हश्मे आलम
मेरठ। अपनी कारगुजारियों से सरकार पर बोझ बने अधिकारी सुधरने को कतई तैयार नहीं है। इनके द्वारा हर वह काम किया जा रहा है जिससे सरकार की साख पर बट्टा लगना तय है।
सड़कों पर अतिक्रमण करने में आम आदमी क्या सरकारी विभाग भी कम नहीं है। चल रही ऐसी करतूतों से जहां लोगों का सड़क पर चलना तक दुश्वार हो गया है वहीं ऐसे बेशर्म लोग अपनी कारगुजारियों से बेहद खुश नजर आते हैं तथा अतिक्रमण मुक्त सड़कों का दावा करने वाले पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के दावों की पोल खोलते है।
ऐसा ही कारनामा किया है थापरनगर स्थित डाक विभाग में बैठे उन अधिकारियों ने जिन्होंने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर उसे घेर लिया है। घेरी गई इस जमीन पर लाखों का जनरेटर रखा गया है जो अब कूड़े के ढेर में तब्दील हो जिम्मेदार अधिकारियों से कह रहा है कि मुझे यहां रखने का आखिर तुम्हारा मकसद क्या है, क्योंकि न ही तो इसे विभाग द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है और न ही इसे यहां से हटाया जा रहा है। जिससे साफ प्रतीत होता है कि इन लोगों का मकसद सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना व अतिक्रमण कर जमीन को कब्जाना व सड़कों पर चल रहे लोगों को परेशान करना है।
मेरठ। अपनी कारगुजारियों से सरकार पर बोझ बने अधिकारी सुधरने को कतई तैयार नहीं है। इनके द्वारा हर वह काम किया जा रहा है जिससे सरकार की साख पर बट्टा लगना तय है।
सड़कों पर अतिक्रमण करने में आम आदमी क्या सरकारी विभाग भी कम नहीं है। चल रही ऐसी करतूतों से जहां लोगों का सड़क पर चलना तक दुश्वार हो गया है वहीं ऐसे बेशर्म लोग अपनी कारगुजारियों से बेहद खुश नजर आते हैं तथा अतिक्रमण मुक्त सड़कों का दावा करने वाले पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के दावों की पोल खोलते है।
ऐसा ही कारनामा किया है थापरनगर स्थित डाक विभाग में बैठे उन अधिकारियों ने जिन्होंने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर उसे घेर लिया है। घेरी गई इस जमीन पर लाखों का जनरेटर रखा गया है जो अब कूड़े के ढेर में तब्दील हो जिम्मेदार अधिकारियों से कह रहा है कि मुझे यहां रखने का आखिर तुम्हारा मकसद क्या है, क्योंकि न ही तो इसे विभाग द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है और न ही इसे यहां से हटाया जा रहा है। जिससे साफ प्रतीत होता है कि इन लोगों का मकसद सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना व अतिक्रमण कर जमीन को कब्जाना व सड़कों पर चल रहे लोगों को परेशान करना है।
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