Sunday, April 14, 2019

मिनी श्रीवास्तव के नृत्य व नाटक गंगा अवतरण ने समां बांधा

  • डॉ सूर्य कान्त त्रिपाठी को मिला तुलसी गौरव सम्मान-2019
  • भारतीय नववर्ष मेला एवं चैती महोत्सव-2019 की नवीं सांस्कृतिक संध्या

जनमाध्यम ब्यूरो
लखनऊ। श्रीराम लीला समिति ऐशबाग के तुलसी शोध संस्थान के तत्वावधान में श्रीराम लीला परिसर के प्रांगण में चल रहे भारतीय नववर्ष मेला एवं चैती महोत्सव-2019 की नवीं सांस्कृतिक संध्या में आज मिनी श्रीवास्तव के नृत्य व नाटक गंगा अवतरण ने समां बांधा।
समारोह में श्रीराम लीला समिति के सचिव पंडित आदित्य द्विवेदी और अध्यक्ष हरीश चन्द्र अग्रवाल ने डॉ सूर्य कान्त त्रिपाठी को क्षय रोग का समाज में फैली गलत भ्रान्तियों को दूर करने एवं क्षय रोग के समापन में अग्रणी भूमिका के निर्वाहन के लिए तुलसी गौरव सम्मान-2019 से सम्मानित किया।
संगीत से सजे कार्यक्रम का आरम्भ मिनी श्रीवास्तव व साथी कलाकारों ने कृष्ण लीला नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का दिल जीता। मिनी श्रीवास्तव के नृत्य निर्देशन में श्रेति, मौली, सृष्टि, रेनी, पावनी, नन्दनी, पिहु, अंशिका और आन्या ने गोविन्द बोलो हरि गोपाल, रोली, शुभा, किरन, सरिता, प्रियंका, सुधा, संध्या, रितु, मधु ने जन्मे हैं कृष्ण कन्हाई, नन्दनी, भाग्यश्री, अक्षरा, पिहु, अंशिका, रिदिशा, पहल, अर्पिता और वैष्णवी ने कान्हा सोजा, अनुष्का श्रीवास्तव ने मुकुन्दा मुकुन्दा पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को भगवान श्रीकृष्ण की बाललीलाओं को प्रस्तुत कर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। इसी क्रम में कोमल, सृष्टि, पावनी, श्रेती, रेनी, शाम्भवी और मौली ने गोवर्धन लीला प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्र मुग्ध किया।
मन को मोह लेने वाली इस प्रस्तुति के उपरान्त मंजू सिंह ने स्तुति नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को भाव विभोर किया। इसी क्रम में मंजू और सत्येन्द्र ने श्रीराम चन्द्र कृपाल भजमन पर नृत्य कर दर्शकों को भगवान श्रीराम के साक्षात दर्शन करवाए। इसी क्रम में मंजू, लवली, अनुराधा, रिचा, सुनीता और रीना ने गमा गमा पा पर नृत्य कर दर्शकों को मंत्र मुग्ध किया। मंजू, मनीषा, अनुराधा और मोहनी ने ठुमरी रंगी सारी चुनरिया पर आकर्षक नृत्य कर दर्शकों का दिल जीता। इसके अलावा खुशी रायजादा एवं मेधावी रायजादा ने दुर्गा वंदना पर नृत्य करते हुए भगवती देवी दुर्गा के नवों रूपों के दर्शन करवाए।
चैती महोत्सव के आकर्षण का केन्द्र बिन्दु रही भास्कर नाट्य कला केन्द्र कोलकाता की नृत्य नाटिका गंगा अवतरण। नाटक गंगा अवतरण के सारानुसार सागर राजा के विवाह के उपरान्त कई वर्षो तक कोई संतान न होने के कारण उन्होंने भगवान शंकर का तप किया। सागर की तपस्या से प्रसन्न होकर शंकर जी ने उनको वरदान दिया, जिसके कारण उनकी पत्नियांे को 60 हजार पुत्र पैदा हुए। पुत्रों के बडे होने पर सागर ने अश्वमेघ यज्ञ किया। इस यज्ञ के उपरान्त सफेद अश्व छोड़ा गया। इस बात को जानकर इन्द्र देव ने उस अश्व को कपिलमुनि के आश्रम में बांध दिया। सागर की सेना व पुत्रों ने जब देखा कि वह अश्व मुनि के आश्रम में बंधा है जिस पर उन्होंने मुनि से कहा कि वह अश्व उन्हें वापस कर दें। वाद-विवाद बढ़ने पर कपिलमुनि ने 60 हजार पुत्रों को श्राप दे दिया, जिसके कारण सारे पुत्र भस्म हो गए। इस घटना से आहत हो सागर ने 4 पीढ़ी तक तप किया, बावजूद इसके सारे पु़़त्र भस्म रहे। इसके बाद राजा भगीरथ ने भगवान ब्रह्मा और भगवान शंकर की तपस्या की। शिव जी ने तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा जी को अपनी जटा से मुक्त कर दिया, लेकिन गंगा जी जटा में उलझ गई, इसके बाद उन्होंने पुनः शिव जी से विनती कि वह अपनी जटा खेल दें, इसके बाद भगवान शंकर ने अपनी जटाओं को खेल दिया और गंगा जी बड़ी वेग से धरती पर अवतरित हुई और कपिलमुनि के आश्रम से होते हुए वह आगे बढ़ गई, जिसके कारण सागर के 60 हजार पुत्र पुनः जीवित हो गए, यहीं पर नाटक समाप्त होता है। नाटक का निर्देशन भास्कर बोस और नृत्य निर्देशन सुमिता दत्त ने किया। 

कल के कार्यक्रम

15 अप्रैल को सृजन प्रोफार्मिंग आर्ट द्वारा राजस्थानी नृत्य माला, जपेश तलवार का बैण्ड प्रस्तुतिकरण, तनुश्री-दिया चन्द्रा ग्रुप का स्तुति नृत्य, यशी शुक्ला का कथक नृत्य, पायनियर माण्टेसरी स्कूल का विविध नृत्य और मुबंई के बंदा बैरागी बैण्ड का मुबंई की अनोखी शीर्षक से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा।

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