Tuesday, August 7, 2018

DTF Lucknow

शिक्षा का बाजारीकरण करने का कुचक्र रचा जा रहा है: डॉ. कुंवर

शिक्षा व्यवस्था पर बढ़ते हमलों के खिलाफ संघर्ष के लिए डीटीएफ गठित

लखनऊ। शिक्षा पर बढ़ते हमलों से मुकाबला करने के लिए शिक्षक आंदोलन को जुझारु तेवर के साथ आगे आना होगा और इस संघर्ष में छात्रों के साथ व्यापक मोर्चा बनाने की ज़रूरत है। इस आह्वान के साथ आज लखनऊ में डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट का गठन हुआ। बैठक की अध्यक्षता डॉ. सरवर तकी और संचालन डॉ. प्रदीप शर्मा ने किया।

बैठक में यह तय किया गया कि डीटीएफ, एआईएफयूसीटीओ और लुआक्टा के साथ  कदम मिलाकर उनको मजबूत करने और लड़ाई को आगे बढ़ाएगा, साथ ही पूरे देश में शिक्षा को बचाने के लिए चल रहे संघर्ष में पूरी ताकत से जुटेगा। बैठक में मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली विश्विद्यालय से डॉ राजीव कुंवर शामिल हुए थे, जिन्होंने कहा कि शिक्षा को बचाने के लिए समाज में शिक्षा के व्यापारीकरण के खिलाफ माहौल बनाने की जि़म्मेदारी डीटीएफ को अदा करनी होगी। शिक्षा व्यवस्था को व्यवसायिक अड्डा बनाने का कुचक्र रचा जा रहा है। यूजीसी को खत्म कर उच्च शिक्षा को रीढ़ विहीन करने की तैयारी है, ताकि इसमें व्यावसायिक घरानों के हवाले किया जा सके। स्वायतता के नाम पर प्रबंधकों को प्राइवेट लिमिटेड के रूप में शिक्षण संस्थानों को चलाने की व्यवस्था शुरू की जा चुकी है।

अनुदानित विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों के सामने प्रमोशन से लेकर पेंशन तक में तमाम तरह की समस्याएं पैदा की जा रही है, ताकि वह शिक्षण कार्य को न कर पाये और ऐसी संस्थाओं को बीमार घोषित कर या तो उन्हें बन्द कर दिया जाये या निजी हाथों में सौंप दिया जाये। यह बातें आज डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट (डीटीएफ) की बैठक में उभर कर सामने आयी।

लखनऊ में डीटीएफ की 11 सदस्यीय संयोजन कमेटी का भी गठन भी किया गया, जिसमे डॉ. नलिन रंजन सिंह, डॉ. पंकज सिंह, डॉ. सुजात हुसैन, डॉ. भुवन भास्कर श्रीवास्तव, डॉ. प्रदीप शर्मा, डॉ. शबी रजा बाकरी, अंजू रावत, अजय वीर, आलोक यादव, कीर्ति प्रकाश तिवारी और योगेंद्र पांडेय शामिल है। यह भी तय हुआ कि इसमें नियमित, संविदा, अंशकालिक, अनुदानित, स्ववित्तपोषित सभी तरह के शिक्षक शामिल होंगे तथा सभी की समस्याओं को दूर करने के लिए संघर्ष किया जायेगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि डीटीएफ द्वारा लोकतंन्त्र की रक्षा के लिए छात्र संघर्ष मोर्चा के चल रहे लोकतांत्रिक आंदोलन का समर्थन किया जाए।
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