Tuesday, April 3, 2018

News of the day 03/04/2018

(नयी दिल्ली) फेक न्यूज मामला: पीएम मोदी ने किया हस्तक्षेप, स्मृति ईरानी का फैसला पलटा

नयी दिल्ली सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से फेक न्यूज परोसने वाले पत्रकारों पर सख्त कदम उठाते हुए मान्यता रद्द करने के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने फर्जी खबरों के फैसले को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से वापस लेने को कहा है. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा है कि इस पर सिर्फ भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ही सुनवाई करेगा. दरअसल, फर्जी खबरों पर लगाम लगाने के उपाय के तहत सरकार ने सोमवार को गाइडलाइंस जारी की थीं, जिसमें कहा गया था कि अगर कोई पत्रकार फर्जी खबरें करता हुआ या इनका दुष्प्रचार करते हुए पाया जाता है, तो उसकी मान्यता स्थायी रूप से रद्द की जा सकती है.सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा था कि पत्रकारों की मान्यता के लिए संशोधित दिशा-निर्देशों के मुताबिक अगर फर्जी खबर के प्रकाशन या प्रसारण की पुष्टि होती है, तो पहली बार ऐसा करते पाये जाने पर पत्रकार की मान्यता छह महीने के लिए निलंबित की जायेगी. दूसरी बार ऐसा करते पाये जाने पर उसकी मान्यता एक साल के लिए निलंबित की जायेगी. वहीं, तीसरी बार उल्लंघन करते पाये जाने पर पत्रकार की मान्यता स्थायी रूप से रद्द कर दी जायेगी.मंत्रालय ने कहा कि अगर फर्जी खबर के मामले प्रिंट मीडिया से संबद्ध हैं, तो इसकी कोई भी शिकायत भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई)  को भेजी जायेगी और अगर यह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से संबद्ध पाया जाता है, तो शिकायत न्यूज ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन(एनबीए) को भेजी जायेगी, ताकि यह निर्धारित हो सके कि खबर फर्जी है या नहीं. मंत्रालय ने कहा कि इन एजेंसियों को 15 दिन के अंदर खबर के फर्जी होने का निर्धारण करना होगा.ये दोनों संस्थाएं ही तय करेंगी कि जिस खबर के बारे में शिकायत की गयी है, वह फेक न्यूज है या नहीं. दोनों को यह जांच 15 दिन में पूरी करनी होगी. एक बार शिकायत दर्ज कर लिये जाने के बाद आरोपी पत्रकार की मान्यता जांच के दौरान भी निलंबित रहेगी. सूचना मंत्रालय के इस दिशा-निर्देश पर कई संगठनों ने विरोध दर्ज कराया था. विपक्षी दल कांग्रेस ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाये थे और मीडिया से जुड़े संगठनों ने भी आपत्ति जतायी थी. देश भर में काफी विरोध जाहिर करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की और उसके फैसले को पलटने का आदेश दिया.
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(जयपुर) राजस्थान में भारत बंद के दूसरे दिन भी हिंसा, दो नेताओं के घर जलाये

जयपुर एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ सोमवार को बुलाये गये भारत बंद के बाद  राजस्थान में भड़की हिंसा आज दूसरे दिन भी जारी है. राजस्थान के करौली में भीड़ ने दो नेताओं के घरों को निशाना बनाया है. भीड़ ने हिंडौन से मौजूदा विधायक राजकुमारी जाटव और पूर्व विधायक भरोसीलाल जाटव के घरों में आग लगायी है. इस घटना के बाद इलाके में करफ्यू लगा दिया गया है.
जिन नेताओं के घर जलाये गये हैं वे दलित समुदाय से आते हैं. और इस कार्रवाई को प्रतिक्रिया माना जा रहा है. उल्लेखनीय है कि कल मध्यप्रदेश, राजस्थान व उत्तरप्रदेश में बंद के दौरान जबरदस्त हिंसा हुई थी. भरोसीलाल पूर्व में कांग्रेस के विधायक रहे हैं, वहीं राजकुमारी जाटव अभी एमएलए हैं. हिंडौन के कारोबारियों का आरोप है कि सोमवार को यहां बंद के दौरान जबरदस्ती कारोबारियों की दुकानें बंद करायी गयीं. बाजार बंद के दौरान व्यापारियों के साथ मारपीट व लूटपाट की भी घटना हुई थी. कई बाजार में दुकानों में तोडफ़ोड़ की घटना घटी थी.
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(नयी दिल्ली) पेपर लीक: 10 वीं गणित की परीक्षा दोबारा नहीं लेगा सीबीएसइ

नयी दिल्ली सीबीएसइ के 10 वीं के गणित की दोबारा परीक्षा नहीं होगी. इसकी जानकारी सीबीएसइ ने दी है. आपको बता दें कि सोमवार को दिल्ली हाइकोर्ट ने सीबीएसइ से जानना चाहा था कि यदि वह 10 वीं की गणित की फिर से परीक्षा करवाना चाहता है, तो उसकी योजना क्या है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए बोर्ड से कहा कि वह इस बारे में स्थिति स्पष्ट करे.सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीएसइ से पूछा था कि वह कैसे फिर से परीक्षा  के लिए जुलाई तक का इंतजार कर सकता है. छात्र-छात्रों को यूं अधर में लटकाये रख सकता है. इससे ना सिर्फ छात्रों का  शैक्षणिक वर्ष बर्बाद होगा, बल्कि यह उनके सिर पर नंगी तलवार लटकते रहने जैसा है. 10वीं कक्षा बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनके परीक्षा परिणाम से ही तय होता है कि 11 वीं और 12 वीं में  कोई छात्र किस विषय की पढ़ाई कर सकेगा.सीबीएसइ ने कोर्ट को जानकारी दी कि गणित की फिर से परीक्षा करवाने पर अभी तक फैसला नहीं लिया गया है. अभी इस बात का पता लगाया जा रहा है कि क्या पर्चा पूरे देश में  लीक हुआ था या सिर्फ दिल्ली व हरियाणा में. दलीलें सुनने के बाद सीबीएसइ को आदेश दिया कि वह इस संबंध में 16 अप्रैल तक सूचित करे. कोर्ट ने पेपर लीक होने मामले की जांच अदालत की निगरानी में कराने की मांग वाली  याचिका पर भी सीबीएसइ और केंद्र से भी जवाब मांगा है.मालूम हो कि पेपर लीक की घटना के बाद  शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप ने 12 वीं की अर्थशास्त्र की पुनरू  परीक्षा 25 अप्रैल को कराने की घोषणा की थी. उन्होंने 10 वीं गणित के बारे में कहा था कि जरूरत पडऩे पर दो राज्यों दिल्ली व हरियाणा में जुलाई में परीक्षा ली जायेगी.
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(पटना) भारत बंद के दौरान बिहार में हुई पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ सदन में हंगामा

पटना बिहार विधानसभा और विधान परिषद में मंगलवार को एससी-एसटी एक्ट को लेकर भारत बंद के दौरान हुई पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ विपक्ष ने जमकर हंगामा हुआ. इस दौरान सदन के भीतर व बाहर विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस मामले को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की,बिहार विधानसभा में विरोधी दल राजद, वामदल के सदस्यों ने भारत बंद के दौरान प्रदेश के कई जिलों में पुलिस के द्वारा बंद समर्थकों पर लाठीचार्ज के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. राजद विधायक राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट में संसोधन के खिलाफ सड़क पर शांति पूर्ण आंदोलन करने वालों पर पुलिस के द्वारा झूठे मुकदमे करने और पिटाई करने के खिलाफ उन्होंने सदन में अपनी बात रखी हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार आंदोलनकारियों पर किये झूठे मुकदमे वापस नहीं लेगी, साथ ही दलित महादलित को हक नहीं मिलता तब तक हमारा आंदोलन चलता रहेगा,वहीं दलितों के मसले पर राजद विधायकों ने विधान परिषद में हंगामा करते हुए सरकार विरोधी नारे लगाये और बिहार सरकार के साथ-साथ केंद्र की सरकार को दलित विरोधी करार दिया. राजद विधायक संजय प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार दलितों के हक को छीनना चाहती है. दलितों के हक के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. नीतीश सरकार भी दलित विरोधी है और दलितों के मसलों पर सरकार संजीदा नहीं है,बिहार विधानसभा में एससी एसटी एक्ट में हुए संशोधन में बदलाव वापस लेने की मांग को लेकर राजद और विपक्षी सदस्यों ने विधान परिषद में हंगामा करते हुए केंद्र सरकार के साथ बिहार सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. इस दौरान राजद विधायक नेमतुल्लाह और भाई वीरेंद्र ने कहा कि नाथूराम गोडसे के खानदान के लोग और संघियों ने मिलकर भारत दो बंद के दौरान हिंसा फैलाई है. इसमें दलितों का कोई रोल नहीं है. खगडिय़ा में लाठीचार्ज की गयी है और जगह-जगह पर संघी लोगों ने हिंसा फैलाई है. इस पर सरकार कार्यवाही करें और संशोधन को जल्द से जल्द वापस ले. विपक्षी सदस्यों ने हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर विधानसभा पोर्टिको में प्रदर्शन किया, उधर, बिहार विधान परिषद में जदयू नेता और प्रवक्ता नीरज कुमार नीरज ने कहा कि कल जिन राजनीतिक दलों ने बिहार में भारत बंद बुलाया था, उन्हें अपने राजनीतिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करना चाहिए. उन्होंने सवाल करते हुए कहा, मोहम्मद कादिर के बेटे की मौत का जिम्मेदार कौन होगा और इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा. जदयू नेता ने कहा, राजनीति में संस्कृति का महत्व होता है और संस्कार का महत्व होता है. लंपट संस्कृती किन राजनीतिक दलों की है, वह विचार करें और इस तरह की घटनाओं से बचे. नीरज कुमार ने यह भी कहा कि विपक्ष के सदस्य सदन को चलने नहीं देना चाहते हैं. हालांकि, सरकार से वेतन के रूप में सब कुछ लेते हैं. उन्होंने कहा, सदन चलने देना चाहिए था. नीरज कुमार ने राजद के साथ कांग्रेस को भी निशाने पर लिया और उनकी भूमिका पर सवाल खड़ा किया है।
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(अहमदाबाद) पत्नी की सहमति के बिना सेक्स बलात्कार नहीं, ओरल सेक्स क्रूरता: हाईकोर्ट

अहमदाबाद गुजरात हाईकोर्ट ने यह व्यवस्था दी है कि विवाह में बिना सहमति के बनाये गये शारीरिक संबंध को बलात्कार की संज्ञा नहीं दी जा सकती है, हालांकि कोर्ट ने यह कहा कि अपनी पत्नी को अप्राकृतिक और ओरल सेक्स के लिए बाध्य करना क्रूरता है. कोर्ट ने यह व्यवस्था एक डॉक्टर की याचिका पर सुनवाई करते हुए दी जिसकी पत्नी ने उसके खिलाफ रेप और शारीरिक उत्पीडऩ की शिकायत दर्ज करायी है. महिला की शिकायत के खिलाफ उसका पति हाईकोर्ट पहुंच गया था और उसके आरोपों को खारिज करने की मांग की थी. अपनी शिकायत में महिला ने आरोप लगाया था कि उसका पति उसे हमेशा इच्छा के विपरीत सेक्स के लिए बाध्य करता है. साथ ही वह उसपर 'ओरल सेक्सÓ और 'अप्राकृतिक सेक्सÓ के लिए भी बाध्य करता है. न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला ने अपने निर्णय में कहा कि पत्नी की सहमति के बिना उसके साथ संभोग करना बलात्कार नहीं है. इसके लिए उसके पति पर बलात्कार का केस नहीं चलाया जा सकता है. चूंकि पत्नी के साथ सेक्स वैवाहिक संबंधों का आधार है इसलिए इसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता, बशर्ते की पत्नी 18 साल से कम की ना हो.
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(नयी दिल्ली) नीरव व माल्या जैसों की संपत्ति से भरेगा सरकारी खजाना, जांच एजेंसियां एनबीसीसी को सौंपेंगी

नयी दिल्ली विभिन्न जांच एजेंसियों द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के दौरान जब्त संपत्ति का अब सरकार उपयोग कर सकेगी. इन संपत्तियों को सरकारी कंपनी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी एनबीसीसी को सौंप दिया जाएगा और वह इसे किराये व लीज पर दे सकेगी. अबतक ये संपत्तियां यूं ही सालों पड़ी रहती हैं और इनका कोई उपयोग नहीं हो पाता है. जिन मामलों में फैसला आ चुका है, उनकी संपत्ति पर एनबीसीसी पूरी तरह से निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा, वहीं जिन संपत्तियों से जुड़े मामले की जांच चल रही होगी, उसे वह लीज पर दे सकेगा. इस संबंध में हाल में वित्त मंत्रालय में प्रवर्तन निदेशालय व रेवेन्यू विभाग के साथ बैठक भी हुई है.शुरुआत में यह प्रक्रिया प्रवर्तन निदेशालय से शुरू की जाएगी. प्रवर्तन निदेशालय ने जो संपत्तियां जब्त की हैं, उन्हें एनबीसीसी को सौंप दिया जाएगा और फिर एनबीसीसी किराये या लीज पर उसका उपयोग कर सकेगा. ये वैसी संपत्तियां होंगी जो जांच के दौरान जब्त की गयी हैं. वहीं, जिन मामलों की जांच हो चुकी है और अंतिम निर्णय आ चुका है, उससे जुड़ी संपत्ति के संबंध में एनबीसीसी किसी तरह का अंतिम फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होंगी.इस नये नियम से पीएनबी घोटाले के आरोपी ललित मोदी व लोन डिफॉल्टर विजय माल्या जैसों की इडी द्वारा जब्त संपत्ति एनबीसीसी को सौंपी जाएगी. बाद में यह प्रक्रिया सीबीआइ, आयकर विभाग, पुलिस आदि के द्वारा जब्त की गयी संपत्ति के लिए भी लागू की जाएगी. अभी 25 हजार एकड़ जमीन जब्त की हुई है और एक हजार से अधिक की पहचान की गयी है, जिसकी जिम्मेवारी एनबीसीसी को सौंपी जाएगी.
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(नयी दिल्ली/भोपाल) भारत बंद हिंसा: लोकसभा में बोले राजनाथ - आरक्षण को लेकर अफवाहें निराधार

नयी दिल्ली/भोपाल भारत बंद के दौरान सोमवार को करीब दस राज्यों में जनजीवन प्रभावित हुआ. कई जगह प्रदर्शन ने हिंसक मोड़ ले लिया. मीडिया में चल रही खबर के अनुसार हिंसा में 12 लोगों की मौत हुई है जबकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार हिंसा में आठ लोगों की जान गयी है. मामले को लेकर मंगलवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बयान दिया और कहा कि कल के बंद में हुई हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हुई है. हमारी सरकार एससीध्एसटी के अधिकारों की रक्षा के लिए तत्पर है. उन्होंने कहा कि हम लोगों की चिंताओं को समझ रहे हैं, हमने एससीध् एससी ऐक्ट को कमजोर नहीं किया है. आरक्षण को लेकर अफवाहें निराधार, हम एससीध्एसटी वर्ग के प्रति संवेदनशील हैं. सभी लोगों और राजनीतिक पार्टियों से शांति बनाये रखने की मैं अपील करता हूं.
 अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के हितों की रक्षा की पूरी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निरोधक कानून को किसी भी तरह से कमजोर नहीं होगी और आरक्षण को लेकर फैलायी जा रही अफवाहें निराधार हैं. गृह मंत्री ने कल 'भारत बंदश् के दौरान देश के कुछ हिस्सों में हुई हिंसा में जानमाल के नुकसान पर दुख प्रकट किया और शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने में सभी राजनीतिक दलों का सहयोग मांगा. लोकसभा में दिए अपने बयान में सिंह ने यह भी कहा कि सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के हितों की रक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है तथा अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निरोधक कानून को किसी भी तरह से कमजोर नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि इन दिनों आरक्षण को लेकर कई तरह अफवाहें चल रही हैं और इनमें कोई आधार नहीं है.गृह मंत्री ने बताया कि एससी-एसटी कानून को लेकर उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले के खिलाफ कल आहूत 'भारत बंदश् के दौरान हुई हिंसा में कुल आठ लोगों की मौत हो गयी. मध्य प्रदेश में छह, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई. सिंह ने कहा कि वह हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं और अपील करते हैं कि लोग शांति बनाए रखें. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला 20 मार्च को आया और इसके बाद सरकार ने छह कामकाजी दिनों के भी सारी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा किया और दो अप्रैल को शीर्ष अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर दी गयी. कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों के सदस्यों की टोका-टाकी तथा अन्नाद्रमुक सदस्यों की नारेबाजी के बीच सिंह ने कहा कि एर्टार्नी जनरल ने पुनर्विचार याचिका पर शीघ्र सुनवाई का आग्रह किया और उच्चतम न्यायालय ने आज ही सुनवाई पर सहमति जतायी.उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार की तत्परता पर किसी तरह का संदेह नहीं किया जा सकता. सरकार ने एससी-एसटी कानून को किसी भी तरह से कमजोर नहीं किया है. गृह मंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय ने शांति बनाए रखने के लिए राज्यों को परामर्श जारी किया और राज्यों की ओर से जो भी मदद मांगी गयी वो मुहैया कराई गयी. उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय स्थिति पर नजर बनाए हुए है और राज्यों के संपर्क में भी बना हुआ है. गृह मंत्री के बयान के दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, माकपा, राकांपा और आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने टोका-टाकी की और हिंसा रोकने में सरकार पर नाकामी का आरोप लगाया. कांग्रेस के सुनील जाखड़ और कांतिलाल भूरिया ने यह सवाल किया कि हिंसा को क्यों नहीं रोका जा सका. उन्होंने सरकार पर एससी-एसटी कानून को कमजोर करने और दलित विरोधी रुख अपनाने का आरोप लगाया. तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि सरकार के अतिरिक्त सॉलीशीटर जनरल ने उच्चतम न्यायालय में पक्ष को सही ढंग से नहीं रखा जिस वजह से यह फैसला आया. उन्होंने दावा किया कि सरकार जानबूझकर इस कानून को कमजोर करने की कोशिश की है.
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(जमशेदपुर) नाबालिग की शादी दबंगों के यहां करने से किया इनकार, तो पूरे परिवार को उतारा मौत के घाट

जमशेदपुर समाज में समरूपता लाने का भले ही लाख कोशिश की जा रही है, लेकिन दबंगई खत्म नहीं हो रही है. एक परिवार के पांच सदस्यों की कथित रूप से इसलिए हत्या कर दी गयी, क्योंकि 45 वर्षीय एक व्यक्ति ने अपनी नाबालिग पुत्री की शादी पश्चिम सिंहभूम जिले के एक दबंग परिवार के एक विवाहित व्यक्ति से करने से इनकार कर दिया.अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक( किरीबुरू) तौकीर आलम ने बताया कि राम सिंह सिरका, उनकी पत्नी पनु कुई, पुत्री रंभा (17) और पुत्रों कंडे (12) और सोन्या ( आठ) की बीते 14 मार्च को धारधार हथियार से हमला करके हत्या कर दी गयी.
राम सिंह सिरका का क्षतविक्षत शव गुआ पुलिस थानाक्षेत्र के तुलासई गांव स्थित उनके घर से तीन किलोमीटर दूर जंगल में 27 मार्च को मिला, चार अन्य शव सोमवार को पांच किलोमीटर दूर एक अन्य जंगल में मिले. आलम ने कहा कि नौ नामित आरोपियों में चार क्षेत्र के एक दबंग परिवार के सदस्य हैं. एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने बताया कि राम सिंह सिरका और उसके परिवार के चार अन्य सदस्यों की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गयी कि उनके परिवार ने पश्चिम सिंहभूम के एक दबंग परिवार में अपनी बेटा का विवाह करने से इनकार कर दिया था.
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(पटना) भारत बंद के दौरान हिंसा, पटना में प्रदर्शन, राजद विधायकों ने निकाला मार्च, महनार में एंबुलेंस रोका, नवजात शिशु की मौत

पटना भारत बंद का बिहार में मिलाजुला असर दिखा. दलित और विभिन्न संगठनों की ओर से बुलाये गये बंद के समर्थन में पटना में राजद के विधायकों ने मार्च निकाला, वहीं विभिन्न दलों के एससी-एसटी विधायकों ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की. पटना समेत पूरे प्रदेश में जगह-जगह पर रेल और सड़क यातायात बाधित रहा. बंद के दौरान गया, कैमूर, बेतिया व चकिया में रेलवे स्टेशनों पर तोडफ़ोड़ की गयी. कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस ने राज्य भर से 3842 लोगों को हिरासत में लिया. सबसे अधिक मुजफ्फरपुर में 2500 लोग हिरासत में लिये गये. भारत बंद को बिहार में राजद, कांग्रेस, हम, जाप समेत तमाम विपक्षी दलों दलों का समर्थन प्राप्त था. जिन दलों का समर्थन नहीं था, उनके एससी-एसटी नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से इसका समर्थन किया था.  बंद के दौरान हुई घटनाओं को राज्यभर में सरकारी और निजी संपत्ति को कितना नुकसान हुआ, इसका आंकलन पुलिस देर रात तक करती रही. पटना में भीम आर्मी,राजद, जाप समेत अन्य  संगठनों के बड़े नेताओं ने जमकर प्रदर्शन किया. स्टेशन  रोड,  आर ब्लॉक, बेली रोड, दीघा रोड, अशोक राजपथ, कंकड़बाग मेन रोड से बंद समर्थकों ने बड़ी संख्या में जुलूस निकाला और नारेबाजी करते इनकम टैक्स गोलंबर होते हुए डाकबंगला चौराहा पहुंचे. यहां पर काफी देर तक प्रदर्शन हुआ. इस  दौरान जाम में फंसे लोगों से हल्की झड़प भी हुई. सड़कों  पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात रहे. राजधानी में हुए जाम प्रदर्शन और जाम करने के आरोप में  विभिन्न थानों में 26 मामले दर्ज हुए हैं. गोपालगंज में बंद समर्थकों ने एनएच 28 व 25 पर वाहनों की आवाजाही रोक दी. शहर की कुछ दुकानें खुली रहीं, जिनमें तोडफ़ोड़ की गयी. सूचना मिली है. आंबेडकर चौक पर शवयात्रा के साथ पहुंचे लोगों को भी रोक दिया गया, जिसे पुलिस के सहयोग से बाहर निकाला गया.
छपरा में बंद समर्थकों ने सुबह से ही जगह-जगह चक्का जाम कर आवागमन बाधित कर दिया. छोटी-छोटी गलियों की दुकानें भी पूर्णत: बंद रही. एकमा में प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया. एकमा स्टेशन पर छपरा-गोरखपुर पैसेंजर ट्रेन को रोके रखा. सीवान में बंद समर्थकों ने दुकानों को जबरन बंद करा दिया और चौक-चौराहों पर अवरोध रखकर यातायात को बाधित कर दिया. बक्सर में बंद समर्थकों ने सड़क से लेकर रेल यातायात रोक कर घंटों प्रदर्शन किया. मुगलसराय-दानापुर रेलखंड पर पांच घंटे ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा. इस दौरान लोगों ने ट्रेन पर पथराव भी किया. आरा में ट्रेनें रोकी गयीं. बंद समर्थकों ने वकालतखाना में घुसकर वकीलों के साथ मारपीट की और टाइपिस्टों के टाइपराइटर को तोड़ दिया. वहीं कई टाइपराइटर मशीन अपने साथ लेते गये. मोबाइल व चेन भी छीन ली. कई जगह आगजनी की गयी. कई दुकानों पर पथराव किया. दुकानों पर लगे पोस्टर व बैनर को भी फाड़ दिया गया.बेगूसराय में कई जगहों पर ट्रेनों को भी रोका गया. बंद समर्थकों ने बाजारों को भी बंद कराया. नालंदा में श्रमजीवी ट्रेन को राजगीर, पावापुरी हॉल्ट व बिहारशरीफ स्टेशन समेत कई जगह रोका गया. साथ ही एनएच 31 स्थित बिहारशरीफ-बख्तियारपुर पथ पर भी वाहनों का परिचालन रोका गया. गिरियक, पावापुरी, चंडी व नगरनौसा में भी प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम की और हंगामा किया. शेखपुरा में भी ट्रेनों को प्रदर्शनकारियों ने रोका. जिले के चेवाड़ा में दुकानदारों  के साथ मारपीट की गयी.पटना-गया रेलखंड में नौ घंटे तक ट्रेन परिचालन बाधित रहा. जहानाबाद स्टेशन पर सुबह 6 से दोपहर 3रू45 बजे तक प्रदर्शन किया व ट्रैक पर आगजनी की. सुबह 6रू22 बजे पहुंची पटना-गया पैसेंजर ट्रेन को बंद समर्थकों ने कब्जे में ले लिया. डाउन लाइन पर दिन भर एक मालगाड़ी रुकी रही. दोपहर में उसके इंजन पर पथराव किया गया. एनएच 110 को भी अनेक स्थानों पर बंद समर्थको ने आवागमन बाधित कियागया,  कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद व नवादा में बंद समर्थक लाठी-डंडों के साथ सड़कों पर उतर आये. गया और कैमूर में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, दुकानों व गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ की गयी. दुकानों को जबरन बंद कराया गया.  गया स्टेशन परिसर में ईंट-पत्थर से हमले में कई रेलकर्मी भी घायल हुए हैं. यहां खड़ी पटना-भभुआ इंटरसिटी एक्सप्रेस में जम कर तोडफ़ोड़ की गयी, स्टेशन पर टिकट काउंटर, फूड प्लाजा, बाहर की दुकानों में भी लूटपाट की. सासाराम में प्रदर्शनकारियों ने डीएम का घेराव किया. औरंगाबाद में दो घंटे तक हाईवे को जाम रखा. कैमूर में छत से गिरने से घायल हुए व्यक्ति की अस्पताल ले जाने के दौरान जाम में फंसने से मौत हो गयी, जबकि नवादा में एंबुलेंस को रोकने पर उसमें सवार मरीज को परिजन गोद में उठा कर अस्पताल ले गये. गया में हालात ज्यादा बिगडऩे पर पुलिस को बल प्रयोग कर  प्रदर्शनकारियों को खदेडऩा पड़ा. भागलपुर सहित कोसी व पूर्व बिहार के सभी 13 जिलों में भारत बंद असरदार रहा. कई जगहों पर ट्रेनों को भी रोका गया. सड़कों पर आवागमन ठप कर दिया गया. सहरसा स्टेशन पर राज्यरानी को तीन घंटे रोके रखा गया. धमारा में एक घंटे ट्रैक को जाम कर दिया गया.
सुपौल पूरे जिले में  दोपहर तक सड़क जाम रहा. बाजार बंद रहे. सड़क पर आगजनी भी हुई. बंद समर्थकों ने भागलपुर में विक्रमशिला एक्सप्रेस को एक घंटे तक रोक कर रखा.  अररिया में एनएच 57 व एनएच 333इ को तीन घंटे जाम रखा गया. फारबिसगंज और अररिया में पैसेंजर ट्रेन 15 मिनट रोकी गयी. किशनगंज में एक घंटे एनएच 31 जाम रहा. लखीसराय शहर की मुख्य सड़क को पांच घंटे बंद समर्थकों ने जाम रखा. पूर्णिया में बंद समर्थकों ने पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर सहरसा-पूर्णिया ट्रेन को सुबह नौ बजे से तीन बजे तक रोके रखा. कटिहार में पांच घंटे तक बाजार बंद रहा. बंद समर्थकों ने मुंगेर में आधे घंटे जमालपुर-बेगूसराय पैसेंजर ट्रेन रोकी.मुजफ्फरपुर में दुकानदारों से बंद समर्थकों में जम कर मारपीट हुई. आवागमन पूरी तरह बंद रहा. समर्थकों ने बेतिया व चकिया रेलवे स्टेशन पर जमकर तोडफ़ोड़ की. कई दुकानों में भी तोडफ़ोड़ की गयी.पेट्रोल पंप को भी बंद समर्थकों ने अपना निशाना बनाया.  मधुबनी स्टेशन पर समर्थकों ने सियालदह-जयनगर गंगासागर ट्रेन तीन घंटे रोके रखा. मोतिहारी में स्वच्छाग्रहियों के लाने के लिए बरियारपुर में खड़ी 20 सरकारी बसों में तोडफ़ोड़ की गयी. शहर के राजाबाजार, गायत्री नगर, छतौनी व पीपराकोठी में हलकी झड़प भी हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गये. सीतामढ़ी में में लिच्छवी एक्सप्रेस को चार घंटे तक रोका गया. मालगाड़ी के इंजन पर तोडफ़ोड़ की गयी. शहर के गौशाला चौक पर पुलिस पर पथराव करने के बाद लाठी चार्ज करते हुए एक दर्जन लोगों को हिरासत में ले लिया गया. पथराव में जमादार शशि भूषण जख्मी हो गये. मेजरगंज प्रखंड में प्रदर्शनकारियों ने प्रखंड कार्यालय में घुस कर प्रमुख, बीडीओ व सीओ कक्ष समेत सभी कार्यालयों एवं भवनों में तोडफ़ोड़ की. बीडीओ के सरकारी वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया. समस्तीपुर के के दलसिंहसराय में बंद समर्थकों ने कोर्ट परिसर में जमकर रोड़े बरसाये. इसमें कई अधिवक्ता चोटिल हो गये. सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा देने जा रहे छात्राओं के साथ झड़प हुई. एडीजी मुख्यालय एसके सिंघल ने कहा कि बंद के दौरान कानून-व्यवस्था पूरी तरह से पुलिस के नियंत्रण में रही. पटना, कैमूर, दरभंगा और मुजफ्फरपुर में सख्ती रही. गड़बड़ी करने वालों को हिरासत में लिया गया.  बंद के दौरान कुल 3842 लोगों को हिरासत में लिया गया.
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(बेंगलुरु) कर्नाटक चुनाव: राहुल गांधी पांचवे चरण में दो दिन के दौरे पर, जहां शाह गये थे वहां जाएंगे

बेंगलुरु कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज से कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अपने पांचवे चरण का प्रचार शुरू करेंगे. राहुल उन जगहों पर भी जाएंगे जिनका हाल ही में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दौरा किया है. अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान राहुल शिवमोगा, दावनगेरे, चित्रदुर्ग, तुमकुरू और रामनगर जिले में जाएंगे. पार्टी की ओर से जारी दौरा कार्यक्रम के अनुसार, जनसभाएं करने के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धगंगा मठ में शिवकुमार स्वामी जी से मिलेंगे. राहुल बस स्टैंड चौक पर लोगों से मिलेंगे और शिवमोगा में जनसभा को संबोधित करेंगे. वह दावनगेरे जिले के होन्नाली, हरिहारा और बैठी शहरों में भी जाएंगे. राहुल जिले में जनसभा भी करेंगे. यात्रा के दूसरे दिन राहुल चित्रदुर्ग जिले के होलालकेरे जाएंगे जहां वह जनसभा को संबोधित करेंगे. फिर वह तुमकुरू जिले में सिद्धगंगा मठ जाएंगे. दिल्ली रवानगी से पहले राहुल कुनिगल में लोगों से मिलेंगे और रामनगर जिले के मगाड़ी में जनसभा को संबोधित करेंगे. शाह ने 26-27 मार्च को इन जगहों का दौरा किया था.
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(बोस्टन/नयी दिल्ली) उपग्रह डेटा के इस्तेमाल से हार्वर्ड ने किया अध्ययन कहा, पराली जलाने से दिल्ली में प्रदूषण दोगुणा

बोस्टन/नयी दिल्ली  हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने नासा के उपग्रह डेटा का इस्तेमाल कर एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला कि दिल्ली में अक्तूबर और नवंबर को फैले दमघोंटू प्रदूषण में से आयी  आंधी के लिए जिम्मेदार खेतों में जलाई जाने वाली पराली है. उत्तर पश्चिम भारत में ढेर सारे किसान फसल कटाई के मौसम के बाद खेतों में पराली जलाते हैं ताकि अपने खेतों को अगली फसल के लिए तैयार किया जा सकें. पिछले कुछ वर्षों से हर शरद ऋतु में नई दिल्ली में प्रदूषण के कारण धुंध छा जाती है जिससे राष्ट्रीय राजधानी गैस चौम्बर में तब्दील हो जाती है.हार्वर्ड विश्वविद्यालय और नासा के शोधकर्ताओं ने अब पाया कि पंजाब में पराली जलाने के मौसम अक्तूबर और नवंबर में पराली जलाना दिल्ली में भयंकर प्रदूषण का कारण है. पराली जलाने से दिल्ली में दोगुना प्रदूषण हुआ.
एसईएएस में स्नातक के छात्र डेनियल एच कसवर्थ ने कहा, '' पराली जलाने के पीक मौसम के दौरान कुछ दिन दिल्ली में वायु प्रदूषण विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्वच्छ वायु के मानकों से करीब20 गुना ज्यादा है. यह अध्ययन' एनवायरमेंटल रिसर्च लेटर्स पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. इसमें नासा के उपग्रह से भेजे गए डेटा का इस्तेमाल किया गया है.
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(नयी दिल्ली) कावेरी विवाद: केंद्र की याचिका पर नौ अप्रैल को सुनवाई करेगा न्यायालय

नयी दिल्ली उच्चतम न्यायालय कावेरी प्रबंधन स्कीम के गठन संबंधी उसके16 फरवरी के फैसले पर स्पष्टीकरण का अनुरोध करने वाली केंद्र की याचिका पर नौ अप्रैल को सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने केन्द्र की याचिका पर नौ अप्रैल को सुनवाई करने की बात कही. केंद्र की ओर से पेश हुए वकील ने न्यायालय को बताया कि स्कीम के गठन को लेकर संबंधित राज्यों के विचार एक- दूसरे से अलग हैं. केंद्र की ओर से पेश वकील वसिम कादरी ने मामले की तुरंत सुनवाई का अनुरोध किया.
इसपर पीठ ने कहा, '' हम तमिलनाडु की याचिका के साथ ही इस मामले की सुनवाई नौ अप्रैल को करेंगे. शीर्ष अदालत ने अपने 16 फरवरी के फैसले में केन्द्र को कावेरी प्रबंधन स्कीम का गठन करने को कहा था ताकि तीन दशक पुराने कावेरी जल विवाद पर उसके 465 पन्नों के फैसले का पालन सुनिश्चित हो सके. न्यायालय ने कावेरी जल विवाद पंचाट के2007 के फैसले को बदल दिया था और स्पष्ट किया कि वह किसी सूरत में इसकी कार्यावधि नहीं बढ़ाएगा. न्यायालय ने 16 फरवरी को कावेरी जल में कर्नाटक का हिस्सा 14.75 टीएमसी फुट बढ़ाकर उसे 270 टीमएमसी फुट कर दिया. उसने नदी जल में तमिलनाडु का हिस्सा घटा दिया, और बदले में राज्य को नदी घाटी से10 टीएमसी फुट भूजल निकालने की अनुमति दे दी. न्यायालय ने उक्त आदेश देते हुए कहा था कि'' पेयजल का मुद्दा सर्वोच्च प्राथमिकताश्श् वाला है. शीर्ष अदालत के फैसले के अनुसार, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और संघ शासित प्रदेश पुडुचेरी को क्रमश: प्रतिवर्ष404.25 टीएमसी फुट, 284.75 टीएमसी फुट, 30 टीमएमसी फुट और 7 टीएमसी फुट कावेरी जल मिलेगा.
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(नयी दिल्ली) एससी,एसटी एक्ट पर अपने फैसले पर कायम सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट अनुसूचित जातिध्अनुसूचित जनजाति (एससी,एसटी) अत्याचार निवारण कानून से संबंधित आदेश को लेकर केंद्र सरकार की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हम एससी,एसटी के खिलाफ नहीं हैं, बस इतना चाहते हैं कि किसी निर्दोष को सजा नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हमें चिंता एक्ट के दुरुपयोग की है, इसलिए फैसले पर रोक नहीं लगाई जाएगी। कोर्ट अपने फैसले पर कायम है। बता दें कि कोर्ट के पहले फैसले के बाद सोमवार को दलित समुदाय द्वारा भारत बंद के दौरान काफी हिंसा हुई। इस हिंसा में करीब नौ लोगों की मौत हो गई।सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय के माध्यम से सरकार ने इस मामले में याचिका दायर करके शीर्ष अदालत से अपने गत 20 मार्च के आदेश पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया है। सरकार का मानना है कि एससी और एसटी के खिलाफ कथित अत्याचार के मामलों में स्वतरू गिरफ्तारी और मुकद्दमे के पंजीकरण पर प्रतिबंध के शीर्ष अदालत के आदेश से 1989 का यह कानून 'दंतविहीनÓ हो जाएगा। मंत्रालय की यह भी दलील है कि सर्वोच्च न्यायालय के हालिया आदेश से लोगों में संबंधित कानून का भय कम होगा और एससीध्एसटी समुदाय के व्यक्तियों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में बढ़ौतरी होगी। कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में व्यवस्था दी है कि एससीध्एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत दर्ज मामलों में उच्चाधिकारी की बगैर अनुमति के अधिकारियों की गिरफ्तारी नहीं होगी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि गिरफ्तारी से पहले आरोपों की प्रारंभिक जांच जरूरी है। न्यायमूर्ति गोयल और न्यायमूर्ति ललित की पीठ ने गिरफ्तारी से पहले मंजूर होने वाली जमानत में रुकावट को भी खत्म कर दिया है। शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद अब दुर्भावना के तहत दर्ज कराए गए मामलों में अग्रिम जमानत भी मंजूर हो सकेगी। न्यायालय ने माना कि एससीध्एसटी अधिनियम का दुरुपयोग हो रहा है।शीर्ष अदालत के इस फैसले पर सोमवार भारत बंद का आयोजन किया गया था, जिससे विभिन्न राज्यों में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। कई स्थानों पर आगजनी और हिंसक घटनाएं भी हुईं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत बंद के दौरान हिंसक घटनाओं में आठ लोगों के मारे जाने और कई लोगों के घायल होने की खबर है। मृतकों में मध्य प्रदेश के छह और उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान का एक-एक व्यक्ति शामिल है।
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(नयी दिल्ली) इराक में मारे गए लोगों के लिए मुआवजे की मांग,पंजाब के सांसद संसद भवन की छत पर चढ़े
नई दिल्ली इराक के मोसुल में द्वारा मारे गए लोगों के परिवारों के लिए वित्तीय सहायता की मांग को लेकर संसद परिसर में पंजाब कांग्रेस के सांसदों ने प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं सांसदों ने संसद भवन की छत पर चढ़कर भी प्रदर्शन किया। पंजाब कांग्रेस के सदस्यों रवनीत बिट्टू, सुनील जाखड़ और संतोख सिंह चौधरी ने प्रदर्शन करते कहा कि मोदी सरकार को इन पीडि़त परिवारों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन परिवारों की सार न लेकर मोदी सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है।
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(श्रीनगर) उमर अब्दुल्ला के गलत टवीट् पर भडके लोग, कहा दिया गैरजिम्मेदार

श्रीनगर पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला सोशल साइट टवीट्र पर काफी एक्टिव रहते हैं पर इस बार उन्हें एक टवीट् के कारण लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। हांलाकि उमर ने बाद में उस टवीट् को हटा दिया। उमर अब्दुल्ला ने पत्थरबाजों का शिकार हुए पर्यटक नाम से एक टवीट् किया था। उमर ने टाइम्स ऑफ इंडिया की एक कैप्शन का सक्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, यह पत्थरबाज किसी के दोस्त नहीं हैं और न ही घाटी में किसी के शुभचिंतक। इनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। गौरतलब है कि एक समाचार पत्र ने छापा था कि घाटी में पत्थराव से चार पर्यटक घायल हो गए हैं। उमर अब्दुल्ला के कई फैन हैं। घाटी के लोगों ने उन्हें टवीट् करने पर गैरजिम्मेदार ठहराया है। एक ने लिख है कि आपको पहले खबर का पता करना चाहिए था। आप जैसे नेता ने इस तरह से गैरजिम्मेदारना टवीट् किया है। एक शहरी ने लिखा है कि पुलिस ने खबर को झूठा बताया है। समाचार पत्र ने लिखा है कि घाटी में आतंकियों की मौत के बाद हुए पत्थराव में पर्यटक फंस गये। पुलिस ने खबर का खंडन किया। पुलिस ने कहा कि रविवार को एक जगह पत्थराव में दो पर्यटक फंस गए थे और उसके बाद ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। इंडोनेशियाई पर्यटकों पर डल लेक के पास पत्थराव की कोई घटना नहीं हुई है। पीडीपी के युवा प्रधान वहीद उर रहमान ने भी उमर के टवीट् की निंदा की। उन्होंने लिखा, दुख की बात है कि जिस खबर को आप प्रोमोट करने की कोशिश कर रहे थे वो तर्कहीन थी। भारी आलोचना के बाद उमर ने अपने टवीट् को डिलीट कर दिया।
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(लखनऊ) देश में हुई आगजनी-तोडफ़ोड़ के पीछे सपा-बसपा का हाथ: कठेरिया

लखनऊ भारत बंद के दौरान देशभर में हुए हिंसा को लेकर एससी-एसटी आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया ने बड़ा हमला बोला है। कठेरिया ने इस हिंसा के लिए सपा-बसपा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि सोमवार को देश में हुई आगजनी-तोडफ़ोड़ के पीछे सपा-बसपा का हाथ है। बता दें कि भारत बंद के दौरान देश में हुए दंगे-फसाद में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें अकेले उत्तर प्रदेश में 2 लोग मारे गए हैं जबकि दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
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(नयी दिल्ली) दिल्ली उच्च न्यायालय ने दी सीएम केजरीवाल को राहत, मानहानि केस का हुआ निपटारा

नई दिल्ली दिल्ली उच्च न्यायालय ने केन्द्रीय मंत्री अरूण जेतली की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ दायर 10  करोड़ रुपए के मानहानि के मुकदमे का आज निपटारा कर दिया।  केजरीवाल द्वारा जेटली से माफी मांग लिये जाने के बाद अदालत ने उक्त फैसला लिया। न्यायमूर्ति मनमोहन ने जेतली और केजरीवाल द्वारा संयुक्त रूप से दी गई समझौता अर्जी को स्वीकार कर लिया और' आपÓ प्रमुख द्वारा केन्द्रीय मंत्री से माफी मांगने, तथा उसकी स्वीकारोक्ति के बाद मुकदमे का निपटारा कर दिया।  अदालत ने दोनों नेताओं के लिखित हलफनामे तथा बयान को स्वीकार किया और समझौता अर्जी के आधार पर मुकदमे का फैसला कर दिया।  सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश हुए वकील अनुपम श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि मामला सुलझ गया है और जेतली ने' आपÓ नेता की माफी स्वीकार कर ली है। केजरीवाल ने जेतली पर आरोप लगाया था कि उनके डीजीसीए का अध्यक्ष रहते हुए कई अनियमितताएं हुई थी। आम आदमी पार्टी(आप) के अन्य नेताओं ने भी जेतली पर इसी तरह के आरोप लगाए थे। जेतली ने पिछले वर्ष पांच अगस्त को इन सभी के खिलाफ न्यायालय में दस करोड़ रूपए मानहानि का मामला दर्ज कराया था। जेतली को लिखे एक पत्र में  केजरीवाल ने कहा है कि उन्होंने उन्हें उपलब्ध कराए गए कुछ कागजात के आधार पर आरोप लगाए थे लेकिन अब इनकी जांच से उन्हें पता लगा है कि ये आरोप निराधार थे । उन्होंने कहा कि यह देखते हुए वह उनसे माफी मांगते हैं। आप के अन्य नेताओं संजय सिंह, आशुतोष ,राघव चड्ढा और दीपक बाजपेयी ने भी इसी तरह पत्र लिखकर जेतली से माफी मांगी है। हालांकि मानहानि मामले में कुमार विश्वास के खिलाफ अदालती कार्यवाही जारी रहेगी , जिन्होंने अब तक माफी नहीं मांगी है। केजरीवाल इससे पहले मानहानि के अलग अलग मामलों में पंजाब के पूर्व मंत्री एवं अकाली दल नेता विक्रम सिंह मजीठिया, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी और कांग्रेस नेता तथा पूर्व केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के पुत्र अमित सिब्बल से भी माफी मांग चुके हैं।
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(श्रीनगर) आतंकवादियों ने घर में घुसकर की गोलीबारी , 3 घायल

श्रीनगर उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा जिला में कल देर रात कुछ आतंकवादियों ने एक घर में घुसकर एक महिला एवं दो बच्चों को घायल कर दिया तथा एक अन्य का अपहरण कर लिया। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि कल देर रात करीब 10.10 बजे चार आतंकवादी बांदीपोरा जिले में हाजिन में पार मोहल्ला निवासी फारुक अहमद पार्रे के घर में घुस गये और अंधाधुध गोलियां चलायी। परिवार के सदस्यों ने शोर मचाया तो आतंकवादियों ने उन पर धारदार हथियार से हमला किया। हमले में फारुक की पत्नी रफीका उसकी बेटी नीलोफर और बेटा हिलाल घायल हो गये जबकि उनके दामाद मुनताजिर अहमद का अपहरण कर लिया। घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उन्हें श्रीनगर रेफर किया गया। घायलों में रफीका की हालत गंभीर बतायी जा रही है। उन्होंने बताया कि आतंकवादी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। सुरक्षा बल के जवान तत्काल मौके पर पहुंचे और आतंकवादियों की खोजबीन शुरू कर दी। अपहृत व्यक्ति की तलाश जारी है।
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(नयी दिल्ली) राज्यसभा में अरुण जेटली को फिर से नेता सदन नियुक्त किया गया
नयी दिल्ली वित्त मंत्री अरुण जेटली को राज्यसभा में एक बार फिर से नेता सदन नियुक्त किया गया है। सभापति एम वेंकैया नायडू ने आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सदस्यों को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने उन्हें दो अप्रैल को लिखित सूचना दी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जेटली को नेता सदन नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि  जेटली का उच्च सदन का कार्यकाल कल समाप्त हो गया था और इस कार्यकाल में भी वह नेता सदन की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उन्हें इस कार्यकाल में भी नेता सदन बनाया गया है। जेटली उत्तर प्रदेश से उच्च सदन में चुनकर आये हैं। हालाकि जेटली उस समय सदन में मौजूद नहीं थे।
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(नयी दिल्ली) एससी,एसटी मामले में हुई हिंसा के लिए कांग्रेस जिम्मेदार: रविशंकर

नयी दिल्ली सरकार ने अनुसूचित जातिध्जनजाति के प्रदर्शनकारियों द्वारा सोमवार को आयोजित 'भारत बंदÓ के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा के लिए विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए आज आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से देश को बांटने की राजनीति करती रही है। विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, "(कांग्रेस अध्यक्ष) राहुल गाँधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के डीएनए की बात करते हैं। देश को बाँटने का सबसे ज्यादा काम कांग्रेस ने किया है। पचास साल देश पर एक ही परिवार के लोगों ने शासन किया है और इस दौरान देश को धर्म, भाषा, समुदाय के नाम पर तथा हरसंभव दूसरे तरीकों से भी उसने बाँटने की कोशिश की गयी है।"उन्होंने आरोप लगाया, "कुछ दल 'भारत बंदÓ के दौरान लोगों को हिंसा के लिए उकसा रहे थे। हम उम्मीद कर रहे थे कि राहुल गाँधी लोगों से शांति की अपील करेंगे, लेकिन उन्होंने एक बार भी ऐसा नहीं किया।"
प्रसाद के साथ तीन अन्य केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, अर्जुन राम मेघवाल और विजय साँपला तथा मध्य प्रदेश के हिंसा प्रभावित भिंड के सांसद भागीरथ प्रसाद भी मौजूद थे।
गहलोत ने विपक्षी दलों पर बंद के दौरान जान-बूझकर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "जानबूझकर लोगों को हिंसा के लिए उकसाया गया। सात लोगों की मौत हो गयी, जानमाल का नुकसान हुआ और आगजनी हुई। इस सबके लिए नकारात्मक भूमिका निभाने वाला विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस, जिम्मेवार है।"उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जो जनधन योजना, मुद्रा योजना, स्टैंडअप योजना, ग्रामीण आवास योजना आदि शुरू की है, जिनका सर्वाधिक लाभ अनुसूचित जातिध्जनजाति के लोगों को मिल रहा है।  प्रसाद ने कहा कि मौजूदा सरकार ने वर्ष 2016 में अनुसूचित जातिध्जनजाति के हितों के संरक्षण संबंधी कानून में बदलाव कर पहली बार इन वर्गों के लोगों की जबरन मूँछें काटने, मुँह काला करने, उन्हें जूतों की माला पहनाने, पानी भरने और घुड़चढ़ी से रोकने तथा आदिवाासी महिलाओं को देवदासी बुलाने को अपराध की श्रेणी में रखा।  गहलोत ने कांग्रेस से सवाल किया कि उसने अनुसूचित जातिध्जनजाति के लिए क्या किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में राजनीतिक लाभ के चक्कर में एक बार फिर समाज को बाँटने की कोशिश कर रही है और इन वर्गों के लोगों को अन्य वर्गों से लड़ाना चाह रही है।
गौरतलब है कि गणित पेपर के लीक होने की खबरें पिछले दिनों अखबारों में आयी थी तब सीबीएसई ने कहा था कि वह इन खबरों की जांच पड़ताल करने के बाद ही इस संबंध में कोई निर्णय लेगा।
उन्होंने ट्वीट में कहा है कि प्रारंभिक जांच पड़ताल और छात्रों के हितों की रक्षा को ध्यान में रखते हुए गणित का पेपर दुबारा न कराने का निर्णय लिया गया है। पिछले दिनों सीबीएसई के 12वीं के अर्थशास्त्र के पर्चे लीक होने के सनसनीखेज मामले में दो शिक्षकों तथा ट्यूटर को गिरफ्तार किया गया था और सीबीएसई के अधिकारी के. एस. राणा को निलंबित किया गया था।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पर्चे लीक होने के मामले की जांच के लिए एक आंतरिक जांच समिति भी गठित की है। दसवीं की परीक्षा आयोजित किए जाने के बारे में सीबीएसई की एक नकली प्रेस विज्ञप्ति भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी जिसके कारण छात्रों और अभिभावकों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी थी। सीबीएसई की प्रवक्ता रमा शर्मा ने कल देर रात इस प्रेस विज्ञप्ति को फर्जी बताया था। यह प्रेस विज्ञप्ति 30 मार्च को सीबीएसई के लेटर हेड पर जारी की गयी थी जिसमें दसवीं के गणित की परीक्षा 30 अप्रैल को होने की बात कही गयी थी। शर्मा ने इस विज्ञप्ति का खंडन किया है।
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(महोबा) यूपी: जहरीली चाय पीने से सात मजदूर बीमार

महोबा उत्तर प्रदेश में महोबा जिले की कबरई पत्थर मंडी में आज विषाक्त चाय पीने से सात लोग गम्भीर रूप से बीमार हो गए। सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस उप अधीक्षक जितेंद्र दुबे ने बताया कि कानपुर.सागर राष्ट्रीय राजमार्ग में खनिज चेकपोस्ट के निकट स्थित चाय की गुमटी में रोज की तरह सुबह मजदूरों का जमावड़ा लगा था।
कहा जा रहा है कि यहां चाय पीने के बाद सात लोगो को अचानक उल्टियां शुरू हो गई। बीमार मुन्ना, देवी चरण,सुरेंद्र,परसद्दी,हरिओम,कामता और सुंदर लाल को इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस उप अधीक्षक ने बताया कि सभी श्रमिको को सघन चिकित्सा इकाई में रख कर उपचार किया जा रहा है। घटना की वजह अभी स्पष्ट नही है।उधर गुमटी का संचालक गंगाराम मामले के बाद फरार हो गया है।पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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(लखनऊ) एससी-एसटी एक्ट: यूपी में हिंसक प्रदर्शन के बाद आज शांति

लखनऊ एससी-एसटी एक्ट के तहत शीघ्र गिरफ्तारी पर रोक और अग्रिम जमानत जैसे प्रावधान हटाए जाने के विरोध में भारत बंद के दौरान कल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुये हिंसक प्रदर्शन के बाद आज शांति बनी हुई है। हिंसक प्रदर्शन के दौरान मुजफ्फनगर और मेेरठ में दो लोगों की मृत्यु हो गयी थी तथा 50 से अधिक लोग घायल हो गये थे। पुलिस ने दावा किया है कि इस मामले में 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसक प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किये गये 200 लोग मेरठ के हैं। हिंसक प्रदर्शन के दौरान कुल तीन लोगों की मृत्यु हुई है। इसमें एक व्यक्ति की मृत्यु फिरोजाबाद में होने की भी सूचना है, लेकिन अधिकृत रूप से इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलित आन्दोलन के मद्देनजर जिन स्कूलों में परीक्षा चल रही है उनको छोड़कर अन्य सभी स्कूल-कालेजों को आज बंद रखा गया है। आगरा, हापुड़ गाजियाबाद तथा मेरठ में स्कूल, कालेजों को बंद रखा गया है।
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(नयी दिल्ली) राज्यसभा में कई मुद्दों पर विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित

नयी दिल्ली राज्यसभा में आज 41 नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाये जाने के बाद विपक्षी सदस्यों के विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी।
कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन, आन्ध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने , तथा दलितों के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों ने भारी हंगामा किया जिससे सभापति को जरूरी दस्तावेज पटल पर रखवाये बिना ही कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी। हंगामे के कारण सदन में लगातार 19 वें दिन शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका। कार्यवाही शुरू होते ही उच्च सदन में चुनकर आये नये सदस्यों को सदस्यता की शपथ दिलायी गयी। सभापति एम वेंकैया नायडू ने इसके बाद जैसे ही विधायी दस्तावेज पटल पर रखवाने की कोशिश की अन्नाद्रमुक , द्रमुक , तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी के सदस्य तेजी से आसन की ओर लपके। इनके हाथ में पोस्टर और बैनर थे। इन सदस्यों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिये। नायडू ने सदस्यों से कहा कि वे विधायी दस्तावेज पटल पर रखने दें जिसके बाद वह उनकी बात सुनने को तैयार हैं लेकिन सदस्यों के भारी हंगामे को देखते हुए उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्षी सदस्यों ने इन मुद्दों को लेकर भारी हंगामा किया है जिसके कारण सदन में कोई खास विधायी कामकाज नहीं हो सका है।
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(नयी दिल्ली) कावेरी मुद्दे पर अन्नाद्रमुक का लोकसभा में हंगामा, नहीं हो सका प्रश्नकाल

नयी दिल्ली कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड गठित करने की मांग को लेकर अन्नाद्रमुक के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण आज लोकसभा में 18वें दिन भी प्रश्नकाल नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही दो मिनट के भीतर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अन्नाद्रमुक के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंचकर 'हमें न्याय चाहिएÓ के नारे लगाने लगे। उन्होंने अपनी मांगों वाले प्लेकार्ड भी हाथों में ले रखे थे और काले, सफेद एवं लाल रंग के तिरंगे पटके भी लगा रखे थे। इस दौरान पीला पटका लगाये तेलुुगुदेशम पार्टी के सदस्य अपनी-अपनी सीट पर खड़े रहे। शोर-शराबे के बीच ही कांग्रेस के सभी सदस्य अपनी-अपनी सीट पर खड़े होकर कुछ कह रहे थे, लेकिन हंगामे में उनकी आवाज नहीं सुनी जा सकी।
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू किया तथा हंगामा कर रहे सदस्यों से सदन में शांति बनाने की अपील की, लेकिन उनकी अपील का इन सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद महाजन ने 11 बजकर दो मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। पांच मार्च से बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू होने के बाद से ही विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्ष के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित चल रही है और प्रश्नकाल नहीं हो पा रहा है। बजट सत्र छह अप्रैल तक चलना है।
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(भोपाल) मध्यप्रदेश में हिंसा के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर सात हुई

भोपाल दलित संगठनों के भारत बंद के आह्वान पर सोमवार को मध्यप्रदेश में कुछ स्थानों पर हिंसा की घटनाओं के बाद आज स्थिति नियंत्रण में है। इस बीच मृतकों की संख्या बढ़कर सात हो गयी।
कफ्र्यूग्रस्त ग्वालियर, मुरैना और भिंड जिलों में पुलिस की गश्त बढ़ा दी गयी है। पुलिस संदिग्ध आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास में जुटी हुयी है। कल की हिंसक घटनाओं में ग्वालियर में तीन, भिंड जिले में तीन और मुरैना में एक व्यक्ति की मौत हो गयी है और कम से कम तीस व्यक्ति घायल हुए हैं। इनमें पुलिस अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं। मुरैना से यूनीवार्ता के अनुसार शहर में कल से ही कफ्र्यू जारी है। रात भर पुलिस की गश्त चलती रही है। सुबह भी लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। चंबल के पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह ने बताया कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। कानून किसी को भी हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। ग्वालियर से मिली सूचनाओं के अनुसार वहां भी कफ्र्यू जारी है। अतिरिक्त पुलिस बल लगातार गश्त कर रहा है। ग्वालियर जिले के डबरा में भी हालात अब नियंत्रण में हैं। वहां पर भीड़ ने पुलिस बल पर हमला किया था। गोली लगने के कारण ग्वालियर में दो और डबरा में एक व्यक्ति की मौत हुयी है। भिंड से यूनीवार्ता के अनुसार देशव्यापी बंद के दौरान भिंड जिले में भी सोमवार को काफी उपद्रव हुआ। जिले के मेहगांव, गोहद और लहार में उपद्रवियों और पुलिस के बीच चली गोली में तीन लोगों की मौत हुई है। वाहनों में तोडफोड और आगजनी हुयी। हालात बिगडऩे पर प्रशासन ने हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में कफ्र्यू दिया था। इस उपद्रव में मेहगांव के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनिल बनवारिया, पुलिस उपनिरीक्षक दीपक यादव और आरक्षक योगेश दीक्षित घायल हुए हैं। भिंड में भाजपा सांसद भागीरथ प्रसाद के घर पर भी पथराव किया गया।
भिंड जिले के लहार क्षेत्र के रौन थाना क्षेत्र के मछण्ड में महावीर सिंह राजावत (40) की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में मछण्ड पुलिस चौकी के प्रधान आरक्षक रामकुमार दौहरे और आरक्षक सुल्तान राठौर के खिलाफ देर रात मामला दर्ज किया गया है। मेहगांव में उपद्रव के दौरान आकाश गर्ग के गोली लगने से मौत हुई, वहीं घायल प्रदीप जाटव की भी बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई। भिंड जिले में कल सुवह से ही हिंसा की शुरुआत हो गई। हाथ में लाठियां लेकर अनेक लोग सड़क पर उतर आए और बाजार बंद कराने के साथ सड़क पर चलने वाले वाहनों में तोडफोड शुरु कर दी थी। अब भिंड जिले को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। भिंड जिले के लहार, मेहगांव, गोहद और भिण्ड शहर में कफ्र्यू जारी है। स्कूल, कॉलेज, कोचिंग बंद करा दिए गए हैं। लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने और शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है। राज्य के सभी 51 जिलों में प्रदेश पुलिस मुख्यालय स्थिति पर नजर रखे हुए है। प्रदेश पुलिस प्रशासन सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से संपर्क में है। कल प्रदर्शन के दौरान श्योपुर, अशोकनगर, सागर, देवास और कुछ अन्य जिलों में भी छिटपुट घटनाएं हुयी थीं।
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(नयी दिल्ली) गूगल ने कमलादेवी चट्टोपाध्याय की जयंती पर डूडल बनाकर श्रद्धांजलि दी

नयी दिल्ली गूगल ने मशहूर समाजसेविका तथा स्वतंत्रता सेनानी कमलादेवी चट्टोपाध्याय की 115वीं जयंती पर आज डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कमलादेवी चट्टोपाध्याय ने आजादी के बाद भारतीय हथकरघा और रंगमंच में नई जान फूंकने में अहम भूमिका निभाई। डूडल में कमलादेवी चट्टोपाध्याय के किए गए कार्यों की झलक भी साफ दिखायी देती है। कमलादेवी चट्टोपाध्याय का जन्म तीन अप्रैल, 1903 को मंगलोर (कर्नाटक) में हुआ था। कमलादेवी जब सिर्फ सात साल की ही थीं, उसी समय उनके पिता का निधन हो गया था। उनकी 14 साल की उम्र में ही शादी हो गई थी, लेकिन दो साल बाद ही उनके पति कृष्ण राव की मौत हो गई। उन्होंने बाद में सरोजिनी नायडू के भाई हरेंद्र नाथ चट्टोपाध्याय से शादी की। विधवा विवाह और जाति से अलग विवाह करने की वजह से वह आलोचना की शिकार भी हुईं लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की। उन्होंने फिल्मों में भी काम किया है जिसमें शंकर पार्वती और धन्ना भगत शामिल है। इसके अलावा उन्होंने दो मूक फिल्में की है।
कमलादेवी पति हरेंद्रनाथ चट्टोपाध्याय के साथ लंदन चली गई थीं लेकिन जब 1923 में उन्हें गांधीजी के असहयोग आंदोलन के बारे में पता चला तो वह भारत आ गईं और आजादी के आंदोलन में शामिल हो गईं। उन्होंने गांधीजी के नमक सत्याग्रह में भी हिस्सा लिया था।
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(श्रीनगर) दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा कारणों से रेल सेवा स्थगित

श्रीनगर दक्षिण कश्मीर में चार नागरिकों के मारे जाने के विरोध में अलगाववादियों के हड़ताल के आह्वान को ध्यान में रखते हुए तथा सुरक्षा कारणों से घाटी में रेल सेवा को आज तीसरे दिन फिर से स्थगित कर दिया गया। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यहां बताया "कश्मीर घाटी में सुरक्षा कारणों से आज रेल सेवा स्थगित रहेगा।" उन्होंने कहा दक्षिण कश्मीर से गुजर कर जम्मू क्षेत्र के लिए श्रीनगर से बनीहाल से होकर जाने वाली सभी रेलगाडियों को तीसरे दिन भी सुरक्षा कारणों से स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने कहा इसी तरह उत्तर कश्मीर में श्रीनगर-बडगाम और बारामूला की लाइनों पर चलने वाली रेल सेवा को भी स्थगित कर दिया गया है। अधिकारी ने बताया पुलिस विभाग की ओर से जारी मशविरे के आधार पर कश्मीर में सुरक्षा कारणों के मद्देनजर रेल सेवा को स्थगित करने का फैसला किया है। "हमने पुलिस की सलाह पर यह कार्रवाई की है।" उन्होंने कहा यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे की सम्पतियां के हितों को ध्यान मे रखते हुए लिया गया है।
दक्षिण कश्मीर में रविवार को अलग-अलग स्थानों पर हुई मुठभेड़ में शीर्ष कमांडरों सहित 13 आंतकवादी मारे गये और सेना के तीन जवान भी शहीद हो गये। इसके अलावा सुरक्षा बलों की कथित कार्रवाई में चार नागरिक भी मारे गये। गौरतलब है कि नागरिकों और आंतकवादियों के मारे जाने के विरोध में संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व में शामिल सईद अली शाह गिलानी, मीरवाईज मौलवी उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक ने कल हड़ताल का आह्वान किया था।
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(नई दिल्ली) मनी लॉन्ड्रिंग केस: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से ईडी ने की पूछताछ

नई दिल्ली दिल्ली के स्वास्थ्य एवं बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य के खिलाफ दर्ज धन शोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने आज उनसे पूछताछ की। अधिकारियों ने बताया कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम( पीएमएलए) के तहत जैन को तलब किया गया था। मामले का जांच अधिकारी उनके बयान को दर्ज करेगा। सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर पिछले वर्ष अगस्त माह में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन का मामला दर्ज किया था। सीबीआई में दर्ज शिकायत में कहा गया कि जैन उन चार कंपनियों को प्राप्त धन का स्रोत नहीं बता पाए जिन कंपनियों में वह शेयरधारक थे।
सीबीआई ने उनके, उनकी पत्नी और चार अन्य के खिलाफ धन शोधन का एक मामला दर्ज किया था। एजेंसी ने इस मामले में उनसे पहले भी पूछताछ की थी। सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि कथित तौर पर4.63 करोड़ रुपए प्रयास इंफो सॉल्यूशन्स, अकिंचन डेवलपर्स, मंगलयातन प्रोजेक्ट्स और इंडो मेटल इम्पेक्स प्रालि के जरिए वर्ष2015-16 में प्राप्त किए गए। उन्होंने बताया कि जैन और उनकी पत्नी की उक्त अवधि में इन कंपनियों में कथित तौर पर एक तिहाई हिस्सेदारी थी।
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(नई दिल्ली) तीसरे दिन भी रही सोने-चांदी में तेजी

नई दिल्ली वैश्विक स्तर पर दोनों कीमती धातुओं में रही तेजी के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में खुदरा जेवराती मांग आने से आज सोना 150 रुपए चमककर 31,610 रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। चांदी भी 225 रुपए की तेजी में 39,600 रुपए प्रति किलोग्राम बोली गई। दोनों कीमती धातुओं की चमक लगातार तीसरे दिन तेज हुई है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लंदन का सोना हाजिर 11.70 डॉलर की मजबूती के साथ 1,336.75 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। हालांकि, जून का अमेरिकी सोना वायदा 6.1 डॉलर की गिरावट में 1,340.80 डॉलर प्रति औंस बोला गया। चांदी में 0.21 डॉलर की तेजी रही और यह 16.52 डॉलर प्रति औंस बोली गई। कारोबारियों का कहना है कि इस बढ़त के पीछे वैश्विक कारकों का अधिक योगदान है। अमेरिका -चीन के बीच तनाव बढने और दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर के कमजोर पडने से भी पीली धातु को बल मिला है। चीन में 5 अप्रैल से 3 दिन का अवकाश शुरू होने वाला है और उससे पहले वहां मांग तेज हुई है, जिससे वैश्विक स्तर पर इसके दाम बढ़े हैं।
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(नई दिल्ली) शेयर बाजार में बढ़त, सैंसेक्स 115 अंक चढ़ा

नई दिल्ली ग्लोबल मार्केट से मिले संकेतों से कमजोर शुरुआत के बाद बाजार में उतार-चढ़ाव भरा कारोबार देखने को मिला। भारतीय शेयर बाजार आज बढ़त के साथ बंद हुए हैं। कारोबार के अंत में आज सैंसेक्स 115.27 बढ़त के साथ 33,370.63 पर और निफ्टी 33.20 अंकों की बढ़त के साथ 10245.00 पर बंद हुआ। पीएनबी को छोड़कर सभी सरकारी बैंक हरे निशान में बंद हुए। वहीं, स्मालकैप शेयरों ने भी आउटपरफॉर्म किया। इससे पहले, सैंसेक्स 58 अंक गिरावट के साथ 33,197 अंक पर खुला। वहीं निफ्टी की शुरुआत 25 अंक की गिरावट के साथ 10,187 के स्तर पर हुई।
आज के कारोबार में डेल्टा कॉर्प, बजाज इलेक्ट्रिकल, एचसीसी, इंडियाबुल्स, आई.सी.आई.सी.आई. बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के शेयरों में 2.53 फीसदी से 13.20 फीसदी तक तेजी दिखी। वहीं, वकरांगी, टेक महिंद्रा, बजाज कॉरपोरेशन, विप्रो, हिंडाल्को, टाइटन और ओएनजीसी के शेयरों में 1.47 फीसदी से 5 फीसदी तक गिरावट रही।
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(नई दिल्ली) मार्च में फैक्ट्री ग्रोथ 5 माह के निचले स्तर पर

नई दिल्ली भारत की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ग्रोथ मार्च में 5 माह के निचले स्तर पर पहुंच गई है। निक्कई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पी.एम.आई.) में कहा गया किघ् यह गिघ्रावट बिजनेस ऑर्डस बढऩे की धीमी गति और कंपनियों की ओर से कम लोगों को नियुक्त करने की वजह से आई है। मार्च में मैन्युफैक्चरिंग पी.एम.आई. गिरकर 51.0 पर पहुंच गया जो किघ् पांच साल में सबसे कम है। फरवरी में यह आंकड़ा 52.1 था। पी.एम.आई. सर्वे में पाया गया कि अक्तूबर के बाद से ऑपरेटिंग कंडीशन में सुधार काफी धीमा है। हालांकि, यह लगातार आठवां महीना है जब इंडेक्स 50 प्वाइंट मार्क से ऊपर है। पीएमआई अगर 50 से ऊपर है तो इसका मतलब है कि विस्तार हो रहा है, जबकि 50 प्वाइंट से नीचे रहने पर इसमें गिरावट माना जाता है।
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(भोपाल) बेनामी प्रॉपर्टी मामले में भोपाल पहले नंबर पर

भोपाल आयकर विभाग का भोपाल जोन बेनामी प्रॉपर्टी पकडऩे के मामले में देशभर में अव्वल रहा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.डी.टी.) एक या दो दिन में इसकी औपचारिक घोषणा कर सकता है। 31 मार्च तक भोपाल स्थित बेनामी निषेध यूनिट (बीपीयू) ने करीब 330 बेनामी प्रॉपर्टी का पता लगाया है। जिनका मूल्यांकन करीब 500 करोड़ रुपए हो सकता है। भोपाल जोन में 220 से ज्यादा बेनामी प्रॉपर्टी और छत्तीसगढ़ में इन प्रॉपर्टी की संख्या करीब 110 है। अहमदाबाद (दूसरे) और जयपुर (तीसरे) स्थान पर है। इन दोनों ही राज्यों में क्रमशरू 250 और 200 बेनामी प्रॉपर्टी सामने आई हैं।
1 नवंबर 2016 को बेनामी लेन-देन निषेध कानून अस्तित्व में आया। इसके बाद जून-जुलाई में इसकी औपचारिक यूनिट बनी। इस यूनिट ने एक के बाद एक राजधानी के कई बेनामी के मामलों का पता लगाया। सबसे पहले भाजपा नेता सुशील वासवानी का संत हिरदाराम नगर स्थित बहुमंजिला मॉल अटैच किया गया। इसकी कीमत करीब 10 करोड़ रुपए आंकी गई। महेंद्र चौधरी की 3 करोड़ से अधिक की संपत्ति बेनामी निकली। चौधरी ने यह जमीन अपने नौकर धीरू गौड़ के नाम से खरीदी थी। जांच में ऐसा कोई व्यक्ति ही नहीं मिला। भरण-पोषण के मामले में पत्नी की शिकायत पर पति अमीन अली की करीब 3 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी अटैच की गई। इतना ही नहीं इसके लिए किए गए सारे लेन देन को भी बेनामी माना गया। बिल्डर और कॉलेज संचालक संतोष रमतानी, प्रदीप सरैया, सिद्धार्थ सरैया की करीब 29 प्रॉपर्टी जब्त की गईं। इसका मूल्यांकन 40 करोड़ रुपए बताया गया है।
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(वाशिंगटन) ट्रंप के ट्वीट से अमेजॉन को 45 अरब डॉलर का नुक्सान

वाशिंगटन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऑनलाइन रिटेल कंपनी अमेजॉन पर लगातार निशाना साधे जाने के बाद कंपनी के शेयरों में सोमवार को भारी गिरावट दर्ज की गई। अमेजॉन का शेयर वैल्यू 5.9 प्रतिशत गिर गया यानी 45 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। अमेजन की मार्केट वैल्यू $1,362.48 है। उन्होंने कंपनी पर सस्ते शिपिंग लागत को लेकर अमेरिकी डाक सेवा (यू.एस.पी.एस.) घोटाले को अंजाम देने का आरोप लगाया है। ट्रंप ने शनिवार को ट्वीट किया, चूंकि हम इस विषय में बात कर रहे हैं, यह जानकारी मिली है कि अमेरिकी पोस्ट ऑफिस को अमेजन के लिए डिलीवर किए जाने वाले हर पैकेज पर औसतन 1.50 डॉलर की चपत लगेगी। यह रकम अरबों डॉलर में है। ट्वीट में उन्होंने कहा था कि अगर यूएस पोर्टल सर्विस अपने पार्सल रेट बढ़ाता है तो अमेजॉन का शिपिंग लागत बढ़कर 2.6 अरब हो जाएगा। ट्रंप ने लिखा कि यह पोस्ट ऑफिस घोटाला जरूर बंद होना चाहिए।पिछले साल सिटीग्रुप द्वारा जारी एक विश्लेषण के मुताबिक, अगर लागत निष्पक्ष तरीके से निर्धारित किया जाता है तो अमेजॉन को यू.एस.पी.एस. के जरिए भेजने पर औसतन एक पैकेज पर 1.46 डॉलर से ज्यादा का शिपिंग लागत आएगा। अमेजॉन पर यह नया निशाना ट्रंप के उस दावे के दो दिन बाद साधा गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेजॉन द्वारा शिपिंग लागत में धांधली करने से खुदरा व्यवसाय और स्थानीय सरकारों पर नकारात्मक असर पड़ा है। ट्रंप अक्सर समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट की आलोचना करते रहते हैं। जिसका स्वामित्व अमेजॉन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेफ बेजोस के पास है। ट्रंप ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा था, मैंने चुनाव के काफी पहले अमेजॉन के साथ अपनी चिंता जाहिर की थी। दूसरों के विपरीत, वे देश और स्थानीय सरकारों को कर का भुगतान बहुत कम करते हैं या नहीं करते हैं। हमारी डाक प्रणाली का इस्तेमाल वे डिलीवरी का काम करने वाले शख्स की तरह करते हैं (जिससे अमेरिका को काफी नुकसान हो रहा है) और हजारों खुदरा व्यापारियों के व्यवसाय को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ट्रंप के दौलतमंद मित्रों ने भी उनसे शिकायत की है कि अमेजॉन उनके व्यवसाय को नुकसान पहुंचा रहा है।
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(बेरूत) सीरिया: गोता को खाली करना शुरू कर दिया

बेरूत सीरिया की सरकार के साथ हुए समझौते के तहत आखिरी विद्रोही गुट के सदस्य पूर्वी गौता को खाली करना शुरू कर दिया है। सीरिया की सरकारी मीडिया ने इसकी पुष्टि की है लेकिन सेना के एक सूत्र ने कहा कि विद्रोहियों के एक समूह ने समझौते को नकार दिया है। गौता में सीरियाई सेना के खिलाफ संघर्ष करने वाले एक विद्रोही संगठन जैश ए इस्लाम ने सरकार के साथ किसी समझौते की पुष्टि नहीं की है। सेना के एक सूत्र ने बताया कि विद्रोही गुट बंटे हुए हैं इसलिए सेना उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। अंत में सभी विद्रोहियों को समझौते को मानना पड़ेगा।
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि कल कई बसों को गौता के दाउमा भेजा गया ताकि विद्रोहियों और उनके परिवारों को वहां से निकाला जा सके।
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(म्यांमार) म्यांमार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की यात्रा को दिखाई हरी झंडी

म्यांमार कई महीने तक इनकार करने के बाद अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की यात्रा पर सहमत हो गया है लेकिन अभी यह अस्पष्ट है कि राजदूतों को रखाइन प्रांत में जाने की अनुमति दी जाएगी या नहीं। पिछले साल अगस्त में म्यामां की सैन्य कार्रवाई के बाद से करीब 7,00,000 रोहिंग्या रखाइन प्रांत को छोड़कर चले गए और वे बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में बेहद अमानवीय हालात में रह रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने आज कहा कि परिषद ने फरवरी में यात्रा का प्रस्ताव दिया था जिसे म्यामां सरकार ने हरी झंडी दिखा दी। पेरु के राजदूत और संयुक्त राष्ट्र के मौजूदा अध्यक्ष गुस्तावो मेजा कुआद्रा ने कहा कि यात्रा का कार्यक्रम अभी तय नहीं हुआ है। इसमें यह भी शामिल है कि क्या सरकार परिषद को रखाइन प्रांत जाने की अनुमति देगी या नहीं।  ब्रिटेन, कुवैत और पेरू परिषद की यात्रा का आयोजन कर रहे हैं जिसमें कॉक्स बाजार में रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों की यात्रा भी शामिल है। यात्रा के लिए अभी तक किसी भी तारीख की घोषणा नहीं की गई है। म्यामां प्रशासन का कहना है कि रखाइन प्रांत में अभियान का मकसद चरमपंथियों का खात्मा है लेकिन सुरक्षा परिषद इस बात की मांग कर रहा है कि रोहिंग्या लोगों को सुरक्षित घर वापसी की मंजूरी दी जाए। सुरक्षा परिषद की इराक की यात्रा करने की भी योजना है। इराक में 12 मई को होने वाले संसदीय और प्रांतीय विधानसभा चुनावों के प्रति समर्थन दिखाने के मद्देनजर यात्रा की योजना बनाई जा रही है।
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(बीजिंग) चीन ने अमेरिका के 128 उत्पादों पर लगाया ऊंचा शुल्क

बीजिंग चीन ने अमेरिका के 128 उत्पादों पर कर लगाया है जिनमें फल से लेकर शराब जैसी वस्तुएं शामिल है।  पीपुल्स डेली की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी। रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय हितों के संरक्षण और अमेरिकी ड्यूटी के कारण हुए घाटे को पूरा करने के उद्देश्य से चीन ने यह कदम उठाया है। अमेरिका द्वारा अल्युमीनियम और स्टील आयात पर नये कर लगाए जाने के प्रतिक्रियास्वरूप चीन ने कल अमेरिकी उत्पादों पर अधिकतम 25 प्रतिशत तक अतिरिक्त कर लगाया है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय के अनुसंधान केंद्र में एक शोधकर्ता वांग हैलॉ ने टिप्पणी की है चीन व्यापार युद्ध नहीं चाहता है, लेकिन इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
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(न्यूयॉर्क) अमेरिकी डॉलर में मजबूती का रुख

न्यूयॉर्क चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध से जुड़ी चिंताओं के बीच अन्य मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर में मजबूती का रुख देखने को मिला। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, शुक्रवार को न्यूयॉर्क ट्रेडिंग में यूरो में बीते सत्र के 1.2324 डॉलर के मुकाबले 1.2301 डॉलर की कमजोरी रही। वहीं, ब्रिटिश पाउंड में बीते सत्र में 1.4035 डॉलर के मुकाबले 1.4041 डॉलर की बढ़त रही।
डॉलर के मुकाबले ऑस्ट्रेलियाई डॉलर भी 0.7686 से लुढ़ककर 0.7653 हो गया। डॉलर सूचकांक बीते कारोबार में 0.08 फीसदी की बढ़त के साथ 90.046 पर रहा।
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