डाक्टर अखलाक अहमद खां
लखीमपुर खीरी। थाना निघासन के ग्राम पढुआ निवासी पलटू ने बताया कि वह ढखेरवा पुलिस चौकी में निजी रूप से खाना बनाता है। शुक्रवार रात कस्बे में लगने वाली साप्ताहिक बाजार से वह मुर्गे का मीट लेकर आया। रात में मीट बनने के बाद चौकी पर मौजूद कुछ सिपाहियों ने मीट खाया। बचा हुआ मीट अपने साथ लेकर वह घर आ गया। वहां पर उसने कुछ मीट खाया और बाकी रख दिया। शनिवार की सुबह सोयाबीन की सब्जी और चावल बनवाए और रात का बचा हुआ मीट भी परिवार समेत खाया। मीट खाने के करीब एक घंटे बाद परिवार के लोगों के पेट में तेज दर्द होने लगा और उल्टी दस्त शुरू हो गए। पड़ोसियों ने सभी लोगों को सीएचसी रमियाबेहड़ पहुंचाया, जहां से सभी को लखीमपुर के लिए रेफर कर दिया गया। यहां जिला अस्पताल में पलटू की 11 वर्षीय पुत्री रोहनी और सात वर्षीय मोहिनी की हालत नाजुक होने पर उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया गया। बाद में लखनऊ के मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान रोहिनी की मौत हो गई जबकि मोहिनी की हालत में सुधार है। इधर, पलटू और उसकी पत्नी रामसहेली, बेटे विशाल (8), बेटी सोहनी (5), आशिकी (3) जिला अस्पताल में इलाज कराने के बजाए निजी अस्पताल में भर्ती हो गए। जहां उनकी हालत में सुधार है। बासी मीट खाने से फूड प्वाइजनिंग हुई है। बीमार सभी लोगों को जिला अस्पताल रेफर किया गया था। उसके बाद वह लोग कहां गए। इस बात की जानकारी नहीं है।
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