Wednesday, April 10, 2019

तीन जिलों में फैला है मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र

  • 32-लोकसभा क्षेत्र मिश्रिख एक नज़र में 
मुईज़ साग़री
सण्डीला-हरदोई। मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र में तीन जिलों में हरदोई सीतापुर कानपुर जनपद की पांच विधानसभा सीटों को मिलाकर बनी है। मिश्रिख महर्षि दधीच की वजह से भी जानी जाती है इसका अपना धार्मिक महत्व है और सण्डीला अपने लड्डूओं के कारण दूर तक जाना जाता है अगर इतिहास की बात कही जाए तो मिश्रिख लोकसभा सीट 1962 में वजूद में आई और शुरुआत से ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रही 11 बार के लोकसभा चुनाव में यहां 7 बार कांग्रेस विजयी हुई-2014 के चुनाव में मोदी लहर के सहारे बीजेपी की अंजूबाला यहां से जीतने में सफल रही और इस बार भाजपा ने मौजूदा सांसद अंजूबाला को टिकट न देकर विगत दिनों भाजपा में शामिल हुए अशोक रावत को प्रत्याशी बनाया है जबकि सपा बसपा गठबंधन से नीलू सत्यार्थी को प्रत्याशी बनाया गया है और कांग्रेस ने क्षेत्र के जाने पहचाने चेहरे पूर्व प्रत्याशी ओम प्रकाश को टिकट न देकर पूर्व केंद्रीय मंत्री रामलाल राही की पुत्रवधू मंजरी राही को अपना प्रत्याशी बनाया है।  प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने प्रदेश की पूर्व मन्त्री अरुणा कोरी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। मिश्रिख लोकसभा के नाम से जानी जाने वाली इस सीट में सीतापुर जनपद की एक विधानसभा मिश्रिख हरदोई जनपद से तीन विधानसभा ब सण्डीला बालामऊ मल्लावां व कानपुर जनपद की बिल्लौर विधानसभा क्षेत्र शामिल है अब देखना यह है कि यहां के कुल 1725589 मतदाता किसे अपना सांसद चुनकर भेजते हैं इस सीट पर रोचक मुकाबला होने के आसार साफ है दिखाई दे रहे हैं।

पिछले चुनाव का परिणाम-

2014 के लोकसभा चुनाव में मिश्रिख संसदीय सीट पर 57.86 फ़ीसदी मतदान हुआ था बीजेपी उम्मीदवार अंजू बाला ने बसपा उम्मीदवार अशोक रावत को 87363 वोटों से मात दी थी बीजेपी की अंजू बाला को 412575 वोट मिले थे बसपा के अशोक कुमार रावत को 325212 वोट मिले थे सपा के जयप्रकाश को 194759 वोट मिले और कांग्रेस के ओम प्रकाश को 33075 वोट मिले थे। विधानसभा वार मतदाता मिश्रिख विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 330249 मल्लावां में 349773 बालामऊ में 339129 संडीला में 328698 व बिल्लौर में 377346 मतदाता है।

अब तक चुने गए सांसद

1962 में यहां पर पहली बार हुए चुनाव में जनसंघ के गोकरण प्रसाद ने जीत हासिल की इसके बाद 1967 व 1971 में कांग्रेस के संकटा प्रसाद जीते आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में भारतीय लोक दल से रामलाल राही ने जीत हासिल की जिसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए और राही 1980 में भी जीतने में सफल रहे अगले चुनाव में कांग्रेस ने 1984 में संकटा प्रसाद को टिकट दिया और उन्होंने भी जीत हासिल की 1989 में हुए चुनाव में पुन: राम लाल राही ने जीत हासिल की इसके बाद राम लहर में भी 1991 में कांग्रेस से रामलाल राही जीते और पी वी नरसिंह राव की केंद्र सरकार में गृह राज्य मंत्री बने इसके बाद 1996 में परागीलाल बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर उतर कर पहली बार कमल खिलाने में कामयाब रहे कांग्रेस तब से आज तक इस सीट पर अपनी जीत दर्ज नहीं करा सकी। 1998 में यहां बसपा के राम शंकर भार्गव जीते 1999 में सपा की सुशीला सरोज जीत कर लोकसभा पहुंची।2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में यहां अशोक रावत बसपा उम्मीदवार के तौर पर जीते लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के सहारे बीजेपी की अंजू बाला जीतने में कामयाब रही और अब 2019 के आम चुनाव में  समय ही बताएगा कि ये चुनावी ऊंट किस करवट बैठेगा।

No comments:

Post a Comment

Please share your views

सिर्फ 7,154 रुपये में घर लाएं ये शानदार कार

  36Kmpl का बेहतरीन माइलेज, मिलेगे ग़जब के फीचर्स! | Best Budget Car in India 2024 In Hindi b est Budget Car in India: कई बार हम सभी बजट के क...