- डीएम से गुहार लगाने के बाद भी पीड़ित को नहीं मिला न्याय
- सेवाएं समाप्त होने से पीड़ित के सामने रोजी-रोटी का संकट
- पीआरडी विभाग में 25 वर्ष से हल्का सरदार के पद पर कार्यरत था सोहन लाल
बिपिन मिश्रा लखीमपुर-खीरी। सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता लाने के लिए केन्द्र व यूपी की सरकार तमाम प्रयास कर रही है, लेकिन अधिकारी है कि उनके इन प्रयासों पर पतीला लगाने में कोई गुरेज नहीं कर रहे है। यहां पीआरडी विभाग में एक भ्रष्ट अधिकारी ने चंद रुपयों व बिरादरी के आगे नतमस्तक होकर 25 वर्ष से विभाग को सेवा दे चुके युवक को बिना सूचना दिए उसकी सेवाएं बर्खास्त कर किसी ओर की नियुक्ति कर दी। अपनी नौकरी खोने के बाद परेशान युवक ने डीएम से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन युवक की यहां कोई सुनवाई नहीं हुई।
भ्रष्टाचार का मामला लखीमपुर-खीरी के पीआरडी विभाग का है। यहां तैनात पीआरडी के डीओ ने 25 वर्ष से हल्का सरदार के पद पर तैनात सोहन लाल पुत्र मोतीलाल निवासी सिरैंचा विकास खण्ड नकहा को बिना किसी सूचना दिए उसकी सेवाएं समाप्त कर थी। सोहनलाल का आरोप है कि डीओ प्रबोध कुमार ने 50 हजार रुपए लेकर किसी अन्य युवक की तैनाती कर थी। जब इसकी जानकारी सोहन को हुई तो उसने डीओ से बात की, तो उसके डांट-फटकार भगा दिया गया। इधर पीड़ित सोहनलाल ने डीओ द्वारा किए गए नियम के विरूद्ध कार्य की शिकायत डीएम से की, लेकिन यहां भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। सोहन का कहना है कि नौकरी से मिलने वाले मानदेय से उसके परिवार का भरण-पोषण होता है लेकिन उसकी सेवाएं समाप्त होने से उसके सामने रोजी-रोटी का बड़ा संकट आ पड़ा है। इधर सोहन ने बीते दो मार्च मुख्य विकास अधिकारी को प्रार्थना-पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।
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