बिपिन मिश्र
मोहम्मदी-खीरी। होली नजदीक आते ही बाजारों में रौनक बढ़ गई है। जगह-जगह रंग, अबीर, गुलाल और पिचकारियों की दुकानें सज गईं हैं। दुकानों पर खरीददारों का आना भी शुरू हो गया है। होली के त्यौहार पर पहले चार-पांच दिन बाजारों में भीड़ होने लगती थी, लेकिन इस बार मंहगाई तथा फसल का सही मूल्य न मिलने से परेशान आम आदमी तथा किसानों में त्यौहार के प्रति कोई खास उत्साह नहीं रहा। यही कारण है कि अभी तक होली की खरीददारी न होने से बाजारों में सन्नाटा रहा। हालांकि दुकानदार पिछले एक पखवारे से ग्राहकों का इंतजार कर रहे थे। अब त्यौहार के चंद दिन बचे हैं, इसलिए सड़कों पर रंग, अबीर, गुलाल और पिचकारियों की दुकानें लग गई हैं। लोग भी होली की खरीददारी के लिए आने लगे हैं।
बाजार में इस समय रंग की कीमत 200 से 300 रुपए किलो, जबकि और अबीर गुलाल 100 से डेढ़ सौ रुपए किलो है। वहीं पांच रुपए से लेकर 500 रुपए तक कीमत की पीतल, लोहे व प्लास्टिक की तरह-तरह की पिचकारियां बिक रहीं हैं। तहसील रामलीला गेट गांधी पार्क मुख्य बाजार में पिचकारी और रंग की दुकान किए दिनेश सक्सेना ने बताया कि उसके यहां बच्चों की पसंद की ड्रेगन, वंडरकूल, मोमो और एके-47 समेत अनेक नामों की पिचकारियां उपलब्ध हैं। नेताओं और फिल्म स्टारों के नाम और फोटो वाली रंग-बिरंगी पिचकारियां भी हैं। एक पिचकारी की कीमत पांच रुपए से 500-600 रुपए तक है। इसके अलावा 35 रुपए से 40-50 रुपए तक की सिर पर पहनने वाली पगड़ियां और सजावटी बाल, दाढ़ी व मूंछ भी बिक्री के लिए भी उपलब्ध है।
मोहम्मदी-खीरी। होली नजदीक आते ही बाजारों में रौनक बढ़ गई है। जगह-जगह रंग, अबीर, गुलाल और पिचकारियों की दुकानें सज गईं हैं। दुकानों पर खरीददारों का आना भी शुरू हो गया है। होली के त्यौहार पर पहले चार-पांच दिन बाजारों में भीड़ होने लगती थी, लेकिन इस बार मंहगाई तथा फसल का सही मूल्य न मिलने से परेशान आम आदमी तथा किसानों में त्यौहार के प्रति कोई खास उत्साह नहीं रहा। यही कारण है कि अभी तक होली की खरीददारी न होने से बाजारों में सन्नाटा रहा। हालांकि दुकानदार पिछले एक पखवारे से ग्राहकों का इंतजार कर रहे थे। अब त्यौहार के चंद दिन बचे हैं, इसलिए सड़कों पर रंग, अबीर, गुलाल और पिचकारियों की दुकानें लग गई हैं। लोग भी होली की खरीददारी के लिए आने लगे हैं।
बाजार में इस समय रंग की कीमत 200 से 300 रुपए किलो, जबकि और अबीर गुलाल 100 से डेढ़ सौ रुपए किलो है। वहीं पांच रुपए से लेकर 500 रुपए तक कीमत की पीतल, लोहे व प्लास्टिक की तरह-तरह की पिचकारियां बिक रहीं हैं। तहसील रामलीला गेट गांधी पार्क मुख्य बाजार में पिचकारी और रंग की दुकान किए दिनेश सक्सेना ने बताया कि उसके यहां बच्चों की पसंद की ड्रेगन, वंडरकूल, मोमो और एके-47 समेत अनेक नामों की पिचकारियां उपलब्ध हैं। नेताओं और फिल्म स्टारों के नाम और फोटो वाली रंग-बिरंगी पिचकारियां भी हैं। एक पिचकारी की कीमत पांच रुपए से 500-600 रुपए तक है। इसके अलावा 35 रुपए से 40-50 रुपए तक की सिर पर पहनने वाली पगड़ियां और सजावटी बाल, दाढ़ी व मूंछ भी बिक्री के लिए भी उपलब्ध है।
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