Tuesday, February 26, 2019

लखीमपुर के सेमरी में कदम पड़ते ही सामने आने लगते हैं घोटाले

  • 20-20 हजार लेकर दिए गए प्रधानमंत्री आवास
  • एक ही परिवार के दो लोगों को किया गया लाभांवित
  • बगैर आवास बनाए भी निकाला गया पैसा 

बिपिन मिश्रा 
लखीमपुर-खीरी। प्रधानमंत्री आवास में हुए घपले-घोटाले में रमियाबेहड़ की ग्राम पंचायत टेकीकुंडा के मामले प्रकाशित हुए थे। इससे यह तो तय था कि यह योजना ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी के लिए कमाई का जरिया साबित हो रही है। लेकिन ग्राम पंचायत सेमरी का भ्रष्टाचार तो टेकीकुंडा ग्राम पंचायत से भी आगे है। यहां प्रधानमंत्री आवास इस कदर बेंचे गए हैं कि एक ही परिवार के दो-दो लोगों को पैसे लेकर लाभांवित कर दिया गया है। वहीं कई तो पैसे से मजबूत होने के बाद भी इस योजना का लाभ लेकर कालोनी बनवा लिए हैं।
  ग्राम पंचायत सेमरी में इंट्री करते हुए भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगती हैं। प्रधानमंत्री आवास से लाभांवित हुईं एक युवक का घर देखकर ही अंदाजा हो गया कि यहां पैसे का खेल किस कदर खेला गया है। घर में कई कमरे और बड़ा सा बरामदा बना हुआ है। इसका एक हिस्सा प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से बनाया गया है। घर के पास में रहने वाले एक शख्स ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ग्राम प्रधान छविरानी और ग्राम पंचायत अधिकारी नवीन राठौर इन आवासों का लाभ उन्हीं को देते हैं जो इसके बदले 20 हजार रुपए की मांग पूरी करता है। उसने बताया कि पास ही में रहने वाले एक व्यक्ति को दो-दो कालोनियां दी गई हैं। जब मौके पर जाकर देखा गया तो वहां बात सही पाई गई। यह दो घर तो बानगी भर हैं। ग्राम पंचायत के अधिकतर लाभार्थी पूरी तरह अपात्र हैं। उन्होंने केवल प्रधान द्वारा निर्धारित की गई रकम को अदा कर योजना का लाभ खरीदा है।
  गांव के रहने वाले एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि ग्राम प्रधान और सिक्रेट्री गरीबों को पूरी तरह दरकिनार कर देते हैं। क्योंकि गरीब उनकी मांग पूरी नहीं कर पाते। यही वजह है कि गांव में टटिया आदि में रहने वाले प्रधान के रहमोकरम से कोसों दूर रहकर आज भी बेघरों सी जिंदगी बिता रहे हैं।

  • केवल कागजों पर ही बने हैं कई आवास

 ग्राम पंचायत में रहने वाले लोगांे ने बताया कि ग्राम प्रधान पूरी तरह भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी है। एक तरफ बीस-बीस हजार रुपए लेकर जहां आवास बेंचे गए हैं वहीं कुछ आवासों को तो कागजों पर दिखाकर रकम का पैसा डकार लिया गया है। ग्राम प्रधान ने कई खासमखासों को प्रधानमंत्री आवास सूची में सम्मिलित कर उनके नाम आई कालोनी का पैसा निकाल लिया है। जबकि धरातल पर यह कालोनियां कहीं हैं ही नहीं। उन्होंने कहा कि यदि यहां पनपे भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच की जाए तो कालोनियों के सभी घपले-घोटाले सामने आ जाएंगे।

  • किससे होगी रिकवरी

 ग्राम पंचायत सेमरी में आवास योजना से लाभांवित कर तमाम अपात्रों के घर खड़े कर दिए गए हैं। जबकि गरीबों का हक पूरी तरह मारा गया। नियमों के इतर जाकर एक ही परिवार के दो-दो लोगों को लाभांवित किया गया। ऐसे में इसका दोषी कौन होगा। लाभ लेने वाले अपात्र, या सूची बनाने वाला ग्राम प्रधान या नियम-कानूनों की जानकारी होने के बावजूद भ्रष्टाचार में साथ देने वाले ग्राम पंचायत अधिकारी। वहीं इनमें रिकवरी किससे की जाएगी यह भी यक्ष प्रश्न है।

  • अब इतना याद नहीं: प्रधान

लखीमपुर-खीरी। प्रधानमंत्री आवास में हुए घोटाले को लेकर जब ग्राम प्रधान छवि रानी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कितने आवास आए हैं इसकी उन्हें जानकारी नहीं। किस-किस को लाभांवित किया गया है इसकी सूची ग्राम पंचायत अधिकारी के पास होगी। वहीं अपात्रों को पैसा लेकर लाभांवित किए जाने के लगाए जा रहे आरोपों की बावत पूछा गया तो प्रधान ने यह कहकर फोन काट दिया कि वह कहीं व्यस्त हैं।
बाक्स

  • संज्ञान लेकर कराई जाएगी जांच: सीडीओ

 मुख्य विकास अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में यदि घोटाला किया गया है तो इसकी जांच कराई जाएगी। यदि अपात्रों को लाभांवित किए जाने के मामले की पुष्टि हुई तो अपात्रों से रिकवरी और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। आवास योजना में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को क्षम्य नहीं किया जाएगा।
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