Friday, April 26, 2019

पिछले पांच वर्षो में दिल्ली तक नहीं पहुँच पायी धौरहरा की आवाज़

  • क्षेत्रवासियों को सालती रही सांसद रेखा वर्मा की चुप्पी 
  • जस की तस बनी हुई है समस्याएं 

बिपिन मिश्र 
लखीमपुर-खीरी। वर्ष 2014 में केन्द्र में बनी भाजपा की पूर्ण बहुमत से बनी एनडीए सरकार ने देश के सभी वर्गों के विकास के लिए अनेकों योजनाएं चालू की, परन्तु दुर्भाग्य से उक्त योजनाआंे को लाभ समाज के किसी भी वर्ग को नहीं मिल सका, तथा देश के पिछड़े, दलित एवं आर्थिक रूप से कमजोर लोगांे की पंक्ति में लगे अंतिम व्यक्ति को उक्त योजनाआंे का लाभ नहीं पहंुच सका, जिसके फलस्वरूप देश में बेरोजगारी का स्तर पूर्ववत् रहा तथा भ्रष्टाचार पर भी अंकुश आंशिक रूप से ही लगा था, जनपद खीरी की 29 धौरहरा संसदीय क्षेत्र की भाजपाई सांसद श्रीमती रेखा वर्मा पर यह आरोप लगाने में किसी शक की गंुजाइश नहीं है कि उनके क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, शौचालय निर्माण योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, आयुष्मान भारत योजना जैसी तमाम अनेकों योजनाआंे की जानकारी जनता को नहीं मिल सकी। जिससे धौरहरा संसदीय क्षेत्र की जनता भ्रष्टाचार की पीड़ा को सहन ही किया साथ ही रोजगार से वंचित ही रही। इस बात के आंकड़े किसी स्तर प्राप्त नहीं हो सके, कि धौरहरा संसदीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में कितने लोगांे को रोजगार से पूरित किया गया, जबकि प्रधानमंत्री श्री मोदी अपने चुनावी भाषणों में इस बात का जमकर प्रसार करते दिखे गए है। परन्तु जनपद खीरी के धौरहरा संसदीय क्षेत्र में एक भी व्यक्ति का नहीं मिला उक्त योजना का लाभ मिला हो, क्षेत्रीय सांसद ने लोगांे को यह जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास किया कि उक्त योजना से किस प्रकार रोजगार प्राप्त किया जा सके। धौरहरा संसदीय क्षेत्र की अधिकांश जनता अशिक्षित है, जिसमें उक्त योजना के बारे मंे यह बताया कि हमार सांसद आज तक बताइबे नाय कहिंन कि प्रधानमंत्री की एैसी कोई योजना हैं, जिससे काम मिल जाए। उक्त संसदीय क्षेत्र में पत्रकारांे की टीम द्वारा प्रधानमंत्री की अन्य लाभ योजनाआंे के बारे में लाभ प्राप्त करने के बारे में पूछा गया तो क्षेत्रीय लोगांे ने सांसद रेखा पर खुला आरोप लगाते हुए कहा कि सांसद ने सारी योजनाएं अपने ही चहेतांे के बीच योजनाआंे का लाभ पहंुचाने का प्रयास किया। क्षेत्रीय सांसद रेखा वर्मा कभी चुनाव जीतने के बाद कभी-कभार क्षेत्र में पहंुची और अपने चहेतांे के बीच बैठ कर समाचार पत्रांे में छपाने हेतु प्रेसनोट तैयार कराकर पूरे पांच वर्षों तक सस्ती लोकप्रियता बटोरने मंे लगी रही। बाढ़, संक्रमण तथा भ्रष्ट अधिकारियांे के शोषण से जूझ रही जनता के बीच सांसद रेखा वर्मा कभी पहंुची ही नहीं। चर्चा इस बात की है कि उन्हांेने अपने चहेतों को प्रशासनिक अधिकारियांे से सांठ-गांठ कर ठेके दिलवाए और भारी कमीशन अर्जित किया, इसके विपरीत वर्ष 2019 के लोकसभाई चुनाव में कांगे्रस के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे जितिन प्रसाद ने क्षेत्र की जनता का हाल-चाल तो लिया ही तथा भरपूर सहयोग किया परन्तु केन्द्र व राज्य में उनके दल की सरकार न होने के कारण जितिन प्रसाद जनता को वांछित लाभ नहीं पहंुचा पाए, क्षेत्रीय जनता जिनमें अधिकतर ऐसे ही युवा वर्ग के लोग है जो अपने मतदान का प्रयोग पहली बार करने जा रहे है, का कहना है कि वह अपना मत युवा सांसद जितिन प्रसाद को देकर उन्हंे संसद भेंजेगे, सरकार चाहे मोदी की बने या गठबंधन की परन्तु उन्हंे युवा एवं जुझारू कांग्रेसी नेता जितिन प्रसाद सदन में उनके क्षेत्र के लोगांे की पीड़ा के प्रति सवाल-जवाब तो कर सकेंगे। जबकि रेखा वर्मा बीते पांच वर्षों में एक बार भी क्षेत्र की जनता की समस्याआंे को अपने ही दल की सरकार के समक्ष नहीं रखा। 

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