पश्चिम बंगाल में सियासी ड्रामा अपने चरम पर है। देखने में तो ऐसा प्रतीत हो रहा है कि केन्द्र की भाजपा और तृणमूल के बीच आपसी साख की लड़ाई में सीबीआई को मोहरा बनाया जा रहा है। परन्तु अगर बारीकी से देखा जाये तो यह दोनों दलों की मिलीभगत लगती है, क्योंकि इस ड्रामे के ठीक पहले बंगाल में लम्बे समय तक सियासत कर चुकी वामपंथी पार्टियों ने अपनी ताकत दिखाकर एक बार फिर से राज्य में वापसी के संकेत दिये थे। ऐसे में भाजपा और तृणमूल का आपसी ड्रामा ने एक बार फिर से उसे पश्चिम बंगाल की राजनीति में पृष्ठ में धकेल दिया है।
दरअसल बंगाल में काफी कमजोर भाजपा अपने पांव जमाना चाहती है और तृणमूल प्रमुख ममता को भाजपा से बहुत अधिक खतरा नहीं लगता है। ममता को पता है कि बंगाल में वामपंथ की वापसी से उनका सिंहासन हिल सकता है, क्योंकि वामपंथ का समर्थक वोटर ममता का समर्थक है। ऐसे में ममता कभी नहीं चाहेंगी कि बंगाल की सियासत में वामपंथ की वापसी हो। रही बात भाजपा की तो अभी उसकी पोजीशन बंगाल में इतनी मजबूत नहीं है कि अगले दस सालों तक ममता को राजनीतिक रूप से पदच्युत कर पाये। सीबीआई को लेकर चल रहे ड्रामें का असल सच यह भी माना जा रहा है। दक्षिणपंथी भाजपा का भी लगातार प्रयास यही हैं कि बंगाल के साथ पूरे देश में वामपंथ कमजोर पड़े, ताकि भाजपा को अपना पैर फैलाने में भविष्य की राह तैयार हो जाये।
सारदा और रोजवैली घोटाले में आरोपों से घिरी पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के बीच विवाद अपने चरम पर पहुंच गया है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रविवार रात से ही सीबीआई के खिलाफ धरने पर बैठी हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि देश में सुपर इमरजेंसी लगी है और राजनीतिक विद्वेष के तहत बीजेपी सीबीआई का इस्तेमाल उनके खिलाफ कर रही है।
कोलकाता में रविवार को पुलिस और सीबीआई आमने-सामने आ गए। विवाद की शुरुआत सीबीआई के कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के साथ पूछताछ करने को लेकर हुई। सारदा और रोजवैली घोटाले में जांच करने पहुंची सीबीआई की टीम को कोलकाता पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यही नहीं पुलिस सीबीआई दफ्तर से पांच अधिकारियों को हिरासत में लेने पहुंच गई। सीएम ममता बनर्जी धरने पर बैठ गईं।
केंद्र पर तीखा हमला बोलते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर आरोप लगाया कि वे राज्य में तख्ता पलट का प्रयास कर रहे हैं। इससे पहले सीबीआई की एक टीम ने चिट फंड घोटाला मामलों में कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ का नाकाम प्रयास किया। ममता की यह टिप्पणी उसके बाद आयी है।
ममता ने आरोप लगाया कि सीबीआई कार्रवाई 'राजनीतिक रूप से प्रतिशोध वालीÓ और संवैधानिक मानदंडों पर हमला है। विशुद्घ रूप से वह यह जताने की कोशिश में हैं कि उनकी लड़ाई प्रदेश में भाजपा से ही है। वामपंथी दल और कांग्रेस फिलहाल बंगाल की सियासत में अब नहीं दिख रहे हैं।
दरअसल बंगाल में काफी कमजोर भाजपा अपने पांव जमाना चाहती है और तृणमूल प्रमुख ममता को भाजपा से बहुत अधिक खतरा नहीं लगता है। ममता को पता है कि बंगाल में वामपंथ की वापसी से उनका सिंहासन हिल सकता है, क्योंकि वामपंथ का समर्थक वोटर ममता का समर्थक है। ऐसे में ममता कभी नहीं चाहेंगी कि बंगाल की सियासत में वामपंथ की वापसी हो। रही बात भाजपा की तो अभी उसकी पोजीशन बंगाल में इतनी मजबूत नहीं है कि अगले दस सालों तक ममता को राजनीतिक रूप से पदच्युत कर पाये। सीबीआई को लेकर चल रहे ड्रामें का असल सच यह भी माना जा रहा है। दक्षिणपंथी भाजपा का भी लगातार प्रयास यही हैं कि बंगाल के साथ पूरे देश में वामपंथ कमजोर पड़े, ताकि भाजपा को अपना पैर फैलाने में भविष्य की राह तैयार हो जाये।
सारदा और रोजवैली घोटाले में आरोपों से घिरी पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के बीच विवाद अपने चरम पर पहुंच गया है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रविवार रात से ही सीबीआई के खिलाफ धरने पर बैठी हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि देश में सुपर इमरजेंसी लगी है और राजनीतिक विद्वेष के तहत बीजेपी सीबीआई का इस्तेमाल उनके खिलाफ कर रही है।
कोलकाता में रविवार को पुलिस और सीबीआई आमने-सामने आ गए। विवाद की शुरुआत सीबीआई के कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के साथ पूछताछ करने को लेकर हुई। सारदा और रोजवैली घोटाले में जांच करने पहुंची सीबीआई की टीम को कोलकाता पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यही नहीं पुलिस सीबीआई दफ्तर से पांच अधिकारियों को हिरासत में लेने पहुंच गई। सीएम ममता बनर्जी धरने पर बैठ गईं।
केंद्र पर तीखा हमला बोलते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर आरोप लगाया कि वे राज्य में तख्ता पलट का प्रयास कर रहे हैं। इससे पहले सीबीआई की एक टीम ने चिट फंड घोटाला मामलों में कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ का नाकाम प्रयास किया। ममता की यह टिप्पणी उसके बाद आयी है।
ममता ने आरोप लगाया कि सीबीआई कार्रवाई 'राजनीतिक रूप से प्रतिशोध वालीÓ और संवैधानिक मानदंडों पर हमला है। विशुद्घ रूप से वह यह जताने की कोशिश में हैं कि उनकी लड़ाई प्रदेश में भाजपा से ही है। वामपंथी दल और कांग्रेस फिलहाल बंगाल की सियासत में अब नहीं दिख रहे हैं।
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