Monday, April 29, 2019

फर्स्ट डिवीजन पास हुआ खीरी लोकसभा मतदान, पांच बजे तक 60 प्रतिशत हुई पोलिंग

  • निघासन उपचुनाव में भी 61 प्रतिशत रहा पोलिंग प्रतिशत

बिपिन मिश्र 
लखीमपुर-खीरी। चैथे चरण के लिए सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच 1868 पोलिंग बूथांे पर सुबह सात बजे से ही वोटिंग शुरू हो गई। लोकतंत्र के इस महा त्यौहार में भागीदार बन रहे मतदाताआंे ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। नतीजन शाम पांच बजे तक 60 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया था। हालांकि समाचार लिखे जाने तक भी कई जगहों पर मतदान जारी था।
  दो अप्रैल को अधिसूचना जारी होने के बाद से राजनीतिक दलों में चहलकदमी तेज हो गई थी। भाजपा, गठबंधन व कांगे्रस सहित सभी दलीय-निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव को अपने पाले में करने में जुट गए। जनसम्पर्क से लेकर एनाउंसमेंट तक, पर्चों से लेकर फोन कालिंग तक हर तरह से मतदाताओं से सम्पर्क कर अपने पक्ष में मतदान की अपील की जाती रही। वहीं जिला प्रशासन, स्कूल-कालेज व सामाजिक संगठन भी लोगों को जागरुक करते नजर आए। 27 अपै्रल को सब-कुछ थम गया।
  आखिरकार 29 अपै्रल को बाजी आई मतदाताओं के हाथ। अलसुबह ही लोग मतदान केंद्रों तक पहुंचने लगे। सात बजे तक मशीनों का ट्रायल चलता रहा। निर्धारित समय सात बजते ही पोलिंग बूथों पर मतदान करने वालों की लाइन लगनी शुरू हो गई। सुबह मौसम ठंडा होने के चलते मतदाता अधिक संख्या में मतदान केंद्र पहुंचे। लम्बी-लम्बी लाइनों में लगकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। चुनाव आयोग द्वारा मतदान के लिए वोटर आईडी सहित 11 विकल्प दिए गए थे। जिसके चलते मतदाता को इस बार सहूलियत रही। हालांकि दस बजे के बाद धूप तेज हो जाने के चलते मतदान की प्रक्रिया में कुछ कमी आई। यह स्थिति करीब तीन बजे तक चली। लाइनें छोटी हो गईं लेकिन तीन बजते ही चुनाव प्रक्रिया ने फिर से तेजी पकड़ी। मतदाता घरों से निकलकर बूथों पर पहुंचने लगे। शाम पांच बजे तक खीरी लोकसभा क्षेत्र के 60 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया था। वहीं निघासन विधानसभा उप चुनाव के लिए भी 61.7 प्रतिशत वोट पड़ चुके थे।  मैलानी संवाददाता के अनुसार, लोक सभा चुनाव सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम 6 बजे तक चला। आयोग द्वारा दी गई हर सुविधा का लाभ पोलिंग बूथ पर मतदाताओं को दिया गया। सलावत नगर में ईवीएम मशीन कुछ देर खराब होने के बाद पुनरू शुरू हो गई। वहीं कुकरा में पोंलिग बूथ पर अचानक ईवीएम मशीन खराब होने के बाद लगभग आधे घंटे बाद दूसरी मशीन लाकर मतदान शुरू कराया गया। धूप में भी मतदाता मतदान करने के लिए लगातार लगे दिखाई दिए। मैलानी का पोलिंग प्रतिशत 50.61 प्रतिशत रहा।
  ओयल संवाददाता के अनुसार, कस्बे में स्थित युवराजदत्त इंटर कालेज के मतदान केंद्र पर 1656 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जो 61 प्रतिशत रहा। खागी ओयल मतदान केंद्र पर लगभग 1083 लोगों ने मतदान किया जो लगभग 63 प्रतिशत रहा। खानपुर मतदान केन्द्र पर मतदान 67 प्रतिशत रहा। दुर्गे शिशु विद्या मंदिर मतदान केंद्र पर मतदान लगभग 63 प्रतिशत रहा। मतदान केंद्र पन्योरा में 630 मत पड़े जो 84 प्रतिशत रहा। मतदान केंद्र मडराही में 1024 में से 802 वोट पड़े जो लगभग 82 प्रतिशत रहा। कन्या विद्यालय में चारों बूथ पर कुल 3893 में से 2277 वोट पड़े लगभग 61 प्रतिशत रहा। ओयल में विभिन्न मतदान केंद्रों पर सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हुआ। शुरुआत में रफ्तार धीमी रही पर धीरे-धीरे मतदान प्रतिशत बढ़ता रहा। 3 बजे के बाद मतदान में काफी तेजी आई। विकलांग मतदाताओं में भी मतदान करने का उत्साह देखने को मिला। मतदान केंद्रों पर कुछ मतदाताओं को  असुविधा का सामना करना पड़ा जिसमें मतदाता सूची में नाम होने पर भी उन्हें पर्चियां प्राप्त नहीं हो सकी थी। बाद में उनको बीएलओ द्वारा पर्चियां बनाई गयी। मतदान शुरू होने के बाद जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, सीओ सिटी तथा अन्य अधिकारी द्वारा मतदान स्थल का निरीक्षण किया गया। मतदान केंद्र पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गए थे। जिससे मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो सका। इसके अलावा कुछ ऐसे मतदाता जो पहली बार वोटर बने थे उनमें मतदान को लेकर खासा उत्साह नजर आया।
  निघासन प्रतिनिधि के अनुसार, निघासन विधानसभा व लोकसभा का का चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। कई बूथों पर ईवीएम में तकनीकी खराबी के चलते मतदान देर से शुरू हुआ। तेज व लू से बचने के लिए सुबह से ही बूथों पर लाइने लग गई। चढ़ते दिन के साथ ही दोपहर तक बूथों पर सन्नाटा पसर गया। करीब दो घण्टे की धूप के बाद एक बार पुनः बूथ मतदाताओं से गुलजार हो गए। इस दौरान तमाम बुजुर्गों और दिव्यांगों ने भी वोट डाले। नए वोटरों में वोटिंग को लेकर खासा उत्साह दिखाई दिया। चुनाव की वजह से दुकानें बंद रहीं। लालपुर, लुधौरी व दौलतापुर में ईवीएम की गड़बड़ी से वहां करीब पौन घंटे बाद पोलिंग शुरू हो सकी। एसडीएम को इसकी जानकारी होने के बाद मशीनें बदलवाई गईं। कस्बे के जिला पंचायत इंटर कालेज के बूथ सहित कई अन्य जगहों के बूथों पर ईवीएम पर लाइट की अच्छी व्यवस्था न होने से बुजुर्ग और आंखों से कमजोर लोगों को चुनाव निशान देखने में दिक्कत आई। इनको दूर कराया गया। इस दौरान हर पोलिंग सेंटर और बूथ सहित प्रमुख सड़कों, चैराहों व अन्य जगहों पर पुलिस व अन्य सुरक्षा बल मौजूद रहा। इलाके में हर जगह बाजार व दुकानें बंद रहीं। मेडिकल स्टोर, चाय व पान आदि की छिटपुट दुकानें ही खुली दिखीं। मतदान को लेकर नए वोटरों में खासा उत्साह दिखा। सुबह सात बजे से करीब ग्यारह बजे तक पोलिंग सेंटरों पर भीड़ दिखी। इसके बाद लोगों को आना-जाना लगा रहा। कई जगह दोपहर में भीड़ जुटी लेकिन हर जगह दो बजे के बाद सन्नाटा पसरा दिखा। तमाम जगह दिव्यांग और काफी बुजुर्ग लोगों ने भी अपने वोट डाले।
  गोला गोकर्णनाथ प्रतिनिधि के अनुसार, गोला विधानसभा क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा के बीच लगभग 65 प्रतिशत मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। कई बूथों पर अव्यवस्थाएं हावी रही। सुबह से निकली चिलचिलाती धूप और गर्मी ने हालांकि वोटरों का हौसला पस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन वोटरों ने मतदान में बढ़-चढ़ कर हिस्सेदारी की। प्रशासन की ओर से किए जा रहे दावे हकीकत के विपरीत नजर आए और वोटर लिस्टों की गड़बड़ी के चलते सैकड़ों वोटरों को मतदान केंद्रों से वापस आने को मजबूर होना पड़ा। उधर एक गांव में बूथ हटाने तथा विकास कार्य न होने से क्षुब्ध वोटरों ने दोपहर तक मतदान ही नहीं किया, लेकिन उन्हें मनाने कोई अधिकारी नहीं पहुंचा।
  सोमवार को तड़के हालांकि मौसम खुशगवार था और सात बजे मतदान शुरु होते ही लोग मतदान केंद्रों की ओर पहुंचने लगे थे। लेकिन नौ बजते बजते धूप और गर्मी के तेवर इस कदर तल्ख हो गए कि दोपहर में तो सड़कों पर सन्नाटा सा पसरा दिखाई देने लगा। दिन चढ़ने के साथ ही मतदान में कुछ तेजी आई जिसके बाद कृषक समाज इंटर कालेज, पब्लिक इंटर कालेज, लालबहादुर शास्त्री इंटर कालेज, गांधी स्मारक विद्यालय, चीनी मिल क्लब स्कूल, लोनेसिंह विद्यालय व कस्तूरबा गांधी विद्यालय, त्रिलोक गिरि आदि शहर क्षेत्र के मतदान केंद्रों के भीतर और बाहर भीड़ लगी रही। मतदान केंद्रों को गुब्बारों, कागज की झालरों रंगबिरंगे टैंटों से सजाया गया था तथा कई जगह आदर्श मतदान केंद्र के बैनर व होर्डिंग भी लगवाए गए थे। गुरुनानक कन्या इंटर कालेज में एक बूथ माडल पिंक बूथ बनाया गया जहां मतदान कार्मिक भी महिलाएं ही थीं। दिव्यांग मतदाताओं के लिए कई कमोबेश हर मतदान केंद्र पर नगरपालिका की ओर से ट्राइसाइकिलें और दो दो कर्मियों को लगाया गया था। गर्मी और धूप की वजह से लोगों में अपना वोट डालने की जल्दी थी। मतदान को देखते हुए समूचा बाजार बंद रहा इसलिए लोग चाय पान को भी तरस गए और वोटिंग का यह दौर वोटरों की भीड़ के उतार चढ़ाव के साथ शाम निर्धारित समय तक चलता रहा, जिसमें लगभग वोटरों ने मतदान किया। मतदान के इस महायज्ञ में वोटरों के चेहरों पर उत्साह झलक रहा था तथा दोपहर बाद तक कुछ बूथों पर वोटरों की कतारें भी लगी थीं। पर वोटरों को वोट डालने में आपाधापी का सामना नहीं करना पड़ा।

मदद की बजाए सिरदर्दी बढ़ाते रहे काउंटरकर्मी 

प्रशासन ने मतदाताओं की सुविधा के लिए पोलिंग बूथ के बाहर स्टाल लगवाए थे। वैसे तो यह काउंटर उन लोगों के लिए थे जिनके पास मतदाता पर्ची नहीं पहुंची थी। पर बीएलओ व प्रशासन की लापरवाही के चलते दर्जनों मोहल्लों के लोग पर्ची नहीं पा सके। इन स्टालों पर सुबह से ही भीड़ लग गई। काउंटर पर बैठे कर्मी आने वाले लोगों को वेबसाइट पर अपनी भाग संख्या खोजने का दबाव बनाते रहे। मजे की बात तो यह थी कि इन कर्मियों को खुद वेबसाइट का तक पता नहीं था।

लोकतंत्र के महापर्व में पहली बार भागीदार बने वोटरांे में दिखा खासा उत्साह

चौथे चरण के लिए खीरी लोस में हुए मतदान में सबसे ज्यादा उत्सुकता नए वोटरों में देखने को मिली। जिले में 34 हजार युवा वोटर है, जिन्हांेने अपना मतदान किया। लोकतंत्र के इस महापर्व में पहली बार भागीदार बनने जब इन वोटरांे से पहली बार मत देने के बारे में पूछा गया तो उन्हांेने कहा कि आज से हम भी देश की सरकार बनाने में भागीदार बन गए है। वोट देने के बावत पूछे गए सवाल पर युवाआंे ने कहा कि मेरा वोट देश के सर्वोच्च विकास, राष्ट्रहित में कार्य करने वाली पार्टी, बेहतर सुशासन समेत देश में समृद्धि लाने वाले नेता को गया है।

पर्चियां न मिलने से परेशान हुए मतदाता

मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रयास द्वारा किए गए तमाम प्रयासांे में बीएलआंे ने सेंधमारी कर दी, जिसका खामियाजा यह हुआ कि पर्चियां न मिलने से वोटर अपना मत डालने के लिए परेशान दिखाई दिए।
  यूं तो प्रशासन द्वारा निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए काफी दिनांे से तैयारियां की जा रही थी, लेकिन इन्हीं तैयारियांे में एक कार्य बीएलओ को भी सौंपा गया था कि वह वोटरांे की पर्चियां उनके घर तक पहंुचाए। कार्य में लापरवाही बरत बीएलओ ने अपना कार्य सही ढंग से नहीं किया। जिसके चलते मतदाता काफी परेशान नजर आए। किसी तरह नेट के माध्यम से सम्बन्धित साइट पर अपनी भाग संख्या खोज कर लोकतंत्र के इस महापर्व में भागीदार बने।

वोटर लिस्टों की गड़बड़ियां हुई उजागर

हालांकि प्रशासन की ओर से चैकस इंतजामों के दावे किए गए थे। लेकिन तमाम मतदान केंद्रों पर पहुंचे वोटरों को लिस्टों और पर्चियों में हुई गड़बड़ियों के चलते परेशान होना पड़ा। कमोवेश हर केंद्र पर ऐसे दर्जनों वोटर मिले, जिन्होने लिस्टों में नाम न होने या पर्चियां समय से न मिलने की शिकायतें कीं। यही नहीं बीएलओ द्वारा बांटी गई पर्चियों में फोटो, नाम या निवास स्थान गलत लिखे होने के मामले भी सामने आए। 95 वर्षीय रिटायर्ड फौजी निर्मल सिंह जब अपनी पत्नी रसविंदर सिंह के साथ मतदान केंद्र पर पहुंचे तो उनकी पत्नी की फोटो की जगह एक दूसरी युवा महिला की फोटो लगी थी, इसलिए उन्हें वोट डालने में दिक्कत आई। मोहल्ला कुम्हारन टोला के उपेंद्र सिंह और उनकी पत्नी का नाम तो लिस्ट में था लेकिन उनके पुत्र व बेटी के नाम गायब थे। इसी मोहल्ले के अभिषेक शुक्ला का नाम पिछली वोटर लिस्ट में था, लेकिन इस बार उन्हें मतदान से वंचित रहना पड़ा। ऐसी समस्याओं का बूथों पर तैनात कार्मिक या बीएलओ कोई निदान नहीं कर सके।

एलबीएस में देर से शुरु हुई वोटिंग, बसही में मतदान बहिष्कार

गोला के लालबहादुर शास्त्री इंटर कालेज मतदान केंद्र पर पोलिंग एजेंटों के समय से न पहुंचने के कारण वोटिंग करीब आधा घंटा देर से शुरु हो पाया और वोटर परेशान होते रहे। उधर ग्राम मदारपुर बसही के ग्रामीणों ने इस कारण दोपहर बाद तक वोट नहीं डाले, क्योंकि उनका बूथ पिछले चुनावों में गांव के ही विद्यालय में था। लेकिन इस बार यह बूथ गांव से करीब दो किमी दूर ग्राम बांसगाव में बना दिया गया था। इसके अलावा विकास कार्य न कराए जाने पर भी ग्रामीण क्षुब्ध थे। इस कारण कोई भी ग्रामीण वोट डालने नहीं गया और बांसगांव में दोपहर दो बजे तक दो वोट ही पड़ पाए थे। ग्रामीणां ने इसका आरोप बीएलओ व ग्राम प्रधान पर थोपा है। हालांकि यहां इस बार कुछ राजनीतिक दलों के नेता तो वोटरों को मनाने पहुंचे, लेकिन कोई अधिकारी न आने से उनमें नाराजगी देखी गई। दिलचस्प बात यह है कि विधानसभा चुनाव 2017 में भी यहां के ग्रामीणों ने विकास न होने की बात के लिए आरोपित करते हुए मतदान का विरोध किया था।

मतदान कार्मिक भी रहे परेशान 

मतदान से पहले प्रशासन की ओर से विधानसभ क्षेत्र के सभी बूथों पर चैकस इंतजाम व वोटरों के लिए र्प्याप्त जनसुविधाओं का दावा किया गया था। लेकिन पीआईसी मतदान केंद्र पर तैनात चार दर्जन से अधिक मतदान कार्मिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। यहां शौचालयों व पेयजल की व्यवस्था भी ढुलमुल रही। चीनी मिल मतदान केंद्र पर एक टेट में हेल्प डेस्क सहित पोस्टर लगाए गए थे। लेकिन वहां कर्मचारी नदारत रहे।

दिव्यांग व वृद्धो को स्वयंसेवकों ने बूथ तक पहुचाने में की मदद

युवराज दत्त महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की टैगोर इकाई के स्वयंसेवकों ने कॉर्डिनेटर डॉ. सुभाष चंद्रा के निर्देशन में मतदान केंद्र उच्च प्राथमिक विद्यालय छाउछ पर दिव्यांग एवं वृद्ध मतदाताओं की मतपर्ची निकलवाने तथा उनको बूथ तक पहुंचाने का पुनीत कार्य किया। टैगोर इकाई के स्वयंसेवको ने बड़े उत्साह के साथ मत डालने आए सभी दिव्यांग जनों की सहायता कर लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त कर शत-प्रतिशत मतदान करने का आवाहन किया। साथ ही डॉ. सुभाष चन्द्रा ने देश के महात्योहार लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2019 के अंतर्गत खीरी लोकसभा सीट के लिए मतदान केंद्र (बूथ) पर सबसे पहले वोट डालकर जागरूक मतदाता के कर्तव्य का निर्वहन किया।

सौ बरस की देववती देवी शर्मा ने किया मतदान

बुढ़ापे ने भले ही हाथ-पैरों को कमजोर कर दिया हो, परंतु राष्ट्र प्रेम को कम नहीं कर पाया। यहीं कारण था कि 100 बरस की उम्र में भी देववती देवी शर्मा अपने मताधिकार का उपयोग करने पोलिंग बूथ पर पहुंच गई।
  लखीमपुर शहर के मोहल्ला मोर्य नगर कॉलोनी निवासी देव वती देवी शर्मा (100) पत्नी स्व. टेकराम शर्मा अपने बुढ़ापे से तो परेशान हैं ही, हाथ-पैर सही से काम नहीं कर रहे है, जिससे चलने में ज्यादा परेशानी होती है। बिना सहारे के दो कदम चलना उनके लिए मुश्किल है, परंतु इसके बावजूद वह अपने मताधिकार का प्रयोग करने सोमवार की दोपहर करीब एक बजे अपने परिवार के साथ पोलिंग बूथ पर पहुंची। उन को सहारा देने के लिए जहां उनके पुत्र सुभाष शर्मा व बहु मीना शर्मा साथ थे, तो वहीं दो पोते अनुभव और वैभव के साथ उनकी बेटी सरोज शर्मा व नाती आशुतोष कडवाल भी पहुंचे थे। सभी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। सौ बरस की उम्र में भी अपने मताधिकार के लिए जो जज्बा देववती देवी शर्मा में लोगों ने देखा उसे देख कर लोगों में भी अपने मताधिकार के प्रति जागरूकता बढ़ी है। मतदान केंद्र पर उन्हें देखने वालों ने उनकी प्रशंसा भी की। देववती देवी शर्मा के परिवार ने लोकतंत्र में सहभागिता के लिए एक मिसाल पेश की है। यही नहीं अन्य बूथांे पर भी बुजुर्गों ने मत देकर लोकतंत्र में भागीदारी निभाई।

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