डाक्टर अखलाक अहमद खां
लखीमपुर खीरी। देश को आजाद हुए ७३ शाल बीत गए लेकिन लाल फीता साही का जलसा आज भी कायम है। थाना ईशानगर के ग्राम काजीपुर निवासी १०६ वर्षीय मंगलशाह जिनको थाने की पुलिस ने मुकदमा अपराध संख्या २०७/१५, धारा ३७६,५०६ (२) ४ जुलाई २०१५ को जेल भेजा था। उस समय पुलिस ने मंगल शाह की आयु ८७ वर्ष दरसाई थी। मंगल शाह को पूरा भरोसा था कि जज साहब मेरी आयु सेहत देखकर न्याय देंगे। परन्तु सत्र न्यायाधीश ने मंगल शाह को आजीवन कारावास की सजा दे दी।मंगल शाह ने उसकी भी अपील नहीं की ? क्यों कि मंगल शाह को जेल में अधिकारियों व कर्मचारियों से काफी सम्मान मिल रहा था । कारण वस मंगलशाह घर जाना भी नहीं चाहते थे। कल शाम मंगलशाह का देहांत हो गया।जेल प्रशासन ने मंगलशाह के शव को पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया। बताते हैं २०१५ मंगलशाह व गांव के ही मुन्ना खां से खेत को लेकर झगड़ा हो गया था। मेड़ पर खड़े पेड़ों को मुन्ना ने ट्रैक्टर से जुतवा दिया था। तत्पश्चात मंगलशाह ने खेत की नाप जोख कराई और जिस स्थान पर पेंड़ लगे थे उसके बाद भी मंगल शाह का था। जिससे छुबध होकर मुन्ना ने नाबालिग एक बिटिया को बुलाकर मंगलशाह को ३७६,५०६(२) जैसे गंभीर मामले में जेल भेजवा दिया था।

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