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2. इस संहिता का उद्देश्य ऐसे व्यापक प्रचलनों को दस्तावेज की शक्ल देनी है, जिन्हें न्यूज ब्राडकास्टर्स (समाचार प्रसारण) एसोसिएशन (संगति) (एनवीए) के सभी सदस्य प्रचलन और प्रक्रिया के रूप में स्वीकार करते हैं। इससे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों को जन सेवा और एकरूपता के उच्चतम संभव मानकों को अपनाने और उन पर चलने में मदद मिलेगी।
3. समाचार चैनल (माध्यम) यह मानते हैं कि पत्रकारिता के उच्च मानकों के साथ जुड़े रहने के मामलों में उनके ऊपर खास किस्म की जिम्मेदारी है क्योंकि जनमत को सबसे ज्यादा प्रभावित करने की ताकत भी उनके ही पास है। मोटे तौर पर समाचार चैनलों को जिन सिद्धांतों पर चलना चाहिए, उनका उल्लेख यहां पर किया गया है।
4. खास तौर पर प्रसारणकर्ताओं को यह पूरी तरह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे किसी भी विवादित सार्वजनिक मामलें में दोनों में से किसी पक्ष को नुकसान या फायदा पहुंचाने की दृष्टि से समाचार का चुनाव नहीं करना चाहिए। समाचार सामग्री का चयन अथवा उनकी रचना किसी भी विशेष आस्था, विचार अथवा किसी वर्ग विशेष की इच्छा पूरी करने या उसे बढ़ावा देने के लिए नहीं होना चाहिए।
न्यूजब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन की कोड ऑफ इथिक्स एवं प्रसारण मानक
1. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े पेशेवर पत्रकारों को यह स्वीकार करना चाहिए और समझना चाहिए कि वे जनता के विश्वास के पहरेदार हैं और इसलिए उन्हें सत्य की खोज करने और उसे संपूर्ण रूप में पूरी आजादी के साथ और निष्पक्षता के साथ लोगों के सामने पेश करना चाहिए। पेशेवर पत्रकारों का अपने दव्ारा किए गए कामों के संबंध में पूरी तरह जवाबदेह भी होना चाहिए।2. इस संहिता का उद्देश्य ऐसे व्यापक प्रचलनों को दस्तावेज की शक्ल देनी है, जिन्हें न्यूज ब्राडकास्टर्स (समाचार प्रसारण) एसोसिएशन (संगति) (एनवीए) के सभी सदस्य प्रचलन और प्रक्रिया के रूप में स्वीकार करते हैं। इससे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों को जन सेवा और एकरूपता के उच्चतम संभव मानकों को अपनाने और उन पर चलने में मदद मिलेगी।
3. समाचार चैनल (माध्यम) यह मानते हैं कि पत्रकारिता के उच्च मानकों के साथ जुड़े रहने के मामलों में उनके ऊपर खास किस्म की जिम्मेदारी है क्योंकि जनमत को सबसे ज्यादा प्रभावित करने की ताकत भी उनके ही पास है। मोटे तौर पर समाचार चैनलों को जिन सिद्धांतों पर चलना चाहिए, उनका उल्लेख यहां पर किया गया है।
4. खास तौर पर प्रसारणकर्ताओं को यह पूरी तरह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे किसी भी विवादित सार्वजनिक मामलें में दोनों में से किसी पक्ष को नुकसान या फायदा पहुंचाने की दृष्टि से समाचार का चुनाव नहीं करना चाहिए। समाचार सामग्री का चयन अथवा उनकी रचना किसी भी विशेष आस्था, विचार अथवा किसी वर्ग विशेष की इच्छा पूरी करने या उसे बढ़ावा देने के लिए नहीं होना चाहिए।
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