डाक्टर अखलाक अहमद खां
लखीमपुर खीरी। थाना पसगवां क्षेत्र में खेत से लापता हुई १८ वर्षीय बिटिया का शव चार दिन बाद उसी गन्ने के पानी भरे खेत से बरामद किया । जहां कई बार बिटिया की खोज बीन की थी। मजे की बात तो यह है कि कोतवाली पसगवां पुलिस ने दो दिन तक बिटिया की गुमशुदगी की यह कहकर रिपोर्ट नहीं लिखी थी कि तुम उसको तलाश कर लो। ९ अक्टूबर को परिवार जनों की धमकियों के बाद कि हम तुम्हारी कप्तान से सिकायत करेंगे।तब बिटिया की गुमशुदगी की रिपोर्ट पंजीकृत की गयी थी।और शाम को ही उसी गन्ने के खेत में जिसमें पानी भरा हुआ था।शव बरामद कर के बिटिया का दुपट्टा करीब १० मीटर दूर पुलिस ने बरामद किया । पुलिस ने मृतिका १८ वर्षीय बिटिया के शव का पंचनामा भरने के पश्चात लाश को पोस्टमार्टम हेतु जिला मुख्यालय भेज दिया। जहां पोस्टमार्टम कर रहे पैनल के चिकित्सकों ने बिटिया की मृत्यु तीन दिन पूर्व होने की पुष्टि करते हुए पेट में मौजूद खाना सुरक्षित कर बलात्कार की पुष्टि करने के लिए स्लाइड भी बना ली है। घटना के संबंध में बताते हैं जब बिटिया अपने खेतों में गयी थी तभी संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई थी। प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार जिस पानी भरे गन्ने के खेत में बिटिया का शव मिला है उस खेत में परिवार जनों के साथ ग्रामीणों व पुलिस वालों के साथ छानबीन की थी। घटना स्थल देखने के पश्चात ग्रामीणों एवं परिवार जनों ने आशंका जताई कि शव को पानी से भरे गन्ने के खेत में फेंकने से पूर्व शव को जमीन पर खींचा भी गया था। जबकि पोस्टमार्टम कर रहे चिकित्सकों ने युवती के शरीर पर कोई चोटों के निशान नहीं दरशायें हैं।जब इस सम्बन्ध में पोस्टमार्टम कर रहे चिकित्सकों से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि फूले हुए शव पर तभी चोटों के निशान आते हैं जब मृतक के शरीर पर धारदार हथियार से हमला किया गया हो।
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