- अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ
बिपिन मिश्र मोहम्मदी-खीरी। ब्लॉक में आयोजित हुए अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश के कई हिस्सों से आए कवियों ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ और देर शाम सात बजे तक चला। जिसमें कवियों ने श्रोताओं को अपनी कविताओं के माध्यम से जोड़े रखा। कार्यक्रम का आयोजन युवा कवि शान्तनु त्रिवेदी के द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम का संचालन लखनऊ से आये युवा कवि विख्यात मिश्रा के द्वारा किया गया।
कार्यकम की अध्यक्षता के रूप में देश के बड़े कवि विशम्भर दयाल अग्निहोत्री एवं मंच संरक्षक के रूप में देश का बड़ा नाम अंतर्राष्ट्रीय कवि अरविंद पथिक रहे। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में प्रदुम्न मिश्रा अध्यक्ष बार एसोसिएशन तथा आलोक सिंह उपाध्यक्ष किसान मोर्चा मौजूद रहे।
विशम्भर दयाल अग्निहोत्री ने सुनाया जमीं पर लेटकर सोने की आदत पुरानी है, कसम से मखमली बिस्तर हमें सोने नहीं देते। अरविंद पथिक ने कहा कौमी एकता की बात हमको तो सिखाओ मत, हम अशफाक विस्मिल के नगर से चलके आये हैं, चमन में दिख रहीं जो रौनकें उनकी वजह से, लहू देखर चरागे अम्न हमने जलाए हैं। अनूप मिश्रा तेजस्वी ने सुनाया चलने लगे सियासतों के दाँव शहर में, नफरत बढ़ाने आ गए चुनाव शहर में। विख्यात मिश्रा ने कहा कौशलेंद्र मिश्र ढाई आखर पढ़कर गर ज्ञानी मैं बन जाऊं, प्यार जी पूजा है तो फिर हम मस्तक देते हैं।
फैजल फैज तड़पना गम उठाना भी मेरी किस्मत में लिखा था, और उसपे मुस्कुराना भी मेरी किस्मत में लिखा था। आशीष त्रिपाठी न खंजर न तीर न शमशीर रखता हूँ, मैं अपने लहजे में गालिब-ओ-मीर रखता हूँ। निलाम्बुज शुक्ल, जिसको देखो पराया हो रहा है, मोहब्बत का सफाया हो रहा है, तुम्हारे पास सोने की घड़ी है, हमारा वक्त जाया हो रहा है। प्रमोद भारद्वाज इस देश की माटी को चूमें हम गर्व करें अभिमान करें, भारत ही नही ये विश्व भी सारा इसका तो गुणगान करे। इसी प्रकार नगर के कुछ स्थानीय कवियों में श्रीकांत त्रिपाठी निश्छल, सुखदेव मिश्रा, राजबहादुर पांडेय, निर्भीक राघव शुक्ला, अरुण मिश्रा, सुमित भारद्वाज, अनुभव, अंख शादान और विनय आनंद ने भी अपने काव्य पाठ से लोगों को देर तक बांधे रखा। नगर के युवा कवियों के द्वारा मोहम्मदी में इस तरह के साहित्यिक कार्यक्रमो का आयोजित होना नगर मोहम्मदी के लिए गर्व की बात है।
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