लखनऊ। एच जी फाउंडेशन के तत्वाधान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर रहीम नगर में संगोष्ठी का आयोजन किया गया । संगोष्ठी के माध्यम से संस्था के अध्यक्ष अमित कुमार त्रिपाठी जी ने अपने संबोधन में बताया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। खासतौर पर अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में आज भारत विश्व के चुनिंदा देशों में शामिल है, जिसने चंद्रयान और मंगलयान की सफलता सहित सर्न एवं तीस मीटर टेलिस्कोप जैसी अनेक अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं में अपनी सक्रिय भागीदारी से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अपनी क्षमता का परिचय दिया है । साथ ही परम् सुपर कंप्यूटर के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय कंप्यूटर वैज्ञानिक डॉ विजय भटकर के बारे में भी अवगत कराया ।
विज्ञान की अनुप्रयोग के महत्व के संदेश को व्यापक तौर पर प्रसारित करने के लिए हर वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। इस आयोजन के द्वारा मानव कल्याण के लिए विज्ञान के क्षेत्र में घटित होने वाली प्रमुख गतिविधियों, प्रयासों और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाता है। विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्यरत महान भारतीय वैज्ञानिक सर सी.वी. रामन द्वारा अपनी खोज को सार्वजनिक किए जाने की स्मृति में किया जाता है। विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले रामन पहले एशियाई थे। उनका आविष्कार उनके ही नाम पर ‘रामन प्रभाव’ के नाम से जाना जाता है।इस संगोष्ठी में संस्था के मुकेस गौतम,अमित वर्मा ,दूरदर्शन के मेराज ,सौरभ ,आबिद राजा ,राकेश कुमार अन्य पदाधिकारियों के साथ महानगर के युवा उपस्थित रहे।
विज्ञान की अनुप्रयोग के महत्व के संदेश को व्यापक तौर पर प्रसारित करने के लिए हर वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। इस आयोजन के द्वारा मानव कल्याण के लिए विज्ञान के क्षेत्र में घटित होने वाली प्रमुख गतिविधियों, प्रयासों और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाता है। विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्यरत महान भारतीय वैज्ञानिक सर सी.वी. रामन द्वारा अपनी खोज को सार्वजनिक किए जाने की स्मृति में किया जाता है। विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले रामन पहले एशियाई थे। उनका आविष्कार उनके ही नाम पर ‘रामन प्रभाव’ के नाम से जाना जाता है।इस संगोष्ठी में संस्था के मुकेस गौतम,अमित वर्मा ,दूरदर्शन के मेराज ,सौरभ ,आबिद राजा ,राकेश कुमार अन्य पदाधिकारियों के साथ महानगर के युवा उपस्थित रहे।
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