स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुस्लिम महिलाओं ने गाया 'जन गण मन'
लखनऊ: 15 अगस्त यौमे आजादी व रक्षाबंधन का पर्व महिलाओ के उत्थान के लिए कार्य करने
वाली अग्रणी व समाज सेवी संस्थान
बज्म-ऐ-ख्वातीन की अध्यक्षा बेगम शहनाज शिदारत की सदारत में जनाना पार्क,
अमीनाबाद, लखनऊ में धूम धाम से मनाया गया। इस अवसर पर देश की आजादी के
लिए शहीद स्वतन्त्रता सेनानियों व देश के वीर सैनिको को याद करते हुए अपने विचार
रखे। महिला वक्ताओं ने अपने तकरीर में कहाकि हमारा वतन सारे जहां से अच्छा है,
हमे हिंदुस्तानी होने का गर्व है, हमारा इतना बड़ा मुल्क जो कश्मीर से कन्याकुमारी
तक फैला है, जहाँ मुखतालीब
भाषा और मजहब के लोग अलग-अलग वेश भूषा खानपान और रीति रिवाज है, पर सभी एक दूसरे का सम्मान करते है और लेकिन
सबकी रूह में हिन्दुस्तान और मुल्क की मोहब्बत समाहित है, हमारी सेना में सभी मजहब व प्रान्त के लोग है, लेकिन उनकी एकता और ताकत एवं देश के लिए मर
मिटने जज्बा बेमिसाल है। बेगम शहनाज सहित सभी ने कहा कि एक सच्चा देशभक्त ही एक
सच्चा मुसलमान हो सकता है। हम सब पहले हिन्दुस्तानी है। उन्होंने कहाकि जो आजादी
हमारे पूर्वजों ने दी है, हम उसे जाया नहीं
होने देंगे। आपसी भाईचारे के साथ सजो कर रखेंगे, यही नही बल्कि आने वाली नस्लों को भी हमे आपसी सौहार्द,
देशप्रेम और कौमी एकता की तालीम देनी होगी,
डाक्टर तस्लीमा चिस्ती ने शहीद राम प्रसाद
बिस्मिल, भगत सिंह चंद्रशेखर आजाद
आदि वीर शहीदों की कुर्बानी पर रोशनी डालते हुए सरफरोशी की तमन्ना और सारे जहां से
अच्छा हिन्दुस्तान हमारा का तराना पेश किया, जिसमें अपनी आवाज से शाहीन बेगम व अन्य महिलाओं ने देश
प्रेम का जज्बा पेश किया, इसके अलावा
रक्षाबंधन के गीत ‘भइया मेरे राखि
के बंधन को निभाना’ को गा कर कौमी एकता की मिसाल पेश किया, बल्कि बेगम शहनाज शिदारत ने गौरव सिंह, अजय आदि हिन्दू भाइयो को तिलक लगा कर राखी
बांधी तथा भाई के लंबी उम्र की कामना भी की।
अनवर जहां ने कहाकि अगस्त के महीना खुशियों का माह रहा, जिसमें हमे बकरीद, राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस व रक्षाबंधन को सभी ने मिल के मनाया यही कौमी
एकता हमारे देश की ताकत बढ़ाएगा। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान ‘जन गण मन’ गा कर किया गया। उक्त कार्यक्रम में प्रमुख रूप से चाँद
उस्मानी, आसमा, अनिलसा, सुल्ताना जाफरी, रिजवाना मजीद आदि उपस्थित रही। कार्यक्रम का संचालन नशत हयतुलाह ने किया।
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