- रेखा को जिताने के लिए लगे हैं दिग्गज
- इस बार रेखा वर्मा की धौरहरा में खराब नजर आ रही स्थिति
- खीरी लोकसभा के निवर्तान सांसद भी जुटे चुनाव प्रचार में
बिपिन मिश्र लखीमपुर-खीरी। धौरहरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहीं रेखा वर्मा की चुनावी नैय्या डगमगा रही है। इसकी असल वजह रेखा वर्मा का विकास कार्यों से विरत रहना और पार्टी कार्यकर्ताओं से दूरी बनाना है। अब हालांकि वह अपनी पोजीशन बचाने के लिए स्वयं रोज ही दौरे व भ्रमण कर रही हैं लेकिन फिर भी मतदाता उनके पाले में आते नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में वह मोदी के नाम का सहारा लेकर चुनाव जीतने की गणित लगा रही हैं।
2014 में भाग्य के सहारे सांसद बनीं रेखा वर्मा के लिए इस बार का चुनाव कांटों भरा है। इसकी एक वजह कि उनके पास बताने को कुछ नहीं है और दूसरी वजह दिखाने को भी कुछ नहीं। धौरहरा संसदीय क्षेत्र तो दूर की बात है वह अपने गोद लिए गांव का ही विकास तक नहीं करा सकीं। चुनाव जीतने के बाद वह जनता से बिल्कुल दूर हो गईं। कार्यकर्ताओं से भी दूरी बना लीं। यदा-कदा कुछ जगहों पर वह औपचारिकता पूरी करतीं जरूर नजर आईं। जनता द्वारा की जाने वाली मांग पर ध्यान न देना भी मतदाताओं की नाराजगी का अहम कारण है।
इस चुनाव को जीतने के लिए वह पूरी तरह हाथ-पांव मारने में जुटी हैं। लेकिन फिर भी उन्हें संतोषजनक उत्तर मिलता नजर नहीं आ रहा है। अपने क्षेत्र में कमजोर प्रत्याशी का नजर आना भाजपा को भी खल रहा है। यही वजह है कि खीरी लोकसभा के निवर्तमान सांसद अजय मिश्र टेनी भी उनके ही संसदीय क्षेत्र में चहलकदमी कर मतदाताओं को उनके पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी मेहनत कितनी रंग लाएगी यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। फिलहाल रेखा वर्मा के लिए यह चुनाव जीतना लोहे के चने चबाने जैसा नजर आ रहा है।
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