नई दिल्ली। देश में हर इमरजेंसी के लिए आज से एक ही नम्बर 112 शुरू हो गया। मौजूदा पुलिस सहायता नम्बर 100 को इससे जोड़ दिया गया है, जबकि पहले से इस्तेमाल किये जा रहे अन्य नंबरों को जोडऩे की प्रक्रिया चल रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गाँधी ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में रिमोट का बटन दबाकर 112 नम्बर की शुरुआत की और 112 ऐप लांच किया। कुल 17 राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों में यह नंबर आज से शुरू हो गया है जबकि अन्य राज्यों में इसे इस साल के अंत तक शुरू करने का लक्ष्य है। फीचर फोन पर 5 या 9 के बटन को ज्यादा देर के लिए दबाकर भी 112 डायल किया जा सकेगा। स्मार्टफोन पर शॉर्टकट में इसे डायल करने के लिए पावर बटन को तीन बार दबाना होगा। कार्यक्रम में महिला सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण दो और पहल लॉन्च किये गये।
श्रीमती गाँधी ने सुरक्षित शहर क्रियान्वयन निगरानी पोर्टल और श्री सिंह ने यौन अपराधों की जाँच की स्थिति पता करने की ऑनलाइन प्रणाली लॉन्च की। 112 ऐप डाउनलोड करने के बाद उसमें 10 परिजनों/दोस्तों के नंबर जोड़े जा सकते हैं और जब कभी फोनधारक 112 डायल करेगा, इससे जुड़े सभी नंबरों को भी इसकी सूचना मिल जायेगी। ऐप जीपीएस या मोबाइल ऑपरेटर के टावर के जरिये नंबर डायल करने वाले का लोकेशन अपने-आप पता कर लेगा। ऐप के जरिये आम लोग स्वयंसेवक के रूप में अपने-आप को पंजीकृत करा सकते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गाँधी ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में रिमोट का बटन दबाकर 112 नम्बर की शुरुआत की और 112 ऐप लांच किया। कुल 17 राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों में यह नंबर आज से शुरू हो गया है जबकि अन्य राज्यों में इसे इस साल के अंत तक शुरू करने का लक्ष्य है। फीचर फोन पर 5 या 9 के बटन को ज्यादा देर के लिए दबाकर भी 112 डायल किया जा सकेगा। स्मार्टफोन पर शॉर्टकट में इसे डायल करने के लिए पावर बटन को तीन बार दबाना होगा। कार्यक्रम में महिला सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण दो और पहल लॉन्च किये गये।
श्रीमती गाँधी ने सुरक्षित शहर क्रियान्वयन निगरानी पोर्टल और श्री सिंह ने यौन अपराधों की जाँच की स्थिति पता करने की ऑनलाइन प्रणाली लॉन्च की। 112 ऐप डाउनलोड करने के बाद उसमें 10 परिजनों/दोस्तों के नंबर जोड़े जा सकते हैं और जब कभी फोनधारक 112 डायल करेगा, इससे जुड़े सभी नंबरों को भी इसकी सूचना मिल जायेगी। ऐप जीपीएस या मोबाइल ऑपरेटर के टावर के जरिये नंबर डायल करने वाले का लोकेशन अपने-आप पता कर लेगा। ऐप के जरिये आम लोग स्वयंसेवक के रूप में अपने-आप को पंजीकृत करा सकते हैं।
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