Sunday, January 27, 2019

धड़ल्ले से चल रहा है झोलाछाप डॉक्टर का धंधा

स्वास्थ्य महकमा गम्भीर हादसे के इन्तज़ार में
विपिन मिश्रा/लखीमपुर खीरी
 किसी की जान ले लेना अपराध है। किसी की जिंदगी तबाह कर देना अपराध है। लेकिन यदि आप डाक्टर बनकर यह कृत्य अंजाम दे देते हैं तो स्वास्थ्य महकमे की नजर में यह कतई अपराध नहीं।
हम बात कर रहे हैं धौरहरा के डा. राजू की जो पैसे की चाह में जिंदगियां छीनने से भी नहीं चूकता। बगैर डिग्री और लाइसेंस के उसने धौरहरा, खमरिया और ईसानगर में तीन-तीन क्लीनिक संचालित कर रखे हैं। खुद तो अयोग्य है ही लेकिन स्टाफ भी अयोग्य रख रखा है। तीनों ही क्लीनिकों पर तीन नर्सें तैनात हैं। इन तीनों ने न तो नर्सिंग का कोर्स किया है और न ही स्वास्थ्य महकमे में कार्य करने योग्य कोई अन्य कोर्स। 17 से 18 वर्ष तक की यह नर्सें शायद कपड़े सीने का भी काम नहीं जानती लेकिन अस्पताल में इंजेक्शन लगाने से नहीं चूकती। फत्तेपुर निवासी शिवसागर अपनी पत्नी प्रेमलता का इलाज करने पहुंचे थे।  यहां की स्टाफ नर्स सोनी और सिंधू प्रेम लता ने डाक्टर साहब के कहने पर प्रेमलता के कूल्हे में एक इंजेक्शन लगा दिया। कुछ ही देर बाद उस जगह पर पकना शुरू हो गया। पहले फोड़ा निकला और फोड़ा फूटने के बाद वहां घाव हो गया। अब प्रेमलता एक और दर्द से तड़प रही है और उसका उठना-चलना तक मुश्किल हो गया। जब वह किसी तरह पत्नी को लेकर दोबारा क्लीनिक पर पहुंचा तो इस बार डाक्टर साहब ने हाथ खड़े कर दिए और अन्यत्र ले जाने को कहा। यही नहीं उसने कहीं शिकायत करने पर शिवसागर को जान-माल की धमकी तक दे डाली।
  इसके अलावा भी इस डाक्टर व इसके स्टाफ द्वारा जिंदगियां निकल लेने या बर्बाद कर देने के कारनामे अंजाम दे दिए जा चुके हैं। लेकिन स्वास्थ्य महकमा इन घटनाओं पर कार्रवाई में कोई रुचि नहीं दिखाता। शायद महकमे के जिम्मेदारों के आगे किसी की जिंदगी से ज्यादा पैसों का मोल है।

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