जनसंपर्क अधिकारी की योग्यता एवं गुण
एक सफल जनसंपर्क कर्ता बनने के लिए जरूरी है कि वह निम्नलिखित स्तर पर कार्य करता हो -1. अपनी संस्था के विषय में जनरूचि व जनव्यवहार का विश्लेषण करता है।
2. अपने संगठन व संस्था की नीतियों और कार्यक्रमों को जनता को समझाता है।
3. इन नीतियों व कार्यक्रमों के कारण जनता के मन में अपने संगठन के प्रति सद्भाव उत्पन्न कर अपना उद्देश्य प्राप्त करना।
जनसंपर्क अधिकारी का व्यक्तित्व द्विमुखी होता है, वह सत्ता और जनता दोनों का विश्वास प्राप्त करके ही अपने उद्देश्यों को पूरा कर सकता है। यही जनसंपर्क अधिकारी तथा संपर्क अधिकारी में मौलिक अंतर है।
जनसंपर्क अधिकारी द्विमुखी भूमिकाओं में काम करता है -
1. वह सत्ता और प्रशासन के अधिकारियों से संबंध रखता है। उनके विचारों को जनता के सामने रखता है।
2. जनता के विचारों व सुझावों का भी ध्यान रखता है।
3. जनता और और सत्ता के बीच सूत्र बनता है। जनता के सुझावों के अनुसार काम करने का प्रयास करता है तथा उनकी समस्याओं तथा उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करता है।
4. वह संस्थान के कार्यरत कर्मियों तथा कर्मचारियों तथा प्रबंधकों के बीच संबंध का निर्माण करता है।
द्विपक्षीय भूमिका निभाने के लिए जनसंपर्क अधिकारी में कुछ विशेष गुण होने चाहिए। उसकी योग्यता का मूल्यांकन केवल विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त डिग्रियों से नहीं किया जा सकता। व्यावसायिक प्रशिक्षण द्वारा सैद्धान्तिक पक्ष का अध्ययन तो किया जा सकता है किन्तु व्यवहारिक ज्ञान के लिए अत्यधिक साधना तथा अध्यवसाय की आवश्यकता है। जनसंपर्क कर्ता को दोनों पक्षों को देखना होता है। सत्ता और जनता के हितों को एक साथ देखना बहुत कठीन कार्य है। इसलिए जनसंपर्क अधिकारी में कुछ विशिष्ट योग्यताएं होनी चाहिए।
1. आत्मशिक्षण
2. आत्मविश्वास
3. सच्चाई व ईमानदारी
4. जनरुची का विश्लेषक
5. समूह मनोविज्ञान का ज्ञान
6. विवेक व चतुराई
7. मधुरभाषी व सहनशील
8. आतिथ्यकार
9. प्रत्युन्नमति अथवा हाजिरजवाबी
No comments:
Post a Comment
Please share your views