Sunday, September 2, 2018

Public relations process: RACE approach in Hindi


जनसंपर्क की प्रक्रिया और RACE अप्रोच

जनसम्पर्क के लिए निम्न पक्रिया के तहत चरणवद्ध तरीके से कार्य को संपादित किया जाता है। यह चरण निम्नलिखित है-

समस्या की स्थापना % R: Research

सबसे पहले समस्याओं की पहलुओं को समझा जाना चाहिए। उसके बाद जनता के अनुकूल अपेक्षित दिशा तथा अनुकूल नीति का निर्धारण करना चाहिए। इसके लिए इस चरण में संबंधित जनसमुदाय के बीच शोध प्रक्रिया को अपनाया जाता है। ताकि जनसंपर्क कर्मी को जनसमुदाय के बीच की वास्तविक स्थिति का ज्ञान हो सके। यदि जनसंपर्क कर्मी को संबंधित जनसमुदाय के बारे में ज्ञान नहीं होगा तो वह जनसंपर्क प्रक्रिया में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पायेगा।

संदेश का निर्माण: % A: Action & Planning

समस्या के स्थापना के उपरांत संदेश का निर्माण किया जाना चाहिये। संदेश अपने बाजार या लक्षित पब्लिक को ध्यान में रखकर ही तैयार किया जाता है। यही नहीं लक्षित समुदाय तक संदेश पहुंचाने के लिए माध्यम का चयन भी इसी चरण में तय किया जाता है, क्योंकि जनसंपर्क का उद्देश्य अपनी बातों को कम समय, कम धन और कम श्रम में ज्यादा से ज्यादा से लोगों तक पहुंचाने का होना चाहिये।

संदेश प्रचार:  C: Communication

यह तय कर लिया जाना चाहिए की संदेश उद्देश्य अल्प समय के लिए है या दीर्घकालिक है। उसी के अनुसार प्रसार प्रक्रिया को निर्धारित करना चाहिए। यह भी निश्चित कर लिया जाना चाहिए की संदेश किस वर्ग के लिए है।
आर्थिक सांस्कृतिक राजनीतिक स्थितियां का अध्ययन करने के बाद ही संदेश प्रसारित करने की योजना बनाई जानी चाहिए। संचार उन्हीं लोगों के बीच में किया जाता है, जहां संस्था से जुड़े लोगों के हित जुड़े होते हैं। अनावश्यक रूप से निष्प्रयोज्य लोगों के बीच संचार करके श्रम, समय और धन को बर्बाद नहीं किया जाता है।

मूल्यांकन: % E: Evaluation

कार्य की सफलता असफलता का मूल्यांकन करना भी जरूरी है। ताकि पुनर्परीक्षण और सुधार की संभावना बनी रहे। इसी मूल्यांकन के आधार पर जनसंपर्क की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने या रोकने के बारे में निर्णय लिया जाता है।

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