्यधिक आवश्यक है। यदि
जनसम्पर्क के मैाखिम, मुद्रित, श्रत्य एं दृश्य तथा इलेक्ट्रनिक माध्यमों का प्रयोग विज्ञान की देन
है, तो जनसम्पर्क वह कला
है जो इन माध्यमों का उपयोग प्रचार कार्य करने के लिए करती है ओर सदैव लक्ष्य तक
पहुँचने का प्रयास करती है।
कुल मिलाकर
जनसम्पर्क वह मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें सत्ता, संस्थान एवं व्यक्ति को जनता की मानसिक कृत्तियों,
व्यवहार, अभिरूचियों परिवेश तथा प्रचलित परम्पराओं को दृष्टिगत करते हुए निर्णय
लेने चाहिए।
उत्तम छवि-निर्माण,
सह - अभिव्यक्ति, समर्थन एवं जनअनुकूलता की प्राप्ति ही प्रतिष्ठित
जनसम्पर्क की अभिव्यक्ति है।
Definition
of Public Relation (जनसंपर्क की परिभाषा)
Public Relations Definitions
Here are thirty-one definitions of public
relations from experienced PR practioners. The list starts with the Public
Relations Society of America (PRSA.) As the professional public relations
organization, PRSA’s definition was a starting point for several of the respondents.
Following PRSA’s explanation of public relations, the PR definitions have been
organized in alphabetical order by source.
Public relations helps an organization and
its publics
adapt mutually to each other. Public Relations broadly applies to
organizations as a collective group, not just a business; and publics encompass
the variety of different stakeholders. PRSA
(Public Relations Society of America)
Public relations is communicating your
organization’s messages at the right time and in the right place to the right
audience. With the proliferation of tools and technologies, we can measure the
value of those efforts and how they align with a business’ overall
mission. Marla Aaron – MRM Worldwide
Public Relations in its true sense is about
human connections and the art of mastering human connections at a deep level.
In the early days of PR, it was about relationships with not just the press but
communities in various forms – the difference was that these audiences were not
online. When played from a place of passion and purpose, public relations in
the new world will not only take social media, branding and marketing to the
next level, but will elevate the people and products that are changing the
world. Renee Blodgett – Magic Sauce
Media
Public relation is a strategic communication
process that builds mutually beneficial relationships between organizations and
their publics. – Public Relations Society of America
Public relations is the creation,
distribution and dissemination of messaging and communications for the purpose
of promoting and fostering positive awareness, associations, imagery,
perception of a person, place or thing among a particular target audience to effect
a desired behavior. Dan Gersten
PR is a set of activities aimed at
increasing a vendor’s positive exposure with its markets. Lee Greenhouse – Greenhouse Associates
Public relation is communication between an
organization and its various stakeholders—both internal and external. Barbara
Kowalski – Modern Health Communications, Inc.
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