Friday, March 1, 2019

लखीमपुर के सेमरी में हुए भ्रष्टाचार की जांच कब करेगा प्रशासन?

बिपिन मिश्रा 
लखीमपुर-खीरी। रमियाबेहड़ की ग्राम पंचायत में ऐसा कोई भ्रष्टाचार बाकी नहीं रह गया जिसे ग्राम पंचायत अधिकारी और प्रधानपति ने मिलकर अंजाम न दिया हो। प्रधानमंत्री आवास जहां 20-20 हजार रुपए में बेंचे जा रहे हैं वहीं सड़क, नाली व तालाब केवल कागजों पर ही बने हुए हैं। सोलर लाइट से खासमखासे के इलाके जगमगा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जिला प्रशासन भ्रष्टाचार के मामले में ऐसा रवैय्या आखिर क्यों अख्तियार कर रहा है। यह लापरवाही है या कुछ और ? यह यक्ष प्रश्न बना ही हुआ है।
  गौरतलब रहे कि सेमरी ग्राम पंचायत में महिला प्रधान होने की वजह से पूरे कार्य का जिम्मा उनके पतिदेव व एक प्राइवेट युवक उठा रहे हैं। पति देव ने ग्राम पंचायत अधिकारी के साथ मिलकर सरकारी योजनाओं की नीलामी कर रखी है। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए 20 हजार रुपए की फीस लगा रखी है। इस बड़ी रकम का भुगतान न कर पाने के चलते जहां तमाम गरीब इस योजना के लाभ से वंचित हैं तो वहीं कई अपात्रों के नाम इस सूची में शामिल हैं। हाल तो यह है कि एक ही परिवार के दो-दो, तीन-तीन लोगों को इस योजना का लाभ मिला है। जिन्होंने पैसे देकर योजना का लाभ खरीद लिया उनके भी अभी तक पूरे आवास नहीं बन पाए हैं। वहीं नाली, खड़ंजा व सड़क के नाम पर फर्जी बिल-बाउचर लगाकर पैसा निकाल लिया गया है। इस रकम के बंदरबांट में प्रधान, सिक्रेट्री व बीडीओ तीनों ही शामिल हैं। पर भ्रष्टाचर से अधिक चिंताजनक बात यह है कि भ्रष्टाचार की जांच न होना।
  एक तरफ जिलाधिकारी हर तहसील समाधान दिवस व थाना समाधान दिवस में भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कहते हैं तो दूसरी तरफ इस ग्राम पंचायत के भ्रष्टाचार की अभी तक जांच नहीं कराई जा रही। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर वह कौन सी मजबूरी है कि प्रशासन इसकी जांच करने में रूचि नहीं ले पा रहा?

  • प्रधान को जारी करें कार्य संचालन की नोटिस

सेमरी में प्रधानपति व पंचायत सिक्रेट्री की चल रही मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए ग्रामीणों ने प्रशासन से ग्राम प्रधान को नोटिस जारी करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान होने के बावजूद छवि रानी घर तक ही सीमित हैं। वह विकास कार्यों को छोड़कर चूल्हा-चैका में ही उलझी रहती हैं। उनसे कागजों पर दस्तखत आदि करवाकर प्रधानपति छंगालाल खुद को प्रधान घोषित किए बैठे हैं। ऐसे में प्रशासन प्रधानपति पर अंकुश लगाते हुए महिला प्रधान को काम करने का निर्देश दे। यदि महिला प्रधान काम न करें तो यहां पुर्नचुनाव कराए जाएं।

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