Friday, April 12, 2019

डी डी टी दवा हुई बेअसर मामले में जिला अस्पताल प्रशासन नही गम्भीर

  • दो महीने से ज्यादा होने पर भी जाँच नही करा पाये सी एम ओ
  • अब मामले से अनभिज्ञता जता रहे है
  • एक्सपायर दवा स्प्रे के कारण निकल रहे थे मरीज
  • खतरनाक वाइरस के मिले मरीज
  • सी एम ओ ने जाँच कराने का आश्वासन दिया था


                                                  विनय सिन्हाल 
बरेली। डी डी टी दवा के कट्टे पर मार्का से लिखने के मामले में दो माह से ज़्यादा बीतने के बाद भी अभी जिला अस्पताल प्रशासन कोई जाँच नही करवा पाया है जबकि जिला चिकित्सा अधिकारी ने एक समाचार पत्र में जनवरी माह में दिये गये अपने वक्तव्य में जाँच का आश्वासन दिया था । आपको बताते चले कि पिछले अगस्त और सितंबर में माह में पाँच ब्लाकों में जबरदस्त प्रकोप फैला था जिसमे रामगंगा नदी के पास वाले गॉवों में मलेरिया का जबरदस्त प्रकोप रहा सबसे अधिक मझगवां ,भमोरा ,रामनगर,आँवला और फरीदपुर में मलेरिया के मरीज मिले थे. सूत्रों के अनुसार इसमे खतरनाक प्लाजमोडियम फाल्सीपेरम के करीब 15 हजार मरीज मिले थे जबकि बाइबैक्स के करीब 20 हजार मरीज मिले थे डी डी टी दवा का छिड़काव कराया गया जो कि वेअसर साबित हुआ दवा के कट्टे पर दवा बनने व एक्सपायर होने की प्रिंटेड तारीख मिटाकर उसपर मार्का से लिख दिया गया था। मामला तूल पकड़ने पर सी एम ओ ने जाँच कराने का आश्वासन दिया था पर दो माह से ज़्यादा बीतने पर भी अभी जाँच प्रक्रिया शुरू नही हो सकी है पर जब इस मामले पर उनसे फोन से बात की गयी तो उन्होंने इस मामले से पूरी तरह से अनभिज्ञता जता दी ।

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