आयकर छूट सीमा यथावत, सिर्फ रियायत का प्रावधान
जनमाध्यम ब्यूरोवित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को मोदी सरकार के कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया। केंद्र सरकार ने इस बजट में गांव, गरीब, किसानों, मजदूरों, महिलाओं, खिलाड़ियों, शिक्षा, खेल एवं पर्यावरण के लिए कई बड़े ऐलान किए।
सरकार ने नौकरी पेशा व असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए भी अनेक सौगातें दी हैं। महिलाओं को भी बजट में राहत प्रदान की गई है। महिलाओं को बैंक से मिलने वाले 40 हतार रुपए तक के ब्याज पर टीडीएस नहीं लगाए जाने की घोषणा की। सरकार ने स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्र सहित पर्यावरण एवं खेल को प्रोत्साहन देने के लिए भी दिल खोलकर बजट में आवंटन स्वीकृत किया गया।
गांव की सड़कों के लिए 19 हजार करोड़ रुपये इस साल दिए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि हमने सुनिश्चित किया कि अनाज सबको मिले, और कोई भी देश में भूखा न सोए। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना ने इसमें काफी योगदान किया। पिछले पांच साल में हमने गांवों में शहरों जैसी सुविधाएं दी।
आयकर छूट सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है, बल्कि आयकरदाताओं को कर में सिर्फ रियायत दी गई है। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये यथावत है और इसे बढ़ाकर दोगुना यानी पांच लाख रुपये नहीं किया गया है। बल्कि पांच लाख रुपये तक आय वाले करदाताओं को रियायत का लाभ मिलेगा। वित्तमंत्री पीयूष गोयल द्वारा शुक्रवार को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश करते समय कर रियायत की घोषणा के बाद ऐसा समझा गया कि आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है। लेकिन विशेषज्ञ बताते हैं कि पांच लाख रुपये से अधिक आय वाले करदाताओं के लिए आयकर छूट की सीमा अब भी 2.5 लाख रुपये ही रहेगी।
वित्तमंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा, "..मौजूदा आयकर की दर 2019-20 के लिए बनी रहेगी।"
उन्होंने आगे कहा, "पांच लाख रुपये तक की आय वाले आयकर दाताओं को पूरी कर रियायत मिलेगी, इस प्रकार उनको कोई कर भरने की जरूरत नहीं होगी।"
आवासीय ऋण और शिक्षा ऋण पर ब्याज व अन्य खर्चो समेत निर्धारित निवेश और अतिरिक्त कटौती के साथ सकल 6.5 लाख रुपये और उससे अधिक आय वाले लोगों को किसी प्रकार की आयकर भरने की जरूरत नहीं होगी।
गोयल से जब पूछा गया कि क्या इस प्रस्ताव का फायदा पांच लाख रुपये से अधिक निवल आय वाले व्यक्ति को मिलेगा तो वे सवाल को टाल गए।
उन्होंने कहा, "हम अंतरिम बजट की पंरपरा का पालन कर रहे हैं। टैक्स स्लैब में किसी प्रकार का बदलाव पूर्ण बजट में होगा, जोकि चुनाव के बाद पेश किया जाएगा।"
विशेषज्ञ बताते हैं कि आयकर छूट की सीमा नहीं बढ़ाई गई है, बल्कि आयकर अधिनियम की धारा 87 ए के तहत रियायत दी गई है, जोकि पहले 3.5 लाख रुपये की आय वालों के लिए 2,500 रुपये थी।
विशेषज्ञों के अनुसार, सरकार ने सिर्फ रियायत का दावा करने के मानक को 3.5 लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया है।
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