- संतोष गंगवार और भगवत सरन गंगवार की लड़ाई में ऐरन के हाथ न लग जाय बाजी
विनय सिन्हाल
बरेली। उत्तर प्रदेश में बरेली लोकसभा की सीट राजनीतिक लिहाज से काफी महत्व रखती है। और दो अलग-अलग पार्टी से एक ही समुदाय के प्रत्याशी सपा भगवत शरण गंगवार और भाजपा के संतोष गंगवार के चुनाव मैदान में उतरने के बाद दोनों के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है।
बरेली की लोकसभा सीट पर यहां से भारतीय जनता पार्टी के संतोष गंगवार 7 बार सांसद चुने गए हैं। लेकिन इस बार समाजवादी पार्टी ने भगवत शरण गंगवार को बरेली की लोकसभा सीट से उम्मीदवार बना कर सांसद संतोष गंगवार की राहों में कांटे बिछाने का काम कर दिया। क्योंकि जिस समुदाय से सांसद संतोष गंगवार आते हैं। और उसी समुदाय से भगवत शरण गंगवार आते हैं। दरअसल भगवत शरण गंगवार समाजवादी पार्टी से पांच बार नवाबगंज के विधायक रह चुके हैं। जो 2009 के लोकसभा चुनाव में बरेली की लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़े और हार गए। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा के संयुक्त प्रत्याशी के रूप में समाजवादी पार्टी ने उन्हें बरेली से मैदान में उतारा है अब देखना यह के बरेली लोकसभा क्षेत्र से गठबंधन के प्रत्याशी भगवत शरण गंगवार और भाजपा प्रत्याशी संतोष गंगवार और कांग्रेस से प्रवीण सिंह ऐरन मैदान में है।
अगर सूत्रों की माने तो संतोष गंगवार और भागवत सरन गंगवार की आपसी लड़ाई में कही काँग्रेस उम्मीदवार प्रवीण सिंह ऐरन बाजी न मार ले जाए। अब देखना यह है कि अब एक ही समुदाय के दो उम्मीदबार मैदान में है पर जनता किसको चुनती है यह यो वक्त ही बताएगा ।पर बरेली लोकसभा सीट का मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है ।
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