Sunday, March 10, 2019

डॉ. रविकांत को दलित होने के का मिला दण्ड, अवार्ड कैंसिल : डॉ. रमेश दीक्षित

मुईज़ साग़री
लखनऊ। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने लखनऊ विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ. रविकांत को मिलने वाला अवार्ड को राज्य सरकार द्वारा कैंसिल किये जाने की कड़े शब्दों में निंदा की है।
राकांपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमेश दीक्षित ने जारी एक बयान में कहा कि राज्य पोषित “ यूपी राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान द्वारा डॉ. रविकांत को मिलने वाले 'रमन लाल अग्रवाल पुरस्कार' को मिलने से पहले ही वापस लिए जाने के निर्णय की कठोरतम शब्दों में निंदा करते हुए , इसको अभिव्यक्ति की आजादी पर योगी सर्कार पर हमला करार दिया है।

राकांपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमेश दीक्षित ने कहा कि डॉ. रविकांत की अवार्ड वापसी सरकारी दबाब में की गयी है जिसकी राकांपा खुली मुखालफत करती है । डॉ. रमेश दीक्षित ने आगे कहा कि मौजूदा निजाम दलितों को दोयम दर्जे का नागरिक समझती है . इसका ताज़ा उदहारण है रविकांत की अवार्ड को कैंसिल किया जाना ।
राकांपा प्रदेश अध्यक्ष ने डॉ. रमेश दीक्षित ने आगे कहा कि मौजूदा सरकार न सिर्फ अभिव्यक्ति की आजादी पर सुनियोजित हमला कर रही है अपितु वो दलितों के साथ भेदभाव को सरकारी संरक्षण भी दे रही है। डॉ. रमेश दीक्षित ने कहा कि फेसबुक पर रविकांत द्वारा जो कुछ भी लिखा गया वो उनके निजी विचार हैं जबकि सम्मान उनके साहित्य के योगदान के लिए दिया जाना था। उनके मुताबिक विचारों की स्वतंत्रता हर किसी को है।  ऐसे में कोई फेसबुक पोस्ट को लेकर आहत हो जाए तो इसमें डॉ. रविकांत का क्या दोष । जबकि इसी संस्थान ने पिछले साल साहित्य गौरव पुरस्कार से उनको सम्मानित किया था । डॉ. रमेश दीक्षित ने योगी सरकार सहित भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यही है इनका राष्ट्रवाद और समरसता जो गैरबराबरी पर टिकी हुयी है और उसको पोषित भी करती है । उन्होंने आगे यह भी बताया कि उक्त संस्थान राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित है ।

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