Tuesday, March 12, 2019

सिर्फ पटाखों पर बैन न्यायोचित नहीं : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली  देशभर में पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई करते हुए सवाल किया कि लोग पटाखा उद्योग के पीछे क्यों पड़े हैं जबकि ऐसा लगता है कि इसके लिए वाहन प्रदूषण कहीं अधिक बड़ा स्रोत हैं। शीर्ष अदालत ने केंद्र से जानना चाहा कि क्या उसने पटाखों और आटोमोबाइल से होने
वाले प्रदूषण के बीच कोई आनुपातिक अध्ययन कराया है। पीठ ने टिप्पणी की कि पटाखा उद्योग में कार्यरत लोगों का रोजगार चला गया जबकि न्यायालय बेरोजगारी बढ़ाना नहीं चाहता है। न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने केन्द्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसीटर जनरल एएनएस नाडकर्णी से जानना चाहा, ''क्या पटाखों से होने वाले प्रदूषण और आटोमोबाइल से होने वाले प्रदूषण के बारे में कोई तुलनात्मक अध्ययन किया गया है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि आप पटाखों के पीछे भाग रहे हैं जबकि प्रदूषण में इससे कहीं अधिक योगदान करने वाले शायद वाहन हैं।ÓÓ पीठ ने देश भर में पटाखों के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के लिये दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में दलील दी गई है कि इनकी वजह से प्रदूषण में वृद्धि होती है।
इससे पहले पिछले साल 23 अक्घ्टूबर को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में कुछ शर्तों के साथ दिवाली पर पटाखा बिक्री की अनुमति दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि देश भर में पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक नहीं है। केवल लाइसेंस धारक दुकानदार ही पटाखे बेच पाएंगे। 

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