बेटे की हत्या को लेकर हज़रत अली अब पुलिस महानिरीक्षक की शरण में
अखलाक अहमद खान/ सियाराम गौंड़
लखीमपुर खीरी। कोतवाली सदर क्षेत्र में डूब रही कानून व्यवस्था से पूरे क्षेत्र में हो रहे ताबड़तोड़ अपराधों से पूरा क्षेत्र सहम गया है।लाशों के ढेर पर धन उगाही करने वाली कोतवाली सदर पुलिस को शर्म भी नहीं आती , कि बेटे की हत्या के सिल सिले में गुहार लगाने वाला हज़रत अली अब पुलिस महानिदेशक , पुलिस महानिरीक्षक से गुहार लगा रहा है। कि उसके १५ वर्षीय बेटे चांद बाबू के हत्यारों को सजा दिलाई जाय।ताकि उसकी आत्मा को शान्ती मिले। ज्ञात हो विगत ३१ जुलाई को चांद बाबू जब अपने पिता के साथ सो रहा था,तभी भोर पहर जब चांद बाबू शौच के लिए गया,उसी समय गांव का चोर अबरार वह उसके दो अन्य साथी चांद बाबू को पकड़ ले गये और पेट्रोल से नहला कर आग लगा दी थी। चांद बाबू के चिल्लाने पर गांव वालों ने जलते हुए चांद बाबू को जिला अस्पताल लखीमपुर में पहुंचाया था। जहां चिकित्सकों के समक्ष अपनी जिन्दगी की गुहार लगाते हुए कह रहा था कि अबरार वह उसके दो साथियों ने मुझको फूंक दिया। इतना कहते ही चांद बाबू ने दम तोड़ दिया। फिर क्या था कोतवाली सदर पुलिस की लाटरी खुल गई। देखते ही देखते कोतवाली पुलिस से सम्बद्ध रामापुर पुलिस चौकी सक्रिय हो गयी। बताते हैं क्षेत्र के ग्राम धोबहा के मजरा बाजार पुरवा से रिजवान व कलामुददीन को दबोच लाई और लेन देन का सिलसिला जारी हो गया। चांद बाबू की हत्या करने के बाद से फरार अबरार के परिवार को रामापुर पुलिस चौकी पकड़ लायी। यह देकर अबरार चौकी में हाजिर होकर अपने परिवार को छुड़वा दिया था। इस बीच हज़रत अली अपने बेटे की हत्या की तहरीर लेकर कोतवाली सदर के चक्कर लगाता रहा। जहां कोतवाली प्रभारी कहीं ईद का बहाना कहीं मन्दिर का बहाना बना कर हजरतअली को टहलाते रहे ? क्यों कि अबरार की दो बीघा जमीन बिकने का इंतजार हो रहा था। कि नये कप्तान की सख्ती सुनने के बाद अबरार के परिवार जन पुलिस अधीक्षक सतेन्द्र कुमार सिंह के समक्ष पेश हो गये। और रामापुर चौकी प्रभारी निलंबित कर दिए गये। अबरार आजाद हो गया। फिर भी कोतवाली सदर पुलिस को आस थी कि अबरार की दो बीघा जमीन बिकेगी और पैसे मिलेंगे। आखिरकार ग्यारहवें दिन कोतवाली प्रभारी ने हज़रत अली के बेटे की हत्या की प्राथमिकी मुकदमा अपराध संख्या ८७६/२०, धारा३०४,५०६ जैसी मामूली धाराओं में पंजीकृत करके बेशर्मी का सुबूत दे दिया। यही नहीं घटना के १८ वें दिन अबरार को उक्त मामूली धाराओं में जेल भेज दिया।
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