Monday, March 4, 2019

महमूदाबाद में भगवान शिव की बारात में झूम कर नाच उठे बाराती

हरिओम कश्यप 
महमूदाबाद (सीतापुर)।  महाशिवरात्रि पर आज चहुंओर सभी दिशाओं में देवाधिदेव महादेव अजर अमर शिवशंकर के बम बम  भोलेनाथ हर हर महादेव एवं ऊँ नमः शिवाय के गगनभेदी जयकारों से सारा वातावरण गुंजायमान हो रहा है।चाहै भगवान शिव के प्रादुर्भाव वाले शिवधाम हो चाहे गाँव गली मुहल्ले के शिव मंदिर हो या फिर चाहे खेत नदी खलिहान चौबारे हो हर जगह गौरीशंकर पार्वतीशंकर के जलकारे  तथा गुणगान हो रहे हैं।देश के कोने कोने से शिवभक्त काँवड़िये भगवान सदाशिव का अभिषेक करने के लिए गंगाजल लेकर सैकड़ों कोस पैदल चलकर शिवधाम पहुंच चुके है।इतना ही तमाम भक्त साइकिल मोटरसाइकिल से गंगाजल लेकर विभिन्न शिवलिंगों पर पहुंचे और यह सिलसिला पूरे दिन चलता रहा क्योंकि आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व है।वैसे तो भगवान भोलेनाथ हमेशा अपने भक्तों पर अपनी दया दृष्टि बरसाते रहते हैं और कभी अपने भक्तों को कष्ट नहीं देते हैं यही कारण है कि भगवान भोलेनाथ को   औढरदानी वरदानी कहा जाता है। भगवान भोलेनाथ खुद भले ही हिमालय पर रहते हो लेकिन वह अपने भक्तों को कभी भी बिना भवन के नहीं रखते हैं और उनका भंडार भरते रहते हैं। भगवान शिव के बारे में कहा जाता है कि उनका स्वभाव क्षणे रुष्टा क्षणे तुष्टा वाला है और जरा सी आराधना से यह खुश होकर क्षण भर में बड़े से बड़े द्रोही भक्त को भी माफ कर देते हैं।रावण इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है जो उनकी अर्द्धांगिनी जगत जननी का हरण करने कैलाश पर्वत पर पहुंच गया था और भगवान भोलेनाथ ने कैलाश पर्वत को अपने पैर के अगूंठे से दबाकर उसै मरणासन्न बना दिया था लेकिन उसकी क्षणिक आराधना से खुश होकर उसे चन्द्रहास वरदान में दे दिया था। इसीलिए भगवान सदाशिव को सकल समाज के लोग अपना आराध्य मानते हैं और वह अपने भक्तों में कभी भेदभाव नहीं करते हैं। 
आज महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक एवं फूल बेलपत्र आदि चढ़ाने का विशेष महत्व माना गया है और कहा गया है कि इस अवसर पर अगर महापापी भूल से भी उनकी शिवलिंग पर बेलपत्र आदि चढ़ा देता है वह उसके सारे पापो को भुलाकर उसका कल्याण कर देते हैं। महाशिवरात्रि का पर्व मनाने के पीछे अलग अलग कथाएं प्रचलित है और माना जाता है कि माता सती द्वारा भगवान राम पर संदेह व्यक्त करते हुए माता सीता का स्वरूप धारण करने के बाद अपने पिता दक्ष के यहां यज्ञ में अपने शरीर को भस्म कर के हिमवान  के घर पार्वती के रूप में अवतरित हुई थी और पुनः भगवान शिव की अर्धांगिनी आज के ही दिन बनी थी। भगवान भोलेनाथ का माता पार्वती के साथ विवाह आज ही के दिन महाशिवरात्रि के अवसर पर हुआ था और तभी से उनकी शादी का यह पावन दिन महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक सुबह शाम दोपहर ही नहीं बल्कि रात चारो पहर में किया जाता है। महाशिवरात्रि के पर्व पर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती अपने भक्तों पर विशेष कृपा दृष्टि करती हैं और जो भी उन्हें दिल से याद करता है उसे वह मालामाल कर उनकी दैविक देहिक भौतिक  सारी समस्याओं एवं दुखों का निवारण करके उसके सारे संताप समाप्त कर देते हैं।
आज महमूदाबाद में महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए भक्तों ने भांग, बेर, बेलपत्र, बर्रे का फूलफल, जौ की बाली, शहद, दही, दूध, गन्ने का रस एवं टुकड़े इत्यादि उनकी शिवलिंग पर अर्पित किये महाशिवरात्रि के दिन इन वस्तुओं का एक विशेष महत्व माना गया है और जो व्यक्ति कभी भी भगवान भोलेनाथ की भक्ति नहीं करता है लेकिन शिवरात्रि के दिन उनके शिवलिंग की पूजा-अर्चना कर देता है वह उसका कल्याण कर उसे अपनी भक्ति प्रदान कर देते हैं। आज शहर के सभी शिवालयों में भक्तों की काफी भीड़ रही शाम को हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नगर के महादेव पुरम से भगवान भोलेनाथ की बारात पूरे बजे गाजे के साथ बजाजा चौराहा, रामकुंड, बस स्टाफ, चिकमंडी, होते हुये श्री संकटा देवी मंदिर पर जा कर समाप्त हुई इस बारात में तमाम भक्त नगर पालिका अध्यक्ष भाजपा प्रति0 अम्बरीश गुप्ता एडवोकेट, सुजीत रस्तोगी, नीरज सोनी, प्रह्लाद गुप्ता, मनोज शुक्ला,अखिलेश गुप्ता, राजू, अभिषेक सोनी, राधेश्याम गुप्ता, दिलीप त्रिपाठी, दुर्गेश सोनी आदितमाम लोग मौजूद रहे वही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोतवाल गोपाल नारायण, वरिष्ठ दारोगा आर सी त्रिपाठी पूरे पुलिस बल के साथ मौजूद रहे!

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