चाकू सपना का था या दिलशाद का बना रहस्य
डाक्टर अखलाक अहमद खां
लखीमपुर खीरी। रंजिशन हत्यायें तो होती हैं, परन्तु सहमति से हत्या गले के नीचे नहीं उतरती है।
गत २४ अगस्त को १८ वर्षीय छात्रा सपना वजीफे का फार्म आनलाईन कराने के बहाने फार्म आनलाईन कराने के लिए बेहजम गई थी। जहां प्रेमी दर्जी की दुकान पर घंटों बैठने के बाद बराबर कह रही थी,कि दिलशाद मैं तुमको छोड़ नहीं सकती हूं और अपने पिता जिन्होंने मेरी सादी तय कर दी है, पिता की बात को भी टाल नहीं सकती हूं। दिन ढलते ही हतास सपना ने दिलसाद से कहा कि चलो एकांत में बैठकर बात करेंगे ।और उसी जगह को चिन्हित किया जहां सपना का अर्ध नग्न अवस्था में शव मिला था। मौके पर दोनों ने घंटों बात की और जमकर मनोरंजन भी किया। सपना पहले भी दिलशाद को अपनी इच्छा पूर्ति के लिए तैयार कर चुकी थी।जिस समय दोनों प्रेमी मनोरंजन में मस्त थे उसी समय उसी अवस्था में गर्दन के पिछले हिस्से पर चाकू रेत कर उसकी इच्छा पूरी कर दी। सपना के गले से निकली खून की धार ने दिलशाद की सफेद शर्ट को लाल कर दिया। यह देखकर दिलशाद घबरा गया। पहले दिलशाद ने शर्ट धुलने का परयास किया फिर जलाने का प्रयास किया। बताते हैं २५ अगस्त को सपना का शव मिलते ही पुलिस भी सक्रिय हो गयी। बेहजम चौराहे पर सपना व दिलशाद के प्रेम संबंधों की चर्चाएं काफी समय से जोरों पर थीं। पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार सिंह ने सतर्कता बरतते हुए, कोतवाली सदर पुलिस, नीमगांव पुलिस, खीरी पुलिस को चप्पे चप्पे पर नजर रखने को कहा था। समाचार लिखे जाने के समय तक पुलिस ने दिलशाद की रक्त से लथ पथ शर्ट व चाकू बरामद कर लिया। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि चाकू सपना का था या दिलशाद का । मजे की बात तो यह है कि सपना का शव मिलते ही सपा व बसपा तथा कांग्रेस के कार्यकर्ता सक्रिय हो गए और दलित छात्रा सपना को न्याय दिलाने की मांग करने लगे। पोस्टमार्टम हाउस पर मौजूद पुलिस ने जैसे तैसे मामले को शांत किया। चर्चा है कि सपना के शव मिलते ही पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझा ली थी। परन्तु पुलिस महानिरीक्षक लखनऊ रेंज के समक्ष उजागर करना था जो किया।

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