अखलाक अहमद खान
लखीमपुर खीरी। पुलिस नामजद अपराधियों को कैसे बचाती है, इसका उदाहरण कोतवाली पलिया के ग्राम नौगंवा में देखने को मिला ,जहां मुख्य चौराहे पर स्थित प्रापर्टी को लेकर शौतन अनीता ने भोर पहर घर के दरवाजे खोल कर निशान सिंह, राकेश कुमार, ओमप्रकाश व कप्तान सिंह को घर में घुसेड़ कर सोई हुई सुनीता पर चाकुओं से हमला करार दिया। देखते ही देखते सुनीता की आंतें बिस्तर पर ही बिखर गयीं। साथ में लेटी बेटी रेखा व बेटा रमन मां की हालत देख कर पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पलिया फिर निघासन मां को ले गए। जहां चिकित्सकों ने पेट में आते बन्द करके सुनीता को लखनऊ भेज दिया। सुनीता के बेटे रमन ने घटना की प्राथमिकी कोतवाली पलिया में मुकदमा अपराध संख्या ३८२/२०, धारा ४५२,३०७,५०४,५०६ के अन्तर्गत ३(२)(५)एस सी एस टी एक्ट के तहत नामजद किया था ? क्यों कि नामजद आरोपी रसूखदार लोग हैं,और सफेद पोश नेताओं के संरक्षण में अपराध करतें हैं। कारण वस नामजद अपराधियों को पुलिस न पकड़ कर अन्य अज्ञात अपराधियों को चिन्हित करके मुकदमा अपराध संख्या ३८०/२० धारा ३०७,१२० बी में शौतन अनीता व शलामत व कल्लो देवी को जेल भेज कर पूरे प्रकरण को संदिग्ध बना दिया। जब इस सम्बन्ध में सुनीता के बेटे रमन ने क्षेत्राधिकारी पलिया से सम्पर्क साधा तो उनहोने यह नहीं बताया कि नामजद आरोपी सफेद पोस नेताओं के संरक्षण में है इस लिये उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकता हूं। जो अज्ञात अभियुक्त थे उनको जेल भेज दिया। स्मरण रहे विगत महीनों शासनादेशों का अनुपालन कराने,रेत माफियायों पर अंकुश लगाने व अपनी नौकरी दांव पर लगा कर रेत माफियाओं की धड़ पकड़ करने पर तत्कालीन क्षेत्राधिकारी राकेश नायक को तोहफे के तौर पर क्षेत्राधिकारी पलिया से क्षेत्राधिकारी ट्रैफिक बना दिया गया था। जिससे आहत हो कर राकेश नायक बीमार हो गए और जिला अस्पताल में भर्ती हो गये थे। जो आभी भी छुट्टी पर हैं।
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