जन माध्यम समूह में शोक की लहरFounder member and First Editor of Jan Madhyam Newspaper
लखनऊ। जन माध्यम समाचार पत्र समूह के लिए आज बहुत दुखद दिन था। समूह की संस्थापिका एवं प्रथम संपादक श्रीमती निलोफर अहमद का आज तड़के चार बजे निधन हो गया। श्रीमती अहमद का जाना जन माध्यम समूह के लिए अपूर्णनीय क्षति है।
उनके पुत्र डाॅ. तारिक महमूद, एसोसिएट प्रोफेसर, श्री राममूर्ति स्मारक मेडिकल कालेज, बरेली ने बताया कि पिछले 25 अप्रेल को वे कोरोना से संक्रमित हो गयी थी। जिस कारण उनका बरेली में ही स्वयं की देख-रेख में इलाज करवाया। अंततः उन्होंने कोरोना को मात देते हुए 05 मई को पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गई थी। डाॅ. तारिक महमूद ने बताया कि इस समय वे पोस्ट कोविड चिकित्सा ले रही थी कि अचानक रात में तबियत खराब हुई और सुबह चार बजे के करीब 73 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली।
प्रधान संपादक और उनके पति प्रोफेसर मंजूर अहमद, पुत्र डाॅ. तारिक महमूद, भांजे फैजुद्दीन सिद्दीकी समेत तमाम गणमान्य लोगों की मौजूदगी में आज ही उन्हें गृह जनपद लखनऊ में सुपुर्दे खाक किया गया। उनके निधन से पूरा समाचार पत्र समूह शोक संतप्त है।
बहुत याद आएंगी निलोफर अहमद, समाज सेवा और पत्रकारिता के क्षेत्र में रहा अभूतपूर्व योगदान
लखनऊ। श्रीमती निलोफर अहमद आज हम सबको छोड़कर इस दुनिया को अलविदा कर दी, लेकिन हमारी स्मृतियों में वे हमेशा याद आती रहेंगी। श्रीमती अहमद ने जन माध्यम समाचार पत्र को आज से 10 वर्ष पूर्व शुरू करने में अहम भूमिका निभाईं। अपने पति प्रोफेसर मंजूर अहमद, पूर्व कुलपति आगरा विश्वविद्यालय एवं सेवानिवृत्त आईपीएस के सहयोग से 2010 में जन माध्यम की शुरूआत लखनऊ से की। संस्थापिका के साथ प्रथम संपादक के दायित्व को संभालती हुई उन्होंने इस समाचार पत्र को लखनऊ से शुरूआत कर बुलंदियों तक पहंुचाने में अहम भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में जन माध्यम लखनऊ के साथ-साथ नई दिल्ली, पटना, मेरठ, रांची आदि स्थानों से भी प्रकाशित होने लगा था। वर्तमान समय जब विज्ञापनों का दौर है, तब भी उनके लिए समाचार पत्र एक मिशन के रूप में रहा। अखबार के संचालन से पहले से ही वे समाज सेवा से जुड़ी रहीं और ईद-बकरीद जैसे विभिन्न पर्वों पर गरीबों की मदद दिल खोलकर किया करती थी। अभी हाल ही कोविड-19 के पहले दौर में बुजुर्गों की हालात को देखते हुए अपने पति प्रोफेसर मंजूर अहमद के साथ ओल्ड एज होम की स्थापना की थी। अपने घर पर गरीबो की निःशुल्क चिकित्सा के लिए हेल्थ सेन्टर भी खुलवाया था। फरीदाबाद में वह एक विद्यालय भी संचालित कर रही थी। प्रोफेसर मंजूर अहमद, के आईपीएस की सेवा के दौरान भी वे काफी सक्रिय रही और आईपीएस वाइव्स एसोसिएशन से जुड़कर महिलाओं और बेटियों के शिक्षा और जागरूकता के लिए विभिन्न कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती रहीं।
अपूर्णनीय क्षति है जन माध्यम परिवार के लिए।ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें।ऊं शान्तिः ।।
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