Monday, September 19, 2022

Role and changing trends in Public relations

 

Although there are numerous reasons associated with the importance of public relations functions, we’re going to take a look at the significant ones.

● Brand Reputation Management

The job of a public relations company under such public relations functions is to manage the positive perception of the brand. Given that people may have questions related to the brand operations, workflows, or the types of ingredients it uses in the products, the PR firm can communicate accordingly to maintain the reputation of the business.

● Business Value Promotion

Talk about portraying a positive image of your business and its core values among consumers from all over the world, and you have got this particular PR function to deal with.

Your company’s core values entail a mission statement that you can use in a couple of press releases to create a storyline for the people. Such strategies are important to uphold the goodness, prosperity, and common welfare aspects of any business in question.

● Community Relationship Management

For any prospering business, it is important to create and maintain a positive relationship with the community. There are times when companies want to be seen partaking in public welfare programs and such activities which help to promote a positive image-based.

If your business participates in philanthropic events, make sure that your actions are seen, and your voice is heard to convey a strong message that says you are all about the common cause.

बदलते दौर मे जनसंपर्क की भूमिका

एक वह जमाना था जब जनसंपर्क अधिकारी का कार्य मात्र मीडिया को सैर कराने व अतिथियों के लिये होटल बुक करने तक ही सीमित समझा जाता रहा था लेकिन यह स्थिति आज पूरी तरह बदल चुकी है और अब जनसम्पर्क एक प्रतिष्ठित पेशे और व्यवसाय के रूप में  दुनियाभर मे स्थापित हो चुका है।

आज व्हाईट हाउस से लेकर, प्राक्टर एंड गैंबल, प्रजापति ब्रम्हकुमारी मुख्यालय व कलेक्टोरेट कार्यालय सभी जगह जनसंपर्क विंग विद्यमान है । उत्पादों व संस्थाओं को बाजार में उतारने व कायम रहने की चुनौतियों ने जनसंपर्क की उपयोगिता बढ़ा दी ।

मोबाईल-इंटरनेट द्वारा नवनिर्मित सूचना समाज मे जनसंपर्क सरकार व बाजार से लेकर बॉलीवुड तक फैल गया। भारत में आज 1 लाख से अधिक लोग जनसम्पर्क को पेशे के रूप में अपना चुके हैं और यह क्षेत्र बहुत तेजी से विकास कर रहा है।

कंपनियां अब जनसम्पर्क सलाहकारों की सेवाएं ले रही हैं। विगत लोकसभा चुनाव में उम्मीद्वारों द्वारा खूब जनसम्पर्क पेशेवरों की सेवाओं का इस्तेमाल किया गया।

भारत मे राजनेता, अभिनेता, कारपोरेट आरगेनाईजेशन व ब्यूरोक्रेट भी जनसंपर्क का इस्तेमाल इमेज बिल्डिंग व पर्सनल ब्रांडिंग के लिये करने लगे हैं।

जनसंपर्क जनमत का विश्वास हासिल करने मे हमेशा से मददगार साबित हुआ है। सरकारें जनता द्वारा चुनी जाती है और जनहित मे कार्य करती हैं। सरकार जनता के हित के लिये क्या नीति व रणनीति बना रही है इसे जनता को बताने का सबसे सस्ता व शक्तिशाली माध्यम जनसंपर्क है।
 
जनसंपर्क की सफलता के लिये सबसे जरूरी चीज जिस व्यक्ति, कंपनी या उत्पाद के लिये जनसंपर्क किया जा रहा है उसका अच्छा होना बहुत जरूरी है। 

जनसंपर्क का कार्य मात्र फोटो खिंचवाने व बैठकों के कार्यवाही विवरण लिखने तक सीमित नहीं है। जनसंपर्क के क्षेत्र मे काम करने वाले पेशेवर को जनता के नब्ज व अपने संस्था के बारे मे पूरी जानकारी होना चाहिये।

संगठन के कौन से कार्य, गतिविधि व क्रियाकलाप  का जनता पर क्या प्रभाव पडेगा व जनता के द्वारा क्या प्रतिक्रिया होगी इसका ज्ञान संगठन को कई समस्याओं से बचा सकता है।

जनसंपर्क अधिकारी को शीर्ष प्रबंधन के सामने केवल मीठा-मीठा नही बोलना चाहिए बल्कि संगठन के कमजोर पक्षों को प्रबंधन के सामने लाने मे तनिक भी नहीं हिचकना चाहिये।

आंध्रप्रदेश के जनसंपर्क विभाग के रिटायर्ड डायरेक्टर सी वी नरसिम्हा रेडडी ने अपनी किताब पब्लिक रिलेशन एंड इफेक्टिव मीडिया स्टेटजी मे पीआरओ के गुणधर्म की चर्चा करते हुए लिखा है कि पीआरओ में एंटिना व रिसीवर का बुनियादी गुण होना चाहिए।

सूचनाओं को जनता तक पहुंचाने व जनता की प्रतियिाओं को प्रबंधन तक पहुंचाने का काम जनसंपर्क अधिकारी को मुस्तैदी से करना चाहिए।

संकटकाल ,दैवीय आपदा व दुर्घटना के समय जनसंपर्क की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है। संकटकालीन परिस्थिति में त्वरित गति से सही सूचनाओं का प्रवाह होने से जनता के बीच फैलने वाले अफवाह को रोका जा सकता है।
 जनसंपर्क मैनेजर को पारंपरिक मीडिया व नयी मीडिया का ज्ञान होना जरूरी है। जनसंपर्क अधिकारी को ब्लॉग, वेबसाईट प्रबंधन, ई-मेल, पॉडकास्टिंग, वेबकास्टिंग, गुगल सर्च भी सीखना चाहिये जनसंपर्क प्रबंधक मे समाचार लेखन, फीचर, भाषण लेखन, पत्रिका संपादन की योग्यता होनी चाहिये।

लोगो से मिलने-जुलने की आदत, विनम्रता, शिष्टता व धौर्य और लोगों से संवाद करने की क्षमता जनसंपर्क प्रबंधक को आगे बढाती है।

आने वाले दिनों में जनसम्पर्क एक बड़ा व्यवसाय का क्षेत्र बनकर उभरेगा तथा यह लोगों को कैरियर बनाने का भी अवसर देगा। जनसम्पर्क एक बहुत ही रचनात्मक कार्य है, जिससे सभी को फायदा होता है। जनसम्पर्क में बहुत शक्तियां हैं। जनसम्पर्क की ताकतों का इस्तेमाल कर सामाजिक बुराइयों को दूर किया जा सकता है।

वर्तमान समय की चुनौतियां जैसे जलवायु परिवर्तन, एड्स, गरीबी और अशिक्षा के प्रति लोगों को जागरुक करने तथा इसके बारे में व्यापक जनमत तैयार करने में जनसम्पर्क बड़ी भूमिका निभा सकती है।
 खेल के अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय आयोजनों को सफल और उस आयोजन के प्रति एक व्यापक जनसमर्थन जुटाने में जनसम्पर्क की भूमिका महत्वपूर्ण बनती जा रही है। 

जिन देशों  में लोकतंत्र है, वहां लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने में जनसम्पर्क बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है। भारत जैसे विकासशील देश में प्रशासन और सरकार तथा जनता के मध्य पारदर्शिता लाने में जनसम्पर्क की निर्विवाद भूमिका बनती है। राजनीतिक कार्यों में जनसम्पर्क का महत्व बढ़ने लगा है।

बीते लोक सभा चुनाव में जनसम्पर्क को बहुत प्रभावकारी ढंग से इस्तेमाल किया गया तथा आने वाले दिनों में जनसम्पर्क पेशेवरों को बहुत सम्मान मिलेगा, जैसे कि आज कल विकसित देशों में जनसम्पर्क पेशेवरों को बहुत ही प्रतिष्ठित माना जा रहा है। अमेरिका में तो इसे 10 सबसे सर्वोत्तम व्यवसाय विकल्पों में शामिल भी किया गया है।

भारत में  जनसम्पर्क का भविष्य बहुत उज्जवल माना जा रहा है। जनसम्पर्क  अब बहुत समृध्द क्षेत्र बनकर उभर रहा है। जैसे कारपोरेट के लिए कारपोरेट कम्युनिकेशन्स, सरकार के लिए जनसम्पर्क, राजनीतिक जनसम्पर्क, कला जनसम्पर्क आदि। 

यह अनुमान व्यावसायिक संगठन एसोचैम का है। विगत माह ऐसोचैम ने कहा था कि भारत में वर्तमान में जनसम्पर्क पेशा का आकार 15000 करोड़ रूपए का है तथा कंपनियों के मध्य बढ़ती प्रतिस्पर्धा से इसका आकार इस वर्ष दोगुना हो सकता है।
 विगत एक दशक में बहुत बड़ा बदलाव देखा गया है। ऐसोचैम ने 400 जनसम्पर्क पेशेवरों के मध्य एक सर्वे किया था जिसमें यह निष्कर्ष निकला कि कारपोरेट जगत पीआर को अपने कारोबार का अभिन्न हिस्सा मान चुके हैं और इससे उनके अपने कारोबार बढ़ाने में मदद मिल रही है। ऐसोचैम के अनुसार भारत में 1200-1500 जनसम्पर्क एजेंसियां हैं, जहां पर 30,000 से 40,000 पेशेवर कार्य कर रहे हैं। जनसम्पर्क एक बहुत ही रचनात्मक कार्य है। एक अनुमान के अनुसार भारत में लगभग 2 लाख लोग जनसम्पर्क के विभिन्न आयामों में सेवारत हैं।

 जिस तरह इस व्यवसाय के विकास का अनुमान लगाया जा रहा है उससे लगता है कि यह क्षेत्र कैरियर का बहुत बड़ा क्षेत्र बनकर उभरेगा। भारत में इस सयम सभी विश्व विद्यालयों में जनसम्पर्क पढ़ाया जा रहा है। 

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