- मतदाता भाजपा को ढकेल सकते है नंबर तीन पर
बिपिन मिश्र लखीमपुर-खीरी। जहां एक ओर बढ़ती गर्मी के साथ मोदी की लहर भी तेजी से बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर भाजपा के कुछ मुढ्ढे जिन पर मोदी की लहर का नकारात्मक प्रभाव पड़ता नजर आ रहा है, इन्हीं में से जनपद खीरी की 29 धौरहरा संसदीय क्षेत्र से 2014 की संसदीय चुनाव में भाजपा के टिकट पर पहली बार मोदी लहर के सहारे सांसद बनी श्रीमती रेखा वर्मा जिनके पास इस लोकसभाई चुनाव में क्षेत्र के मतदाताआंे को दिखाने लायक ऐसा कोई जनकल्याणकारी कार्य नहीं किया है, जो उनके द्वारा सम्पन्न कराया गया है, यहां तक श्रीमती रेखा वर्मा ने केन्द्र सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रमांे को निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ पूर्ण कराने में पूरी तरह से निष्क्रियता दिखाई तथा पांच साल में क्षेत्र की जनता से दूरी ही बनाई रखी।
जिसके चलते आज आम मतदाता उनसे बहुत ही खिन्न होकर अपना मत उनके पक्ष में न करने का मन बना लिया है, धौरहरा संसदीय क्षेत्र से धरातल पर पत्रकारांे की टीम द्वारा किए गए चुनावी सर्वेक्षण से इस बात की पुष्टि हो रही है कि श्रीमती वर्मा को क्षेत्र के मतदाता इन चुनावांे में संसदीय की देहरी पार नहीं करने देंगे।
दूसरी ओर रेखा वर्मा सहित उनके समर्थकांे का कहना है कि कांग्रेस के प्रत्याशी के संसदीय क्षेत्र चुनावी लड़ाई से बाहर है और उनकी लड़ाई बहुजन समाज पार्टी के अरशद सिद्दीकि से है। धौरहरा संसदीय क्षेत्र से पूर्ण रूप से लोकप्रिय प्रत्याशी के रूप में पहचाने जाते है। बीते वर्ष 2014 के चुनाव में समाजवादी पार्टी एवं बहुजन समाज पार्टी अलग-अलग चुनाव लड़े थे, जिन्हंे लगभग साढ़े चार लाख मत मिले थे। जिसमें बसपा प्रत्याशी दाउद अहमद को लगभग ढाई लाख तथा सपा प्रत्याशी आनन्द भदौरिया को दो लाख मत प्राप्त हुए। कांग्रेस के प्रत्याशी को लगभग एक लाख सत्तर हजार मत प्राप्त हुए। वर्तमान संसदीय चुनाव में सपा और बसपा एक साथ मिल कर चुनाव लड़ रहे है, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी जितिन प्रसाद जिनकी क्षेत्र में अच्छी पैठ है तथा वर्ष 2014 में चुनाव हारने के बाद भी वह क्षेत्र की जनता के बराबर संपर्क में रहे और उनके कष्टांे के निवारण हेतु संघर्षरत रहे, इससे क्षेत्र की जनता जितिन प्रसाद के प्रति संवेदनशील है।
जितिन प्रसाद द्वारा केन्द्र में भाजपा सरकार रहते हुए भी क्षेत्र में अनेक विकास कार्य करवाए। सड़कें एवं पुलियांे का निर्माण करवाया, जिसे धौरहरा संसदीय क्षेत्र की जनता मजबूर है, परन्तु दुर्भाग्य है कि मदमस्त हुई भाजपाई प्रत्याशी श्रीमती रेखा वर्मा कांग्रेस प्रत्याशी को चुनावी लड़ाई से बाहर मानती है। वास्तविकता तो यह है कि गठबंधन के प्रत्याशी अरशद सिद्दीकि को बहुजन समाज पार्टी के बहुमत के मत नहीं मिलते दिख रहे है व बाहरी प्रत्याशी होने के नाते उनके पर जनता विश्वास नहीं करती है। इस समीकरण के चलते दलित मतदाता और आंशिक रूप से मुस्लिम मतदाता जितिन प्रसाद के पक्ष में मतदान करने का मन बना चुका है।
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