Wednesday, October 7, 2020

खतरे में पत्रकारिता की विश्वसनीयता

डाक्टर अखलाक अहमद खां

लखीमपुर खीरी। लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ खतरे में पत्रकारिता का उद्देश्य दूर दराज तक निष्पक्ष निर्भीक समाचारों को पहुंचाना था परन्तु आज की पत्रकारिता की परिभाषा ही बदल गई है आज के पत्रकार पत्रकारिकता की आड़ में ठगी बेइमानी लूट ही उद्देश्य रह गया है कोतवाली सदर लखीमपुर में कयी तथा कथित पत्रकारों के विरुद्ध संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं परन्तु  कोतवाली सदर पुलिस की इतनी हिम्मत नहीं है कि किसी को गिरफ़्तार करे अभी पिछले दिनों कोतवाली गोला के ग्राम बतेरा निवासी दलित जय राम जो अपने जवान बेटे का शव लेकर पोस्टमार्टम हाउस पर आया था अच्छी रिपोर्ट बनवाने के नाम पर दो फोन नंबर देकर तीन हजार रुपए ठग ले गये थे जिसकी लिखित शिकायत जयराम ने कोतवाली सदर लखीमपुर से सम्बद्ध पुलिस चौकी जेल से की थी परन्तु कोतवाली पुलिस ने जयराम के प्रार्थना पत्र पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की रही सही कसर तब पूरी होगयी जब  दो हिन्दी दैनिक समाचार पत्रो के संवाददाता ने थाना नीमगांव में घुस पैठ बनाने के लिए भ्रामक समाचार छाप दिया कि नीमगांव थाने में सिपाही ने दहशत फ़ैलाने के उद्देश्य से फायरिंग कर दी फिर क्या था क्षेत्राधिकारी सितांशु कुमार सहित पूरा पुलिस महोकमा दौड़ पड़ा छानबीन के बाद पता चला कि थाने में अपनी घुसपैठ पक्की कर ने के लिए भ्रामक समाचार छापा है समाचार लिखे जाने के समय तक उक्त पत्रकारों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही की गई थी।

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